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जंग में आगे ही आगे
कोविड-19 महामारी के विरुद्ध युद्ध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आगे बढ़कर कमान संभाली, एक साथ दो मोर्चों पर लेना है लोहा-लॉकडाउन के जरिए नए मामलों को नियंत्रण में रखने और आर्थिक बदहाली से बचने की पुरजोर कोशिश करना
पलायन का दर्द
रोजगार, घर या भोजन से महरूम शहरों में फंसे, समचे देश से प्रवासी मजदूर अपना थोड़ा-बहुत सामान लादे, भूख से बेहाल, थके-मांदे बच्चों के साथ पैदल या बसों में पशुओं की तरह लूंसकर अपने गांव की ओर लौटने को मजबूर, जहां 'सोशल डिस्टेंसिंग' की कोई गुंजाइश नहीं, उनके बुझे हुए चेहरे गवाह हैं कि कोविड-19 ने कितनी भारी उथल-पुथल मचा दी
ताकि गाड़ी न धमे
देश का 15 लाख करोड़ रुपए का ट्रांसपोर्ट और आपूर्ति तंत्र अर्थव्यवस्था की जान है, 24 मार्च को अचानक देशव्यापी लॉकडाउन से यह पूरी तरह ठप हो गया, जिससे पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था पंगु हो गई. सुधार के लिए सरकार को उठाने होंगे सही दिशा में तेज कदम
बुरे वक्त की तैयारी
राज्य सरकारें और देशभर के अस्पताल कोरोना वायरस संक्रमण की चुनौतियों से निपटने की तैयारी में जुटे. आखिर इस महामारी के खिलाफ जंग में हमारी कितनी तैयारी है?
कोरोना को यहां लगे पंख
भारत में और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में धार्मिक संगठन का एक जलसा कोविड-19 को फैलाने में कैसे जिममेदार रहा है
जान-माल बचाने का सवाल
भारत फिलहाल नोवेल कोरोनावायरस का फैलाव रोक पाने में कामयाब रहा है लेकिन इसकी उसे बड़ी भारी सामाजिक-आर्थिक कीमत चुकानी पड़ी है. अब जरूरत है स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की, अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति आसान बनाने की और इससे बाहर निकलने की रणनीति तैयार करने की, जिसमें अर्थव्यवस्था और लोगों को फिर अपनी पुरानी लय में वापस लाने के लिए वित्तीय पैकेज भी शामिल हो
चौबीसों घंटे चौकन्ने
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कोरोना के खिलाफ जंग में भरोसेमंद 'हथियार' बनकर उभरा. योगी आदित्यनाथ खुद कर रहे इसकी निगरानी
गरीबों की व्यथा कथा
राष्ट्रव्यापी बंद ने शहरी गरीबों को बेरोजगार करने के साथ आर्थिक विनाश के कगार पर ला खड़ा किया है. उनके जीवन को कैसे पटरी पर लाया जा सकता है?
रामलला का नया घर
राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया के पहले चरण में भगवान राम के बालरूप रामलला अस्थायी मंदिर में रखे गए. पर मूल मंदिर निर्माण से पहले विहिप देशभर में माहौल बनाने की तैयारी में
महामारी को मार भगाने की रणनीति
देश में कोविड-19 के बड़े पैमाने पर सामुदायिक फैलाव की आशंका के मद्देनजर सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे की कमियां दूर करने और सटीक तौर-तरीके अपनाने के लिए तेज कदम बढ़ाने की जरूरत
बचे रहने का अर्थशास्त्रत
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने तीन हफ्तों के लिए देशव्यापी तालाबंदी कर दी. इसकी सबसे ज्यादा मार यात्रा और पर्यटन, विमानन, हॉस्पिटैलिटी और मनोरंजन उद्योग पर पड़ेगी.
खाली समय में सृजन करते बच्चे
कोरोना की वजह से हुई छुट्टियों में अपने बच्चों को शैतानियों से दूर रखने के लिए ये कर रहे हैं उनके माता-पिता
क्या वे वापसी कर पाएंगे?
कमलनाथ सरकार का तख्तापलट रोकने में कांग्रेस नेता कहां चूक गए और मध्य प्रदेश में क्या उनकी सत्ता में वापसी फिर संभव हो सकती है?
सिलसिला सियासी जीत का
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह अनौपचारिक बातचीत में अक्सर यह कहा करते हैं, "चुनाव में जीतना जितना जरूरी है, सियासत में भी जीतना उतना ही जरूरी है.
