प्राचीन काल से ही खाद्य संसाधनों का महत्व भारतीय समाज के लिए उच्च रहा है। भारतीय लोगों के लिए खाद्य सामग्री न केवल रोटी और चावल ही है, बल्कि वे अन्य अनाज और अनाजों को भी अपने आहार में शामिल करते हैं। सिंधु सभ्यता के अवशेषों के अनुसार मिलेट्स सबसे पुराने भोजन है और संभवत पहले अनाज है जो कि मनुष्य द्वारा घरेलू उद्देश्य के लिए सबसे पहली बार प्रयोग किए गए। मोटे अनाज वाली फसलें जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, सामक, चिन्ना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को मिलेट्स कहा जाता है। मिलेट्स में गेहूँ, चावल और जौ की तुलना में अधिक पोषक तत्वों का मिश्रण पाया जाता है। मिलेट्स को भारत में हजारों वर्षों से खाद्य स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में बहुत लोकप्रिय हैं, खासकर दक्षिण भारत में। भारतीय लोगों के लिए मिलेट्स बहुत अधिक महत्व रखते हैं क्योंकि ये सस्ते, उपलब्धता में आसान और पौष्टिक होते हैं। मिलेट्स भारतीय रसोई घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इन्हें लोग स्वास्थ्य और पोषण के लिए उपयोग करते हैं। मिलेट्स भारत में विभिन्न क्षेत्रों में उगाए जाने वाली मुख्य फसलों में से एक हैं, भारत में इसका क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता निम्न प्रकार से वर्णित है :
• क्षेत्रफल: भारत में मिलेट्स की खेती क्षेत्रफल के मामले में महत्वपूर्ण है। वर्ष 2020-2021 के अनुसार, मिलेट्स का कुल क्षेत्रफल लगभग 13.78 मिलियन हैक्टेयर था।
• उत्पादन: भारत में मिलेट्स का उत्पादन काफी महत्वपूर्ण है। यह देश के कृषि उत्पादन का एक प्रमुख अंश है। वर्ष 2020-2021 के अनुसार, मिलेट्स का कुल उत्पादन लगभग 28.55 मिलियन टन था जो कि एशिया में 85 प्रतिशत तथा वैश्विक स्तर पर 27 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
• उत्पादकता: मिलेट्स की उत्पादकता उच्च स्तर पर पहुंचाना भारतीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। उत्पादकता आंकड़ों के अनुसार, मिलेट्स की औसत उत्पादकता वर्ष 2020-2021 में प्रति हैक्टेयर 2.07 टन थी।
هذه القصة مأخوذة من طبعة 1st August 2023 من Modern Kheti - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة 1st August 2023 من Modern Kheti - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।