स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले आनंदवन में ध्वजारोहण कौन करेगा, इस बात को ले कर विवाद हो गया था. "मैं बड़ा हूं, इसलिए ध्वजारोहण मैं करूंगा,” एल्मो हाथी ने सूंड़ लहराते हुए कहा.
"इस तरह तो मैं भी सब से छोटा हूं इसलिए ध्वजारोहण का अवसर मुझे मिलना चाहिए, ” मैनी चूहा बोला.
“देखो, वैसे तो मैं कहना नहीं चाहता, लेकिन मैं सब से होशियार हूं, इसलिए ध्वजारोहण मैं करूंगा, " रिप्पी खरगोश ने कहा और फिर बाकी सब भी अपनी अपनी दावेदारी पेश करने लगे.
"देखो, इस तरह इस बात का हल नहीं निकलने वाला. मुझे लगता है कि हमें किसी बुजुर्ग से सलाह लेनी चाहिए कि ध्वजारोहण कौन करेगा?” गिन्नी गिलहरी बोली तो सब चौंक गए.
“बुजुर्ग? क्यों न हम जंगल के किसी बुजुर्ग प्राणी से ही ध्वजारोहण करवाएं?" जोजो बंदर ने सुझाव तो बाकी सब को भी उस का सुझाव पसंद आया और सब ने सर्वसम्मति से स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले कोको कछुए से ध्वजारोहण करवाने का निर्णय लिया.
स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी जोरशोर से ध्वजारोहण की तैयारियों में व्यस्त थे. तभी घूमते हुए फुरू सियार वहां आ गया.
“वाह, स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां तो बड़े जोरशोर से चल रही हैं, " फुरू ने चारों ओर देखते हुए कहा.
"हां फुरू, स्वाधीनता दिवस हम सब के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है और इस बार तो स्वाधीनता दिवस की 75वीं वर्षगांठ है,” रिप्पी कुर्सियों को ठीक से एक पंक्ति में लगाते हुए बोला.
"रिप्पी, तुम भी कहां फुरु के साथ अपना समय बरबाद कर रहे हो. फुरू को खुद तो स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में कोई काम नहीं करना है, बस, बातें कर के दूसरों का समय बरबाद करना है,” मैनी ने फूलों की लड़ियां लगाते हुए कहा.
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