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क्या भारत फिर कृषि प्रधान बनेगा?
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क्या भारत फिर कृषि प्रधान बनेगा?

समाज में किस्सागोई का अपना महत्व है। ये किस्से अक्सर दीर्घकालीन बदलावों का सशक्त संकेत देते हैं। कुछ दशकों पहले जब किसान अपने खेतों से कीटों के गायब होने और परागण न होने की चर्चा करते थे, तब कहानियों से ही पता चला था कि इन कीटों की विलुप्ति से खेती पर नकारात्मक असर पड़ा रहा है।

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August 1, 2020
धान की बीमारी को कैसे नियंत्रित करें
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धान की बीमारी को कैसे नियंत्रित करें

धान की बीमारी को कैसे नियंत्रित करें

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August 1, 2020
एमएसपी से आधी कीमत पर मक्का बेचने को मजबूर किसान
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एमएसपी से आधी कीमत पर मक्का बेचने को मजबूर किसान

कोविड-19 से लड़ने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन का असर मक्का किसानों पर देखने को मिल रहा है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य तो दूर, मक्का बेचकर लागत तक नहीं मिल पा रहा है। इस वक्त मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन सिवनी के मोहन सिंह ने कृषि उपज मंडी सिमरिया पर 5 जून को 1020 रुपए में अपना मक्का बेचा।

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August 1, 2020
फार्म मशीनीकरण का बाजार और तकनीकी द्वारा कृषकों की आय में अभिवृद्धि
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फार्म मशीनीकरण का बाजार और तकनीकी द्वारा कृषकों की आय में अभिवृद्धि

फार्म मशीनीकरण न केवल श्रम समय और कटाई के उपरांत हानि को कम करता है, बल्कि लंबी अवधि में उत्पादन लागत में कटौती करने में भी मदद करता है।

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August 1, 2020
मिर्ची के महत्वपूर्ण रोग एवं प्रबंधन
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मिर्ची के महत्वपूर्ण रोग एवं प्रबंधन

यह रोग नर्सरी में नवजात पौधों को भूमि की सतह पर आक्रमण पहुंचाता है। रोग से पौधे अंकुरण से पहले और बाद में भी मर जाते हैं। ग्रसित पौधे सूख कर जमीन की सतह पर गिर जाते हैं। पानी की अधिकता से रोग की उग्रता बढ़ जाती है।

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August 1, 2020
पौष्टिकता से भरपूर सेंजना की खेती किसान के लिए मुनाफे का सौदा
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पौष्टिकता से भरपूर सेंजना की खेती किसान के लिए मुनाफे का सौदा

सहजन, ड्रमस्टिक, मुनगा, सहिजन, सेंजना, मुरिंगा, गठीगना, सिंहफली आदि नामों से जाना जाता है। यह किसानों के लिए एक बहुवर्षीय सब्जी देने वाला जाना-पहचाना पौधा है।

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July 15, 2020
कृषि पर कोरोना के दुष्प्रभाव एवं संभावित समाधान
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कृषि पर कोरोना के दुष्प्रभाव एवं संभावित समाधान

भारतीय कृषि क्षेत्र, जो हाल ही में असमान मानसून के कारण पीड़ित था, कोरोना वायरस के विघटन के कारण एक और समस्या का सामना कर रहा है। जिन किसानों ने रबी मौसम की फसलें (मुख्य रूप से गेहूं, सरसों और दलहन) उगाई थीं, उन्होंने हाल ही में असमय और भारी वर्षा के कारण अपनी फसलों के नुकसान की शिकायत की थी।

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July 15, 2020
जैविक खेती का आधार-जीवाणु कल्चर
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जैविक खेती का आधार-जीवाणु कल्चर

जैविक खेती हमारे देश में प्राचीन काल से ही की जाती रही है। उस समय खेतों को उपजाऊ बनाने के लिए जैविक खेती के अलावा कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं था।

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July 15, 2020
मूंग की उन्नत किस्में व कृषि क्रियाएं
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मूंग की उन्नत किस्में व कृषि क्रियाएं

एक एकड़ के बीज को छाया में पक्के फर्श पर फैलाकर बह धोल अच्छी तरह बीज में मिला दें ताकि प्रत्येक वीज पर गुड़ का घोल चिपक जाए। इसके बाद राइजोबियम के पैकेट को खोलकर गुड़ लगे वीज पर डालें तथा हाथों से सारे बीज में मिला दें। कल्चर लगे बीज को छाया में सुखाकर बिजाई करें।

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July 15, 2020
लोबिया की खेती
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लोबिया की खेती

