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घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व
एलोवेरा/घृतकुमारी का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। वह है सौन्दर्य प्रसाधनों का निर्माण चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए अनेकों उत्पाद बनाये जा रहे हैं जिससे इसकी मांग बढ़ रही है।

स्वस्थ जीवन के लिए सब्जियों की उपयोगिता एवं महत्व
हरी सब्जियों से हड्डियां मजबूत होती हैं, हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोगों से भी राहत मिलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों के सेवन से इस उम्र में खून के थक्के जमने की समस्या से भी मुक्ति मिलती हैं।

गुणवत्ता भरपूर शहद मंडीकरण के नुक्ते
"शहद को एक प्रभावशाली दवा एवं पारंपरिक खंड के विकल्प के तौर पर इसको एक आदर्श मीठे विकल्प के तौर पर व्यापक स्वीकृति मिल गई है। शहद की माँग बढ़ने से खपतकारों में शहद की क्वालिटी को लेकर भी जागरूकता बहुत बढ़ी है। ।शुद्ध शहद प्राप्त करने के लिए ग्राहक दुकानें/स्टोरों की बजाये शहद उत्पादकों/प्रोसैस्सर्ज से सीधे तौर पर किसी भी मूल्य पर शहद खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं।"

जीएम फूड की बढ़ती पहुंच
देश में जीएम खाद्य पदार्थों को विनियमित करने वाले सरकार के एक मसौदे पर नागरिक संगठनों के विरोध स्वर तेज हो गए हैं। संयुक्त नागरिक संगठनों का कहना है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का यह मसौदा न सिर्फ लोगों की सेहत को जोखिम में डालेगा बल्कि यह व्यावसायिक हितों को साधने वाला है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से 15 नवंबर, 2021 को जीएम खाद्य पदार्थों के विनियमन का मसौदा जारी किया था।

गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग की रोकथाम
फसल सुरक्षा - गेहूं की फसल

खाद्य वस्तुओं की कीमतें पहुंच रही हैं उच्चतम स्तर पर
एफएओ के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अब्दुल रजा अब्बासियां का कहना है कि सामान्य रूप से मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ता है, जिसके कारण कीमतों के कम होने की उम्मीद है।

जैविक हरित क्रांति के लिये जागरुकता ही नहीं, अनिवार्यता होनी चाहिए
प्राकृतिक खेती पर आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को जन आन्दोलन बनाने का आह्वान किया है

वैज्ञानिक कृषि पद्धतियां अपनाने से भारतीय कपास किसान की वैश्विक मांग बढ़ेगी
कपास के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर अधिक जोर देने जैसी सरकारी नीतियों ने ऐसे इनपुट और मूल्य समर्थन उपायों के लिए सब्सिडी प्रदान करके गुणवत्ता वाले बीजों और कीटनाशकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया है तथा इसने भी भारत में कपास के परिदृश्य को बदलने में योगदान दिया है।

बसंतकालीन मक्का की उन्नत खेती
बसंतकालीन मक्का में फसल की अवधि अधिक होने के कारण खरीफ की अपेक्षा में ज्यादा पैदावार होती है,क्योंकि इस मौसम में बीमारियां व कीट बहुत कम लगते हैं। बसंतकालीन मक्का के अधिक पैदावार लेने के लिए निम्न लिखित सिफारिशों को अपनाएँ।

सरसों आधारित न्यूट्री गांव की अवधारणा उन्नत प्रौद्योगिकियों, मूल्य वर्धित उत्पादों और नवोन्मेषी रणनीतियों का समावेश
लहसुन और हल्दी के साथ सरसों का तेल गठिया और जोड़ों के दर्द के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। सरसों का तेल मच्छरों को प्रतिकर्षित करने के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

ग्रामीण विकास में स ग्राम सभाओं की भूमिका
"ग्राम पंचायत गाँव स्तर पर विकास के कार्यों को लागू करती है और इसकी निगरानी भी करती है। गाँवों में लोकतंत्र राज को मजबूत करने के लिए और गाँवों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम सभाओं का बहुत बड़ा योगदान है। इस में गाँव के वे सभी सदस्य जिनके पास मतदान देने का अधिकार है वे सभी ग्राम सभा के सदस्य हैं।"

पर्यावरण संरक्षण में वनों का महत्व
वनों का महत्व

कृषि रसायन क्षेत्र का बढ़ता प्रभाव
आगामी वर्ष में कृषि रसायन क्षेत्र के परिदृश्य को बदलने की संभावना है। इसके अलावा, एग्रोकैमिकल उद्योग में एनैन्टीओमेरिक रूप से शुद्ध सामग्री के बढ़ते आवेदन और अपनाने से पूर्वानुमान अवधि के दौरान बढ़ने की उम्मीद है।

जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण
आधुनिक समय में बढ़ती हुई जनसंख्या के खाद्यान्न पूर्ति हेतु किसान रासायनिकों जैसे-खाद खरपतवारनाशी, रोगनाशी तथा कीटनाशकों के प्रयोग कर रहें हैं। सम्भवत इनके प्रयोग से किसान प्रथम वर्ष अधिक उत्पादन तो प्राप्त कर लेते हैं। परन्तु धीरे-धीरे इनके प्रयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति क्षीण होने लगती हैं और फसलों की उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है। इन रसायनों की अधिक कीमत होने के कारण खेती की लागत बढ़ जाती है। क्षीण हुई मृदा उर्वरता के कारण इन रसायनो के प्रयाग से भी वे मुनाफा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। यही नहीं इन रसायनों के प्रयोग से पर्यावरण में भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।

गेहूं के प्रमुख रोग, कीट, खरपतवार एवं उनका प्रबंधन
राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषक तत्वों की सुरक्षा में गेहूं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

कृषि में उपयोग हो रहा प्लास्टिक सेहत एवं पर्यावरण के लिए खतरा
दुनिया भर में जिस तरह से समुद्र तटों और महासागरों में प्लास्टिक कचरे की मात्रा बढ़ रही है उसने पिछले कुछ वर्षों में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, लेकिन एफएओ के अनुसार जिस भूमि का उपयोग हम अपने भोजन और फसलों को उगाने के लिए कर रहे हैं वो उससे कहीं ज्यादा मात्रा में प्लास्टिक से दूषित हो रही है।

पौधों के पोषक तत्वों के बारे में समुचित ज्ञान होने से किसानों की आय दोगुनी करना
जैसा कि हम जानते हैं कि सभी किसान आय को दोगुना करने की बात कर रहे हैं, यहाँ तक कि भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी 2022-23 तक किसानों की आय को दोगुना करने और इस दिशा में हर संभव प्रयास करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस संबंध में हर छोटी बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए जो उपज को कम करने के लिए जिम्मेदार है। पौधे के पोषण के बारे में उचित ज्ञान होने से एक किसान फसल के लिए अधिकतम उपज प्राप्त कर सकता है।

छोटे किसान मुल्क की शान
मुल्क के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारा दिया है 'छोटे किसान, मुल्क की शान'। उनका यह नारा बिल्कुल दुरुस्त है जिसकी स्पष्टता राष्ट्रीय संघ की एक रिपोर्ट से हो जाती है। इस रिपोर्ट में यह तथ्य सामने लाया गया है कि पारिवारिक कृषि द्वारा ही पूरी दुनिया के लिए अनाज सुरक्षा यकीनन बनाई जा सकती है और पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकता है।

बीएयू से विकसित आठ फसलों के 10 किस्मों को मंजूरी
संक्षेप

दूध एक पूर्ण पेय पदार्थ है
दूध का महत्व

गेहूं की फसल में बीजोपचार व खरपतवार नियन्त्रण
खाद्यान्न फसलों में गेहूं का प्रमुख स्थान है। गेहूं की नई-नई किस्मों के चयन, संतुलित खादों व पानी के समुचित प्रयोग से गेहूं की पैदावार में निरंतर बढ़ोतरी हुई है तथा कृषि की उन्नत कनीकों को अपनाकर किसानों ने पिछले तीन-चार वर्षों में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन किया है। परन्तु कुछ ऐसे बिन्दु हैं जिन पर यदि किसान समय पर ध्यान दें तो इस उत्पादन में किसान और अधिक बढ़ोतरी प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय समय-समय पर किसानों को बीजोपचार व खरपतवार नियन्त्रण के विषय में जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। यद्यपि किसान इस जानकारी अनुसार कृषि कार्य करते भी हैं लेकिन कुछ कमियां छोड़ देते हैं और हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते। इस लेख में इन्हीं बिन्दुओं पर लिखा गया है।

किसान भाई मशीनों द्वारा पराली प्रबंधन करके ज्यादा पैदावार लें
आज कृषि को लेकर भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व की तकनीक में रोज नए आविष्कार हो रहे हैं और किसानों को विशेषकर भारतीय किसानों का ऑनलाइन तकनीक से जुड़ना बेहद जरुरी हो गया है, क्योंकि किसान जब तक तकनीक से नहीं जुड़ेगा वह पीछे ही रहेगा और कृषि जगत की नई जानकारियों से अवगत नहीं हो पाएगा।

पंजाब में कनौला सरसों के उत्पादन की सम्भावनायें क्षमता एवं उत्पादन तकनीक
कैनोला सरसों के उत्पादन में वृद्धि पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है

शकरकंदी की खेती से किसानों को होगा भारी मुनाफा
भारत में भारी मात्रा में शकरकंद की खेती होती है। यह खाने योग्य, चिकनी त्वचा और आकर में लम्बी और थोड़ी मोटी होती हैं। गहरे लाल रंग वाली स्वादिष्ट शकरकंद आमतौर पर दक्षिणी क्षेत्रों में उगाई जाती हैं, क्योंकि उन्हें चार महीने के गर्म मौसम की आवश्यकता होती है।

