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ठहाकों में नत्थी सवाल
ऑल दलित लाइन अप के साथ शुरू हुआ कॉमिक ब्रांड 'ब्लू मटीरियल' धीरे-धीरे व्यंग्य की जमीन से उपजा आंदोलन बन रहा है. क्या है 'दलित स्टैंड-अप कॉमेडी' की बुनियादी सोच? और कौन सी मुश्किलें इंतजार कर रही हैं इन हंसी के जादूगरों की राह में
इंडो-जापान @2030 कॉन्क्लेव
नई दिल्ली में हुए दूसरे भारत जापान कॉन्क्लेव में विशेषज्ञ, नीति निर्माता और सांस्कृतिक राजदूत दोनों देशों के बीच व्यापारिक, आर्थिक और रणनीतिक संबंध प्रगाढ़ करने के अवसर तलाशने के लिए एकत्रित हुए. आगे के पन्नों में पढ़िए इन संवादों के संपादित अंश
कितना झेलेगा समुद्र?
नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए गुजरात सरकार की औद्योगिक दूषित जल को सीधे गहरे समुद्र में डालने की योजना, लेकिन पर्यावरणविदों को खंभात की खाड़ी में समुद्री जीवन और तट के किनारे बस्तियों पर दुष्प्रभाव की आशंका
अब रोग एक्स का खतरा
क्या अगले जानलेवा वायरस का आगमन हो चुका है? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भविष्यवाणी की है कि यह जूनोटिक होगा और कोविड के मुकाबले 20 गुना ज्यादा मारक हो सकता है
कमबख्त इस ब्याह का क्या करें!
बिहार में पकड़ौआ शादियां फिर से चर्चा में. कभी दहेज प्रथा के खिलाफ शुरू हुए इस चलन ने धीरे-धीरे नरक बना दी ब्याहताओं की जिंदगी कोई गांव-जवार से बहिष्कृत होकर झोंपड़ों में गुजर कर रहीं तो किसी को साल-दर-साल कोर्ट-कचहरी के फेरे लगाने पड़ रहे. वैसे एक स्तर पर सकारात्मक बदलाव भी दिखना शुरू
संतुलन साधने की कवायद
निजी तौर पर गर्मजोश और सार्वजनिक तौर पर कड़ाई से काम लेने वाले लालदुहोमा को जेडपीएम को एकजुट रखने के साथ केंद्र में भाजपा को खुश रखना होगा
निपुण योद्धा
करिश्माई और मेहनती रेवंत रेड्डी जल्द से जल्द अपने पूर्ववर्ती की गलतियों से सीखकर सामने दिख रही बड़ी लड़ाई के लिए अपनी स्थिति को मजबूत कर लेना चाहते हैं
पुराना सिपाही बना सिपहसालार
दिग्गज आदिवासी नेता विष्णु देव साय तमाम अन्य दावेदारों को पछाड़कर छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक शायद इसलिए भी पहुंच पाए क्योंकि इसके सहारे भाजपा ने जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश की है
अब जाकर बदला सत्ता का समीकरण
भाजपा ने पहली बार जीते अपने ब्राह्मण विधायक के जरिए सवर्णों के हितों को साधने का काम किया. अब उसे लोकसभा चुनावों से पहले असंतोष से निबटना होगा
ओबीसी कार्ड का बड़ा दांव
भाजपा नेतृत्व ने मध्य प्रदेश कुर्सी पर मोहन यादव का चयन करके 2024 के आम चुनाव के लिहाज से अपनी रणनीति को सही दिशा में आगे बढ़ाया
नए चेहरों पर बड़ा दांव
भविष्य पर नजर के साथ कांग्रेस के तेलंगाना की तरह ही भाजपा ने तीन राज्यों में पीढ़ीगत नेतृत्व बदलाव की ओर कदम बढ़ाया
गायब होते गधे
हाइ-एंड कॉस्मेटिक के औपचारिक उद्योग की अनुपस्थिति के कारण गधों के अंगों का अवैध व्यापार बढ़ गया है जिससे इनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है
धरे गए धीरज
एक के बाद एक नोटों के बंडल गिनते हुए करीब 25 काउंटिंग मशीनें बिना रुके लगातार चल रही थीं. कुछ ने तो अधबीच ही हार मान ली और खराब हो गईं. इसी आशंका को देखते हुए करीब 10 और मशीनें स्टैंडबाइ पर रखी गई थीं. 10 दिसंबर को जब यह पूरी कवा खत्म हुई, तब तक घंटों की मेहनत के बाद ये मशीनें हजारों करोड़ों रुपए के नोट गिन चुकी थीं. सटीक आंकड़ा अभी आना है, लेकिन कई लोग इसे 300 करोड़ रुपए से ज्यादा बताते हैं.
फिर खुली 'क्राइम फाइल'
राजपूत समाज के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या ने राजस्थान में गैंगवॉर की छिपी परतों को फिर से उजागर कर दिया है. 24 जून, 2017 को कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि राज्य में गैंगवार की घटनाओं पर विराम लग जाएगा. लेकिन 3 दिसंबर, 2022 को सीकर में राजू ठेहट और अब हाल ही में 5 दिसंबर को जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की एक ही गैंग की ओर से घर में घुसकर की गई हत्या ने राजस्थान में फिर से उबाल ला दिया है.