लगभग सभी प्रकार की भूमियों में इसकी खेती की जा सकती है। मिट्टी का पी.एच.मान 5 से 6.5 उचित है। भूमि में जल निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए तथा क्षारीय भूमि इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है।

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July 15, 2020
औषधीय गुणों से भरपूर करेला
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औषधीय गुणों से भरपूर करेला

करेला एक वर्षीय लता है, जिसका तना पतला व 3-4 मीटर तक लंबा होता है।

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July 1, 2020
कृषि अध्यादेशों का सच-झूठ
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कृषि अध्यादेशों का सच-झूठ

किसानों की फसलों की खरीद बेच के संबंध में इच्छा की चुनाव का प्रबंध करना है ताकि कृषि व्यापार में प्रतिस्पर्धा के कारण बदलते व्यापारिक स्रोतों द्वारा किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिल सकें।

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July 1, 2020
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए उगाएं हरी खाद
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मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए उगाएं हरी खाद

आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु व मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने में हरी खाद एक उत्तम विकल्प है। आमतौर पर देखा गया है कि मृदा स्वास्थ्य को अच्छी अवस्था में बनाए रखने में हरी खादें भी गोबर खाद जितनी ही उपयोगी हैं।

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July 1, 2020
कीटनाशकों का उचित व सुरक्षित प्रयोग कैसे...
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कीटनाशकों का उचित व सुरक्षित प्रयोग कैसे...

फसलों को कीटों के हमले व बीमारियों से बचाने के लिए कई किस्म की दवाओं का प्रयोग किया जाता है परन्तु इन दवाओं का स्प्रे सही ढंग, सही मात्रा में हो जाए तो इन दवाओं से पूरा लाभ उठाया जा सकता है।

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June 15, 2020
एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन
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एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन

जैविक खादों से न केवल पोषक तत्वों की पूर्ति होती है बल्कि इनके प्रयोग से मिट्टी के भौतिक और रासायनिक गुणों में वांछित सुधार भी होता है, अतः जैविक खादों का प्रयोग न होने से मिट्टी के गुणों में गिरावट आई जिससे मिट्टी का उपजाऊपन प्रभावित हुआ। सघन कृषि के अंतर्गत अत्याधिक दोहन से मिट्टी के उपलब्ध फास्फोर्स और पोटाश की मात्रा में भारी कमी हुई।

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June 15, 2020
मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के उपाय
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मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के उपाय

आजादी के समय आधुनिक तकनीकियां कमी के कारण खेती से बहुत ही कम अनाज उत्पादित होता था, इसलिए खाने के लिए अनाज विदेशों से मंगाया जाता था।

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June 15, 2020
कपास की जैविक खेती
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कपास की जैविक खेती

गर्मी में गहरी जुताई करें और खेत को तपने के लिए छोड़ दें। इससे फफूंद जनित रोग व इल्ली का प्रकोप होता है। कपास का खेत तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि खेत पूर्णतया समतल हो ताकि मिट्टी की जलधारण एवं जलनिकास क्षमता दोनों अच्छे हों।

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June 15, 2020
आंवले की खेती से कृषकों का उत्थान
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आंवले की खेती से कृषकों का उत्थान

.संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि कहते हैं ।यह वृक्ष समस्त भारत में जंगलों तथा बाग-बगीचों में होता है।

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June 15, 2020
'युवा और कृषि युवाओं को प्रेरणा की आवश्यकता'
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'युवा और कृषि युवाओं को प्रेरणा की आवश्यकता'

युवा वर्ग उन आवश्यक समाधानों की खोज कर सकता है जो जलवायु परिवर्तन और अन्य मौसमी असामान्यताओं को ध्यान में रखते हुए खेती के नवीन तरीके विकसित कर सकें। कृषि को एक व्यवसाय बनाने की रणनीति पर ध्यान देने की आवश्यकता है

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June 01, 2020
अरबी की वैज्ञानिक ढंग से खेती करके पायें अधिक लाभ
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अरबी की वैज्ञानिक ढंग से खेती करके पायें अधिक लाभ

अरबी को दूसरे शब्द में घूईया कहा जाता है। भारत में अरबी दो प्रकार की होती है, जिसमें एक एडिन और दूसरी डेसिन टाइप होती है।

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June 01, 2020
कृषि पर मौसम की विषम परिस्थितियों का प्रभाव एवं बचाव के उपाय
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कृषि पर मौसम की विषम परिस्थितियों का प्रभाव एवं बचाव के उपाय

बदलते मौसम का असर सब्जी वाली फसलों पर अधिक पड़ता है। इस समय में आलू, मटर, टमाटर व सरसों जैसी फसलों में चूसक कीड़े लग जाते हैं और झुलसा, पत्ती धब्बा व बुकनी रोग लगने की संभावना अधिक रहती है।