गेहूँ के मामा खरपतवार नियन्त्रण के प्रभावी उपाय
हमारे देश की तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या और उनकी खाद्यान्न पूर्ति की समस्या का समाधान प्रति इकाई क्षेत्र, समय व साधनों के समुचित प्रयोग से अधिक से अधिक उत्पादन लेना संभव है। गेहूँ एवं धान खाद्यान्न की ऐसी फसलें हैं, जिनमें गरीबी और भूखमरी की समस्या से लड़ने की अदभुत क्षमता है। देश की बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वर्ष 2030 के अन्त तक 28.4 करोड़ टन गेहूँ की आवश्यकता होगी। इसे हमे प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण, भूमि, जल एवं श्रमिक कमी तथा उत्पादन अवयवों के बढ़ते मूल्य के सापेक्ष प्राप्त करनी होगी। उत्तर प्रदेश के वर्ष 2001-02 से वर्ष 2016-17 के गेहूँ उत्पादन एवं उत्पादकता के आंकड़ों से स्पष्ट है कि इसमें एक ठहराव सा आ गया है।

दूधारु पशुओं में तपेदिक रोग
वर्तमान में पशुपालन एक सहायक धंधा न होकर, रोजगार प्राप्ति का मुख्य साधन बनता जा रहा है। पशुपालन को रोजगार के रूप में अपनाकर, पशुपालक अपनी आजीविका कमा रहे हैं। पशुपालन में नुकसान का एक बड़ा कारण कीटाणुओं (जीवाणु, विषाणु, आदि) से होने वाली बीमारियां हैं। इन बीमारियों में तपेदिक/ट्यूबरकुलोसिस/टीबी एक महत्वपूर्ण रोग है जिसे क्षय रोग भी कहा जाता है। यह रोग मनुष्यों में भी पाया जाता है। सामान्यतः पशुओं में यह रोग माइकोबैक्टेरियम बोविस तथा मनुष्यों में माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से होता है। दोनों प्रजातियां पशुओं एवं मनुष्यों में क्षय रोग उत्पन्न करने में सक्षम हैं। क्षय रोग अर्थात तपेदिक या टी बी एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। यद्यपि इस रोग से गाय, भैंस और मनुष्य अधिक प्रभावित होते हैं। परंतु सूअर, बिल्ली, घोड़ा, स्वान, भेड़, बकरी आदि तथा जंगली पशु भी प्रभावित होते हैं। यह रोग पक्षियों में भी देखने को मिलता है। यह एक बहुत ही खतरनाक पशुजन्य अर्थात जूनोटिक रोग है।

फल मक्खी के प्रकोप से फलों को कैसे बचाएं
हमारे फलों को फल मक्खियों से कैसे बचाया जाए, इस बारे में एक दिलचस्प पठन

कृषि कानूनों की वापसी और बदलता परिदृश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की तो ऐसी तमाम टिप्पणियां सामने आई जिनमें इस बात की व्याख्या की गई कि भारतीय कृषि के लिए ये निर्णय क्या मायने रखते हैं। आमतौर पर यही कहा गया कि नए कानूनों को वापस लेना कृषि सुधारों के लिए झटका है और सरकार को ऐसा तरीका निकालना चाहिए ताकि ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय को बिना राजनीतिक विरोध के लागू किया जा सके।

मशरूम के पौष्टिक एवं औषधीय गुण
मशरूम एक विशेष प्रकार का कवक है। इसका उपयोग अनेक प्रकार से ताजा व सुखाकर किया जाता है। विश्व भर में मशरूम की लगभग 14,000 प्रजातियां पायी जाती हैं। इनमें से 3,000 खाने योग्य तथा 300 से के करीब औषधीय गुणों से युक्त हैं। साधारणत: श्वेत बटन मशरूम को ही मशरूम के रूप में जाना जाता है। इसके फल में डंठल व टोपी के अलावा गलफड़ों में सूक्ष्म बीजाणु पाए जाते हैं, जो कवक को एक से दूसरी जगह फैलने में सहायता करते हैं। विश्व के कुल मशरूम उत्पादन यानी लगभग 40 मिलियन मीट्रिक टन में से चीन लगभग 33 मिलियन मीट्रिक टन अकेले पैदा करता है, जो कि 80 प्रतिशत से अधिक है। भारत में इसका वार्षिक उत्पादन मात्रा 1.55 लाख मीट्रिक टन है। दुनिया भर में इसका सेवन प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 2-3 कि.ग्रा. है, जबकि चीन में 2022 कि.ग्रा. तथा भारत में मात्रा 70-80 ग्राम है।

आलू में लगने वाले प्रमुख रोग एवं नियंत्रण पाने का आसान तरीका
आलू एक प्रकार की सब्जी है, जिसे वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से एक तना माना जाता है। यह गेहूं, धान और मक्का के बाद सबसे ज्यादा उगाया जाता है। आलू की खेती (Potato Farming) भारत में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में होती है। इसे जमीन के नीचे पैदा किया जाता है। आलू के उत्पादन में चीन और रूस के बाद भारत का तीसरा स्थान है।