चुनौतियों का आकाश
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम ने अपनी संकल्प यात्राओं के जरिए पार्टी की जमीनी पकड़ को धार दी थी. मायावती के कमान संभालने के बाद यात्राओं की रणनीति ने रैलियों का रूप धारण कर लिया. 2023 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले मायावती के भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर 28 वर्षीय आकाश आनंद ने पदयात्राओं और प्रदर्शनों का आयोजन न करने की पार्टी की सामान्य रणनीति से हटकर 16 अगस्त को राजस्थान के धौलपुर से 14 दिवसीय संकल्प यात्रा की शुरुआत की थी.
चुनावी घंटी से पहले छिड़ा घंटा युद्ध
इधर कुछ सालों में तृणमूल कांग्रेस में ने ने एक मामले में भाजपा को तगड़ी टक्कर दी है. कोलकाता में हुगली तट पर काशी जैसी गंगा आरती का आयोजन, वैष्णो देवी और पुरी के जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृतियां बनवाना. यानी हर कदम पर खुद को हिंदुत्ववादी दर्शाना. भले ही इसे पश्चिम बंगाल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश बताया जाता हो, असल उद्देश्य तो सियासी मकसद साधना ही है. यही वजह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य में धार्मिक गतिविधियों में नए सिरे से तेजी नजर आने लगी है.
अब अनुच्छेद 370 से आगे
सत्तर साल से ज्यादा समय तक भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के एक तबके के लिए पत्थर लकीर बना रहा.
वल्लाह! एक साथ कितने काम
बॉलीवुड वाइव्स के तीसरे सीजन की फिल्मिंग के साथ ही अभिनेत्री नीलम कोठारी सोनी कई और प्रोजेक्ट्स में मसरूफ
गवैयों का गवैया
उनके प्रति दीवानगी में सरहद कभी आड़े नहीं आई. वे इस पार भी उतने ही सुने गए जितना उस पार
ब्लैक ब्यूटी
नीलांजन दास के हाथों कैनवस पर चारकोल से उकेरे चित्रों की प्रदर्शनी सैवेज ब्यूटी घोड़ों के भव्य और गरिमामयी रूप को उभारती है
तोकामाची पहाड़ी पर चांद-सा मिथिला म्यूजियम
जापान की राजधानी टोक्यो से तकरीबन 200 किमी दूर तोकामाची सिटी के पहाड़ी इलाके में एक म्यूजियम है.
आइजोल में नया आगाज
मिजोरम में एमएनएफ और कांग्रेस को धूल चटाने वाला जेडपीएम एक नई ताकत बनकर उभरा है. इस जीत में नए चेहरे और बदलाव के वादे ने बेहद अहम भूमिका निभाई
रेड्डी ने बनाया जीत का रास्ता
उत्तरी राज्यों में बुरी तरह मात खाने वाली कांग्रेस ने तेलंगाना में जोरदार वापसी की और कभी अजेय माने जाने वाले केसीआर को पटखनी देने में सफल रही. चुनावी जीत सुनिश्चित करने में पुख्ता रणनीति ने अहम भूमिका निभाई
ऐसे जीती हारी बाजी
भूपेश बघेल के स्थापित चेहरे के मुकाबले प्रदेश भाजपा में था नेतृत्व का संकट. इसके बावजूद महज चार महीने में छत्तीसगढ़ में भाजपा की हारी हुई बाजी जीतने और कांग्रेस की जीती हुई बाजी हारने की कहानी
कायम रहा रोटी पलटने का रिवाज
भाजपा हाइकमान ने दिल्ली से ही राजस्थान के स्थानीय नेताओं पर लगाम रखी और सत्ता विरोधी लहर पर सवार होते हुए प्रभावी जीत हासिल की
प्रचंड जीत से भगवा बुलंद
रणनीतिक कौशल, केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से संचालित अभियान और मतदाताओं की प्राथमिकता में बदलाव ने मध्य प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई और पार्टी को 18 साल की सत्ता विरोधी लहर से उबारने में मदद की
कांग्रेस को क्यों है अब इंडिया की जरूरत
हिंदी पट्टी के राज्यों में हार से इंडिया गठबंधन में कांग्रेस रुतबा घट गया है. गठबंधन को पुनर्गठित होकर 2024 के आम चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए नई रणनीति बनानी होगी
2024 मोर्चे पर सबसे आगे भाजपा
हिंदी पट्टी के तीन बेहद अहम राज्यों में जीत से कांग्रेस की चुनौती हुई भोथरी, विपक्षी एकता पड़ी कमजोर और केंद्र में भाजपा के तीसरे कार्यकाल की राह हुई आसान
आसान हुई बदलाव की राह
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कुल 18 सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों को उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया था.
बाघ की सवारी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मराठा आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन को अपने पक्ष में करने में सफल रहे हैं. पर उन्हें राजनैतिक तौर पर प्रभावशाली मराठाओं और तेजी से उभरते अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच संतुलन साधकर चलना होगा.