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The Problem with our Constitution - a study in retrospect
INDIA GREAT AND FREE SERIES – 35
Speech of the President Shri V.V Giri on the Occasion of the Inauguration of the Vivekananda Rock Memorial at Kanyakumari on September 2, 1970 - 3
The problem of human suffering and inequality between man and man has no doubt existed from the dawn of time, but it was only during the recent decades the affluence of a few and the misery of the many has become sharper and more acute. Whether one approaches the problem purely from the materialistic angle or a humanistic angle or from as ethical angle, one will find that only by a change of heart and outlook can we wipe out sufferings and truly we will be able to establish the kingdom of God.
Inaugural function of Vivekananda Rock Memorial on 2nd September, 1970 Welcome address by President, Shri D.N. Sinha
I shall however tell you in a very small compass, the story as to how Swamiji came to be associated with the rock, to enable you all the better to appreciate the gravity of the occasion and the grandness of the idea that lies behind this attempt to dedicate a memorial on the rock to Swamiji, to commemorate an unique spiritual experience of his, which has now become a part of history.
DOWN MEMORY LANE
THE REPORT GIVEN BY SHRI EKNATH RANADE, THE ORGANISING SECRETARY OF THE COMMITTEE ON 2 SEP 1970
गुरु अर्जुन देव
बलिदान दिवस पर विशेष:
कोरोना संकट - से उभरती विश्व व्यवस्था में भारत की भूमिका
दुनिया तीन के चीन के शहर वुहान की गतिविधियां सामान्य पटरी पर लौटती देख रही है। इसे सरल शब्दों में एक विडम्बना ही कहा जाएगा कि दुनिया में जहां सबसे पहले कोरोना का आविर्भाव हुआ वह देश लॉकडाउन और बंदिशों से मुक्त हो गया तो दुनिया के ज्यादातर देशों को अपने यहां लॉकडाउन सहित, आपातकाल, कड़े कानूनों सहित बंदिशों को सख्त करना पड़ रहा है।
"परिवार" मनुष्य की प्रथम पाठशाला
परिवार मनुष्य की प्रथम पाठशाला है, यह एक ऐसी सामाजिक संस्था है जो सदस्यों के प्रेम, स्नेह एवं भाईचारा पूर्वक निर्वाहन करते हुए उनके आपसी सहयोग व समन्वय से क्रियान्वित होती है।
योग का अनुष्का
21 जून, 2020 को सम्पूर्ण विश्व छठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएगा। भारत के आग्रह पर 2015 से प्रारंभ इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में विश्व के लगभग सभी देश उत्साह से सहभागी हुए हैं और प्रतिवर्ष उनकी सहभागिता और उत्साह में निरंतर वृद्धि ही होती रही है। किन्तु इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष होगा।
Artificial Intelligence And Creativity
A kaleidoscope of facts, projections, hopes, fears, forebodings and persuasions
The Colonial Roots of Sadhu Lynching
Lynchings are wrong.
Rebuilding India 20 India unites in times of crisis
Almost the entire world is in the grip of coronavirus disease ( COVID - 19) since March 2020. The Centre for Systems Science and Engineering at the Johns Hopkins University, USA notes that there were more than 2.72 million confirmed cases of the disease reported in 185 countries and territories as of April 24, 2020 with more than 1,91,000 deaths. It is the biggest calamity in the twenty-first century that has affected the different sections of the society all over the world.
SHINING STARS & SMILING FLOWERS
Many a times, we say there is no ideal in front of us; we dream and wish for the best. And while grieving or being melancholy over what is not with us, we do miss so many inspiring, heart-warming, life nurturing moments in life which can make our life purposeful. While grieving over the unavailability of the shining stars in life, we miss so many beautiful smiling flowers around us. These smiling flowers warm our heart and make our life fragrant. The shining stars are distant and visible only in the night but the fragrant flowers are always around. Let us stop grudging and grumbling and open our eyes to see these smiling flowers in our society. These smiling flowers are strewn liberally on each path. As a Jeevanvrati Karyakarta of Vivekananda Kendra, on my path too, I come across many beautiful smiling flowers, the inspiring, heart touching moments. This series is a garland of such blossoming, smiling flowers
Institutionalizing Hindu Hatred
Ram Swarup and Sita Ram Goel stated very clearly that the rift in the religious fabric of India appeared for the first time when Islam appeared on India’s doors.
INDIA HAS HELPED THE WHOLE WORLD
US President Donald Trump, Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu, President of Brazil, Bolsonaro, as well as Presidents of many countries of the world including Spain and Australia are heartily praising India for helping them fight against Corona.
तनाव युक्त से मुक्त जीवन की ओर...
अभी पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते हम बहुत सी कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। ऐसा लगता है मानो किसी ने हमारे शांत-सुखी जीवन रूपी जल में कंकड़ फेंक दिया हो... और लगातार फेंकता ही जा रहा हो। इस कारण हममें से अधिकतर लोगों का मन दुःखी, विचलित, अशांत रहने लगा है। बढ़ते समय के साथ यह तनाव का रूप ले रहा है। इसीलिए हम आपके लिए लाए हैं तनावमुक्त रहने के कुछ सूत्र...