सहयोग की भावना एक बार फिर
सार्क के सदस्य देशों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत के उठाए गए कदमों की जानकारी दी
सब उलटा-पुलटा
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम को स्वदेश उड़ने से पहले कोलकाता में 20 घंटे तक अलग-थलग रहना पड़ा
बुजुर्ग-बीमार को डर ज्यादा
वे लोग जिनकी उम्र 80 साल से ऊपर है और पहले से कोई बीमारी है, उन्हें कोविड-19 से सबसे ज्यादा खतरा
कोरोना के साये में जिंदगी
कोरोना वायरस से भारत में पहली मौत दर्ज होते ही देश इस जानलेवा विषाणु को फैलने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान, सामाजिक मेलजोल पर अंकुश लगाने और सेहत दुरुस्त रखने की बुनियादी जरूरतों जैसे तमाम उपायों में जुटा है. फिलहाल खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की सुध पीछे छूटी
उत्तर प्रदेश में कर्मयोग के तीन वर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कठोर फैसले लिए तो प्रदेश को उपलब्धियों से समृद्ध भी किया
"बाजारों में दहशत है, डर इस बात का है कि पता नहीं क्या होगा"
"बाजारों में दहशत है, डर इस बात का है कि पता नहीं क्या होगा"
सबको साधने की महारत
उनके वैचारिक प्रतिद्वंद्वी उनके राजनैतिक साथी हैं; और राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी उनके विचार साझा करने का दंभ भरते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार का कद इस चुनावी साल में औरों से बड़ा दिख रहा
सबकी थाली में थोड़ा-थोड़ा
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपने पहले प्रयास में पेश किया सबको खुश करने वाला बजट
महाराज की बगावत
कांग्रेस के पुराने दिग्गज ग्वालियर रजवाड़े के वारिस की महत्वाकांक्षाओं के आड़े आए तो नए भविष्य की तलाश में भाजपा की ओर रुख किया कौशिक डेका, राहुल नरोन्हा और उदय माहूरकर
बैंक का भट्टा ऐसे बैठाया
जोखिम उठाने को हर वक्त तैयार रहने वाले तेजतर्रार अगुआ कैसे अपनी मगरूर महत्वाकांक्षा से एक बैंक को जमींदोज कर बैठे, बेआबरू यस बैंक के संस्थापक-चेयरमैन राणा कपूर की अनकही दास्तान आनंद अधिकारी
नारी शक्ति के सम्मान का उत्सव
इंडिया टुडे ने वुमन समिट ऐंड अवॉर्ड्स में छत्तीसगढ़ की उन महिलाओं का सम्मान किया जिन्होंने अपने दम पर हासिल की बुलंदियां और देश की आधी आबादी के लिए मिसाल बनीं मंजीत ठाकुर
अर्थव्यवस्था पर कोरोना का कहर
कोविड-19 के प्रकोप से अंतरराष्ट्रीय व्यापार ठप हो गया है. पहले से ही लड़खड़ाती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक और गंभीर आघात
अब आंकड़ों को लेकर बड़ा अंदेशा
यह बात बहुत कम रेखांकित की जाती है कि अपने देश की आर्थिक और सामाजिक विशिष्टताओं की हमारी समझ किस हद तक उन नमूना सर्वेक्षणों पर निर्भर करती है जो विभिन्न सरकारी सांख्यिकी एजेंसियों और खासकर राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की तरफ से किए जाते हैं.
हरियाली और रास्ता
सूखे पड़े तालाब, नालों, कुओं वगैरह से मिट्टी- गाद-पत्थर निकाल कर उनसे सड़क बनाने की महाराष्ट्र में एनएचएआइ की बुलढाणा परियोजना से सूखाग्रस्त विदर्भ में पानी और हरियाली पहुंची
महिला शक्तिः कौशल से बड़ा कमाल
कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) को अनिवार्य बनाने वाले दुनिया के पहले देश भारत ने अपने इस प्रयास से सामाजिक पुनर्जागरण की एक अहम पहल की है. प्रमुख व्यापारिक संस्थान और कॉर्पोरेट, अपने आइडिया, अपना सामय और अपने धन का एक हिस्सा उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए लगा रहे हैं जिन क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति है. जिस समाज से उन्होंने बहुत कुछ अर्जित किया है उसका एक हिस्सा उसी समाज को वापस लौटाने की यह भावना समावेशी समाज निर्माण की अवधारणा को मजबूत करती है.
बिकिनी से बा की काया तक
जीनत अमान की 15 साल बाद मंच पर वापसी, बिसार दी गईं कस्तूरबा गांधी को अपनी अदाकारी से जिंदा किया