"तुम दोनों सुबह से झगड़ रहे हो. छुट्टी वाले दिन तो तुम दोनों का महाभारत शुरू हो जाता है. मैं तो परेशान हो जाती हूं, तुम दोनों की किचकिच से," मम्मी ने कहा.
"मैं कुछ भी नहीं कर रही हूं. भैया मुझे सुबह से ही परेशान कर रहा है. वह मुझे पढ़ने नहीं दे रहा है," प्रियांशी ने कहा.
ओजस ने विरोध किया, "मम्मी, दीदी मुझे बेवजह पीट रही है."
"तुम दोनों सुबह से बस एकदूसरे की शिकायत कर रहे हो. ये अच्छी बात नहीं है. तुम अभीअभी नई क्लास में गए हो. पढ़ाई करो. अब मैं कोई शिकायत नहीं सुनना चाहती,” मम्मी ने कहा और किचन में चली गईं.
प्रियांशी और ओजस भी पढ़ाई करने बैठ गए. बैठेबैठे ओजस अभी भी बेचैन था. वह कुछ न कुछ शैतानी करता रहता. दिन के दो बज गए थे. दोनों ने दोपहर का खाना भी खा लिया था. प्रियांशी बिस्तर पर लेट गई थी, क्योंकि उसे नींद आ रही थी.
ओजस तो जैसे इसी बात का इंतजार कर रहा था. वह प्रियांशी के लेटते ही उस के गहरी नींद में जाने का इंतजार करने लगा. थोड़ी ही देर में प्रियांशी खरटि लेने लगी. ओजस ने मौके का फायदा उठाया और स्कैच पैन निकाल कर उस की बड़ीबड़ी मूंछें बना दीं और चुपके से वहां से खिसक गया.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
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फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.