चेतना का विकास करें!
प्रश्न- गुरु महाराज जी, महर्षि अरविंद और नीत्शे- दोनों ने ही मानव को 'अतिमानव' बनने की प्रेरणा दी। मेरी दुविधा यह है कि महर्षि अरविंद तो आध्यात्मिक पुरुष थे और नीत्शे एक कट्टर नास्तिक, फिर दोनों के विचारों में समानता कैसे?
दाता भी आपसे दान चाहता है! किसका?
गुरु का इंतजार तो चिरंतन काल से चला आ रहा है। वे इस प्रतीक्षा में हैं कि कब कोई ऐसी पुकार सुनाई देगी जो निःस्वार्थ या बेमकसद होगी। केवल और केवल उनके लिए होगी।
क्यों भटक जाते हैं राही पथ से ?
प्रश्न- गुरु महाराज जी, आपने जो हमें ब्रह्मज्ञान दिया है, वह इतना महान, इतना पवित्र है। फिर क्यों हममें से कुछ साधक इस ज्ञान-मार्ग पर चल नहीं पाते? क्यों वे इसे छोड़ बैठते हैं?
घर-घर तीर्थ बने!
घर-घर तीर्थ बने!
दीर्घ श्वास का विज्ञान
जब हम साधक साधना का निरन्तर अभ्यास करते हैं, तो सूक्ष्म श्वास के भीतर चल रही सूक्ष्मतर प्राणधारा से और उसके भीतर चल रहे सूक्ष्मतम प्रभु नाम से जुड़ जाते हैं। इस नाम से जुड़ जाने पर आरम्भ होता है, हमारा आध्यात्मिक विकास।
वेद मंत्रों का विलक्षण प्रभाव
गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी ने वैदिक मंत्रोच्चार पर विशेष बल दिया है। आपके मार्गदर्शन में हर वर्ग के, हर आयु के सहस्रों दीक्षित साधकों ने वेद-मंत्रों की उच्चारण शैली को सीखा है व उसका निरंतर अभ्यास करते हैं। विशेषकर प्राकृतिक उथल-पुथल के काल में इन मंत्रों का सस्वर उच्चारण या श्रवण करना अत्यंत लाभप्रद है। इसमें निहित विज्ञान क्या है-आइए, श्री महाराज जी के वचनामृत द्वारा जानते हैं। इन मंत्रों का गायन आप संस्थान के यूट्यूब चैनल तथा DJJS App पर 'रुद्री पाठ' नाम से अपलोडिड ऑडियो के माध्यम से श्रवण कर सकते हैं। यदि आप इसे प्रातः व सायं काल में अपने घर में सुनते हैं, तो वायुमंडल में प्रखर रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सोच को बनाएँ सकारात्मक !
सोच को बनाएँ सकारात्मक !
गर्मियों के व्यंजन
ताजा जूस, मिल्क शेक और बटर मिल्क आपको तुरंत ऊर्जा देते हैं। इस अंक में हम इसी प्रकार के तीन जूस बनाने की विधि ले कर आयें हैं।
कार्य के तनाव से परेशान है? योग द्वारा सहायता ले
सच तो यह है कि दिन भर कार्य के बाद भी आप किसी तरह का विश्राम नहीं कर पाते। हमें यह भी पता है कि यदि हम शान्त और स्थिर मन से रहते हैं तो चुनौतियों का सामना और उनके सवालों को असरदार तरिके से जल्दी सुलझा सकते है।
एक देवत्व अनेक रूपों में माना जाता है
चेतना का वह पहलू जहाँ से विचार आते हैं, सपने आते हैं और वे चिपक जाते हैं, पूर्ण हो जाते हैं, 'मैं वही हूँ'!
पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर
पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर विश्व के रचियता ब्रह्मा के कुछ गिने चुने मंदिरों में से एक है और यह उन सब में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मानव चेतना
बीज प्रसुप्तावस्था में वर्षों रहकर, अपने भीतर सम्भावनाओं को छिपाये रह सकता है अथवा अंकुरित भी हो सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य और कोविड- १९
जब हम विश्व भर में व्याप्त मानसिक रोगों के आंकड़ों को देखते हैं तो, हम मानसिक स्वास्थ्य का महत्व सरलता से समझ सकते हैं। जिस प्रकार विश्व भर में इनकी संख्या में वृद्धि हो रही है, वह एक चेतावनी की स्थिति की ओर इंगित करता है। इस महामारी के समय में अच्छी मानसिक स्थिति के लिये संक्षिप्त विवरण यहां पर दिया जा रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस
यदि मन नकारात्मकता से प्रदूषित है, तो पर्यावरण कैसे स्वच्छ हो सकता है? प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिये मन की प्रसन्न चित्त अवस्था महत्वपूर्ण है।
स्वस्थ संबंधों का निर्माण
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी की वार्ताओं से संकलित