भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक देश है। यह चीन से पीछे है। परन्तु इसकी कृषि के क्षेत्र में इतनी क्षमता है कि यह दुनिया का नंबर एक देश बन सकता है। खाद्य एवं फूड प्रोसैस्सिंग के क्षेत्रों में बड़े निवेशों के बहुत अवसर आ रहे हैं। डेयरी, फूड प्रोसैस्सिंग, पैकेजिंग फरोज़न फूड, रखरखाव एवं थर्मो प्रोसैस्सिंग, फल एवं सब्जियां, सपैसीरनैल्टी प्रोसैस्सिंग, मत्स्य पालन, दूध एवं दूध उत्पाद, मीट एवं पोल्ट्री, डिब्बा बंद भोजन, साफट ड्रिंक एवं फसल के दाने, फूड प्रोसैसिंग उद्योग के कुछ मुख्य क्षेत्र हैं। सेहत के लिए फायदेमंद भोजन एवं हैल्थ फूड स्पलीमैंट इस क्षेत्र के बढ़ रहे एवं सेहत के प्रति जागरूक लोगों में प्रिय हो रहे उत्पाद हैं। भारत दुनिया का एक मुख्य खाद्य उत्पादक देश है परन्तु यह अंतर्राष्ट्रीय खाद्य व्यापार में सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सा डालता है। इस क्षेत्र में निवेशकों एवं निर्यातकर्त्तायों के लिए बहुत संभावनाएं हैं।
भारतीय फूड प्रोसैस्सिंग क्षेत्र में फल एवं सब्जियां, मीट एवं पोल्ट्री, दूध एवं दूध उत्पाद पदार्थ, मत्स्य पालन, दानों की प्रोसैसिंग एवं हर उपभोगता उत्पादन समूह जैसे कि कन्फैक्शनरी, चाकलेट एवं कोकोया उत्पाद, सोया आधारित उत्पाद, मिनरल वाटर, उच्च प्रोटीन मात्रा वाले खाद्य उत्पाद इत्यादि आते हैं। खाद्य उद्योग, डेयरी प्रोसैसिंग, इत्यादि का संपूर्ण डाटा उपलब्ध है। इस अधीन डेयरी प्लांट, कैनिंग, बोतल बंद प्लांट, पैकेजिंग उद्योग, प्रोसैसिंग मशीनरी इत्यादि आते हैं।
विज्ञान ने प्रोसैस्सिंग के कई ढंग ईजाद किये हैं। इससे जहां फल, सब्जियों के प्रोसैस्सड उत्पाद तैयार किये जा सकते हैं वहां पर ही उनको लंबे समय तक सुरक्षित करके वर्ष भर प्रयोग में लिया जा सकता है और बेचा भी जा सकता है। इन तकनीकों में एक तकनीक है डिब्बाबंदी, जिसमें कई तरह के फल एवं सब्जियों को सही ढंग से डिब्बों या बोतलों में इस तरह से बंद कर दिया जाता है कि उनमें हवा न जा सके। ऐसा करने से खाद्य पदार्थ हवा में मौजूद छोटे जीव जो खाद्य पदार्थ को खराब कर देते हैं, के संपर्क में नहीं आता और सुरक्षित रहता है।
फूड प्रोसैस्सिंग के क्षेत्र में निवेश क्यों?
هذه القصة مأخوذة من طبعة 1st August 2024 من Modern Kheti - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة 1st August 2024 من Modern Kheti - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।