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June 01, 2020
कृषक खेती पाठशाला (एफ एफ एस)
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कृषक खेती पाठशाला (एफ एफ एस)

कृषक खेती पाठशाला (FFS) एक समूह-आधारित व्यस्क शिक्षा है जिसका दृष्टिकोण ये है कि कैसे किसान प्रयोग करके सीखें और अपनी समस्याओं को स्वतंत्र रूप से हल कर सकें।

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June 01, 2020
मौसम पूर्वानुमान एवं फसल प्रबंधन
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मौसम पूर्वानुमान एवं फसल प्रबंधन

किसी भी क्षेत्र का कृषि उत्पादन उस क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले बहुत से जैविक, अजैविक, भौतिक, सामाजिक व आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है। मुख्यतः जैविक व अजैविक कारकों में मुख्य रूप से मौसमी तत्व, मिट्टी का स्वास्थ्य, जल संसाधन, फसलों के प्रकार व विभिन्न प्रजातियां, फसलों में होने वाली बीमारियां, कीट इत्यादि का प्रकोप आते हैं।

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June 01, 2020
लवण प्रभावित भूमि के लक्षण एवं सुधार
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लवण प्रभावित भूमि के लक्षण एवं सुधार

लवण युक्त भूमि के सुधार एवं इनमें सफल फसल उत्पादन हेतु उपाय अपनाने से पहले भूमि का सही निदान एवं लक्षण जानने की प्राथमिक आवश्यकता है।

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June 01, 2020
बैंगन के एकीकृत कीट प्रबंधन के लिए रणनीतियां
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बैंगन के एकीकृत कीट प्रबंधन के लिए रणनीतियां

विभिन्न सब्जियों के बीच, बैंगन प्रचलित है और देश भर में बड़े पैमाने पर पैदा किया जाता है।

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May 15, 2020
धान का उचित विकल्प मक्का
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धान का उचित विकल्प मक्का

हरियाणा व पंजाब देश की खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका अदा करता है। इसकी लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। हरियाणा का कुल क्षेत्रफल 442 लाख हैक्टेयर है जो भारतवर्ष के कुल क्षेत्रफल का मात्र 1.4 प्रतिशत है।

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May 15, 2020
बाजरा की उन्नत सस्य क्रियाएं
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बाजरा की उन्नत सस्य क्रियाएं

बाजरे की फसल पानी का ठहराव सहन नहीं कर सकती है। इसलिए भारी वर्षा का पानी खेतों में नहीं ठहरने देना चाहिए। मेढ़ों पर बाजरा की बिजाई करने से जल निकास आसानी से हो जाता है।

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May 15, 2020
धरती की उपजाऊ क्षमता को कैसे बचाएं/बनाए रखें
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धरती की उपजाऊ क्षमता को कैसे बचाएं/बनाए रखें

आलोक नलिन, भारत इंसैक्टीसाइड्स लिमिटेड, मार्केट डेवलपमेंट मैनेजर, लुधियाना

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May 15, 2020
पुष्पोत्पादन की संभावना हेतु मौजूदा अनुसंधान गतिविधियां
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पुष्पोत्पादन की संभावना हेतु मौजूदा अनुसंधान गतिविधियां

पुष्पों की खेती खुले स्थान में अथवा पॉलीहाउस में की जा सकती है। पॉलीहाउस में की जाने वाली खेतीको वरीयता दी जाती है क्योंकि इससे कृत्रिम रूप से नियंत्रित पर्यावरण उपलब्ध होता है जिसमें रोगों, कीटों, उच्च तापमान, अत्याधिक रोशनी, भारी वर्षा आदि के खतरे न्यूनतम हो जाते हैं अतः पुष्पों का उत्पादन हर मौसम में पूरे वर्ष किया जाता है - सतीश कुमार, आर.के. राय, शिल्पी सिंह, रामेश्वर प्रसाद एवं अनिल कुमार गोयल, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ (उ.प्र.)-226001 मो.09415881672

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May 15, 2020
आधुनिक कृषि का पर्यावरण पर प्रभाव
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आधुनिक कृषि का पर्यावरण पर प्रभाव

प्रमोद कुमार, सोमेन्द्र वर्मा, एवं रविकेश कुमार पाल, शोध छात्र, सस्य विज्ञान विभाग, शोध छात्र, फल विज्ञान विभाग, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि., कानपुर शोध छात्र, सस्य विज्ञान विभाग, बिहार कृ.विवि., साबौर

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May 1, 2020