करण ने उत्साहित हो कर कहा, "इस साल हमें सांता क्लौज से मिलना चाहिए और उन्हें जानना चाहिए."
परी बोली, "हां, मैं सांता को उस की लाल टोपी और उड़ती हुई स्लेज के साथ देखना चाहती हूं."
"मैं उस से कहूंगा कि वह अपने बैग में रखे सारे गिफ्ट हमें दे दे," समीर ने मुसकराते हुए कहा.
जल्द ही क्रिसमस की पूर्व संध्या नजदीक आ गई और सभी दोस्त जागते रहने और सांता को पकड़ने के लिए तैयार थे. जैसेजैसे रात हुई, उन में से हरेक लिविंगरूम में छिपने की जगह चुनी.
करण मेज के नीचे और परी कुर्सी के पीछे छिप गई तो समीर परदे के पीछे खड़ा हो गया.
करण फुसफुसाया, "जो भी हो, हमें सोना नहीं है."
परी ने मुसकराते हुए जवाब दिया, "और याद रखना, अगर हम सांता को पकड़ लेंगे, तो उस से आग्रह करेंगे कि वह हमें अपने बैग में रखे सारे गिफ्ट दे दे."
"लेकिन अगर उस ने जादू से हमें अपने रेनडियर पर बैठा दिया और हमें ले कर उड़ जाए तो तब क्या करेंगे," समीर ने घबराते हुए कहा.
"तुम्हारी कल्पनाशीलता भी बहुत विचित्र है, समीर," करण ने हंसते हुए कहा.
बच्चे हंसने लगे और फिर शांत हो गए. उन्होंने फैसला किया कि वे अब और बात नहीं करेंगे, ताकि सांता भाग न जाए.
घड़ी टिकटिक करते हुए चलती रही और जल्द ही रात के 1 बज गए. पूरा महल्ला सुनसान हो गया था, लेकिन करण, परी और समीर जागते रहने की कोशिश कर रहे थे. उन की आंखें मुश्किल से खुली थीं. अचानक उन्हें दरवाजे पर एक हलकी सी आहट सुनाई दी. तीनों ने एकदूसरे की तरफ देखा और अपनी सांस रोक ली.
दरवाजा धीरे से खुला और एक लंबी सफेद दाढ़ी वाला, लाल टोपी और मोटा लाल कोट पहने कोई कमरे में दाखिल हुआ.
परी फुसफुसायी, "यह सचमुच सांता क्लौज है."
सांता ने चुपचाप अपने बैग से गिफ्ट निकाले और उन्हें क्रिसमस ट्री के चारों ओर रख दिया. तभी टेबल के नीचे से एक धीमी आवाज आई, "आ...आ...ना..." यह करण था और धूल के कारण उसे छींक आ गई थी.
सांता चौकन्ना हो गया. उस ने पलट कर पूछा, "कौन है यहां?"
करण अपने छिपने के स्थान से बाहर आया और बोला, "सांता, हम तुम्हें देख कर बहुत खुश हैं. सालों से हम तुम्हें देखना चाहते थे कि सांता कैसा दिखता है? तुम बिलकुल उसी सांता जैसे दिखते हो जिसे मैं ने किताबों और फिल्मों में देखा है, लेकिन..."
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