एक दिन, डब्बू अपने दोस्तों के साथ जंगल में बैठा था, जब उन में से एक ने टिप्पणी की, “डब्बू, तुम कहां गायब हो जाते हो? हम तुम्हें अब कभीकभार ही देख पाते हैं."
"मैं नई चीजें सीखने के लिए शहर जाता हूं. कड़ी मेहनत करता हूं, किताबें पढ़ता हूं और नईनई चीजें सीखने अलगअलग जगहों पर जाता हूं."
डब्बू ने जंगल में अपने दोस्तों पर काफी प्रभाव डाला था. सभी को लगता था कि वह वास्तव होशियार है.
एक दिन, स्टेला सांप ने कहा, "हम बहुत भाग्यशाली हैं, हम दुनिया के सब से बड़े जंगल में रहते हैं."
डब्बू ने तुरंत अपना ज्ञान बघारना शुरू कर दिया. "तुम क्या कह रही हो, स्टेला? हम सब से बड़े जंगल में नहीं रहते हैं, अमेजन वर्षावन दुनिया का सबसे बड़ा वन है."
"तुम्हें यह कैसे पता, डब्बू?” कोको मगरमच्छ ने पूछा.
विनम्रता से पेश आते हुए डब्बू ने जवाब दिया, "क्या तुम्हें नहीं पता? मैं सारा दिन और पूरी रात किताबों में नहीं खोया रहता, मैं वास्तव में उन का अध्ययन करता हूं.” डब्बू यह स्वीकार कर के अपनी छवि खराब नहीं करना चाहता था कि उस ने यह ज्ञान शहर में सुनीसुनाई बातों से सीखा है.
"अरे वाह, तब तो तुम वाकई होशियार हो. तुम्हें हमारे बच्चों को भी सिखाना चाहिए," हाउली लकड़बग्घा ने कहा. यह सुन कर डब्बू गर्व से फूल गया.
एक दिन शहर में घूमते हुए, डब्बू की नजर एक नर्सरी स्कूल पर पड़ी, जहां टीचर बच्चों को एक कविता सुना रहा था, "चलो, चांद पर चलते हैं, चलो अपनी सारी छुट्टियां वहां बिताते हैं, जहां चौकलेट के पेड़ और लौलीपोप की कलियां होंगी, हवा में लहराते पत्तों के लिए कुरकुरे बिस्किट, आम का जूस, फ्रूट पंच और कोला के तालाब होंगे."
कविता उपहारों से भरी मिठाई की टोकरी की तरह थी और इसे सुनते ही डब्बू के मुंह में पानी आ गया.
هذه القصة مأخوذة من طبعة December First 2024 من Champak - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة December First 2024 من Champak - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.