भारत में उगाई जाने वाली सब्जियों में टमाटर का मुख्य स्थान है। टमाटर का वनस्पतिक नाम लाइकोपर्सिकन एस्कुलेन्टम है। यह सोलेनसी परिवार का पौधा है। सब्जी के अतिरिक्त इसका सूप चटनी, सलाद, साँस आदि बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। टमाटर के विभिन्न उपयोगों के कारण इसकी मांग वर्षभर बनी रहती है और इसके कारण किसान भाई वर्षभर टमाटर की खेती करके इससे अधिक लाभ कमा सकते हैं।
टमाटर की खेती के लिए भूमि की तैयारी: टमाटर के पौधे के लिए सबसे अच्छी बेहतर जल निकासी वाली बलुई मिट्टी होती है। अच्छी फसल के लिए मिट्टी की गहराई 15 से 20 सैं.मी. होनी चाहिए। खेत की तैयारी के लिए 2-3 बार जुताई करके पाटा चलाएं व खेत में 10 टन गोबर की गली व सड़ी खाद या कम्पोस्ट खाद पौध रोपाई के लगभग तीन सप्ताह पहले अच्छी तरह मिला लें। टमाटर की खेती के लिए 5.5 से 6.8 का पीएच सामान्य है।
टमाटर की उन्नत किस्में:
1. हिसार ललित: यह एक जड़ गांठ रोग रोधी किस्म है। यह किस्म उन स्थानों के लिए उपयुक्त है जहां पर जड़ गांठ रोग नामक बीमारी आती हो। इस किस्म की यह विशेषता है कि इसे जड़ गांठ रोग ग्रसित खेतों में उगाने पर भी 100 से 120 क्विंटल प्रति एकड़ उपज प्राप्त होती है।
2. पंजाब छुहारा: इस किस्म का पौधा मध्यम 4 फुट लम्बा होता है। इस किस्म के फल नाशपाती के आकार के होते हैं। के इस किस्म के फल में बीज की मात्रा कम होती है एवं फल की त्वचा सख्त तथा फल का रंग पूरा लाल होता है। इस किस्म के एक फल का वजन लगभग 60-70 ग्राम होता है व टमाटर के फल को पहली तुड़ाई पौधे लगाने के 90 दिन के बाद आरम्भ हो जाती है। इस किस्म में तापमान को झेलने की शक्ति है तथा यह अधिक पैदावार देती है।
3. पंजाब केसरी: यह एक मध्यम आकार की किस्म है। इस किस्म की पैदावार 230 क्विंटल प्रति एकड़ है। इस किस्म के फलों में रस की मात्रा भी अधिक होती हैं और इस किस्म में अधिक धूप को भी सहन करने की क्षमता है।
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
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भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
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जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।