जीरो बजट प्राकृतिक खेती : कृषि की दशा और दिशा बदलने का एक प्रयास
Modern Kheti - Hindi|1st March 2023
प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार देसी गाय है। प्राकृतिक खेती ( natural farming) कृषि की प्राचीन पद्धति है। यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है। प्राकृतिक खेती में रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। इस प्रकार की खेती में जो तत्व प्रकृति में पाए जाते हैं, उन्हीं को खेती में कीटनाशक के रूप में काम में लिया जाता है।
नसीब चौधरी, डी के बिश्नोई, राजवीर
जीरो बजट प्राकृतिक खेती : कृषि की दशा और दिशा बदलने का एक प्रयास

प्राकृतिक खेती में कीटनाशकों के रूप में गोबर की खाद, कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फसल अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे- रॉक फास्फेट, जिप्सम आदि द्वारा पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं। प्राकृतिक खेती में प्रकृति में उपलब्ध जीवाणुओं, मित्र कीट और जैविक कीटनाशक द्वारा फसल को हानिकारक जीवाणुओं से बचाया जाता है।

प्राकृतिक खेती की आवश्यकता

* पिछले कई वर्षों से खेती में काफी नुकसान देखने को मिल रहा है। इसका मुख्य कारण हानिकारक कीटनाशकों का उपयोग है। इसमें लागत भी बढ़ रही है।

* भूमि के प्राकृतिक स्वरूप में भी बदलाव हो रहे हैं जो काफी नुकसान भरे हो सकते हैं। रासायनिक खेती से प्रकृति में और मनुष्य के स्वास्थ्य में काफी गिरावट आई है।

* किसानों की पैदावार का आधा हिस्सा उनके उर्वरक और कीटनाशक में ही चला जाता है। यदि किसान खेती में अधिक मुनाफा या फायदा कमाना चाहता है तो उसे प्राकृतिक खेती की तरफ अग्रेसर होना चाहिए।

* खेती में खाने पीने की चीजें काफी उगाई जाती हैं जिसे हम उपयोग में लेते हैं। इन खाद्य पदार्थों में जिंक और आयरन जैसे कई सारे खनिज तत्व उपस्थित होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होती है।

* रासायनिक खाद और कीटनाशक के उपयोग से ये खाद्य पदार्थ अपनी गुणवत्ता खो देते हैं जिससे हमारे शरीर पर बुरा असर पड़ता है।

* रासायनिक खाद और कीटनाशक के उपयोग से जमीन की उर्वरक क्षमता खो रही है। यह भूमि के लिए बहुत ही हानिकारक है और इससे तैयार खाद्य पदार्थ मनुष्य और जानवरों की सेहत पर बुरा असर डाल रहे है।

* रासायनिक खाद और कीटनाशक के उपयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता काफी कम हो गई जिससे मिट्टी के पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ गया है। इस घटती मिट्टी की उर्वरक क्षमता को देखते हुए जैविक खाद उपयोग जरूरी हो गया है। 

प्राकृतिक खेती का महत्व

هذه القصة مأخوذة من طبعة 1st March 2023 من Modern Kheti - Hindi.

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