म्यूजियम का रहस्य
Champak - Hindi|May Second 2023
बच्चों की कहानी
वंदना गुप्ता
म्यूजियम का रहस्य

तुल और आभा भाई बहन थे. वे राजस्थान के एक शहर में रहते थे तथा एक ही स्कूल में पढ़ते थे. अतुल 9वीं कक्षा में था और आभा छठी में पढ़ती थी.

स्कूल में गर्मियों की छुट्टियां होने वाली थी. उनकी टीचर ने बताया, "बच्चो, 18 मई को इंटरनैशनल म्यूजियम डे है. इस अवसर पर तुम स्कूल की तरफ से शहर का म्यूजियम देखने जा सकते हो. तब तक स्कूल की छुट्टियां हो चुकी होंगी, जो भी बच्चे म्यूजियम देखने जाना चाहते हैं, उन्हें अपना नाम लिखवाना होगा और 18 मई को सुबह साढ़े 9 बजे तक स्कूल पहुंचना होगा.”

"हम म्यूजियम में क्या देखेंगे?" आभा ने पूछा.

"म्यूजियम में हम राजामहाराजाओं द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं, उन के कपड़ों, हथियारों और आभूषणों को देखेंगे."

आभा और अतुल ने म्यूजियम देखने जाने के लिए अपना नाम लिखवा लिया.

18 मई को वे समय से स्कूल पहुंचे और दोनों स्कूल

बस से म्यूजियम के लिए रवाना हो गए.

संग्रहालय में घूमते हुए उन्होंने कई दिलचस्प वस्तुएं देखीं.

एक हौल में राजारानी के शाही कपड़े देख कर आभा हैरान रह गई, उस ने कहा, "ये कितने बड़े व भारी कपड़े हैं, इन्हें पहन कर वे कैसे चलते होंगे?”

“वह औरेंज लहंगा इसी रंग का है, जैसी मेरी फ्रौक है. मैं ने इसे अपने बर्थडे पर पहना था,” आभा ने अपनी सहेली मीतू को बताया.

"और उस पर जो मोर बने हैं, उस पर कितने शीशे व मोती लगे हैं,” मीतू बोली.

उन के सामने एक दीवार पर कुछ तसवीरें टंगी थीं, जिन में सुंदर सजेधजे हाथी आमनेसामने खड़े थे.

"ऐसा लगता है जैसे सामने ही युद्ध हो रहा हो. सैनिकों के अस्त्रशस्त्र भी कितने अलग हैं," अतुल अपने दोस्त से बोला.

उन्होंने भाले, तलवार व ढाल जैसे विभिन्न प्रकार के हथियार भी देखे.

संग्रहालय में प्रदर्शित आभूषणों और मुकुटों की कर बच्चे बहुत हैरान हो गए. उन्होंने ऐसी वस्तुएं पहले कभी नहीं देखी थीं.

कुछ दिन बाद आभा और अतुल को अपनी बू आ साथ म्यूजियम देखने का एक और मौका मिल गया. दोनों सारे रास्ते जानते थे. अतः सब को बताते हुए वे आगे चल रहे थे.

आभा ने जब रानी के लंहगे को देखा, तो वह चौंक गई, "उस दिन तो इस का रंग मेरी फ्रौक जैसा दिखा था. आज हलका क्यों लग रहा है."

هذه القصة مأخوذة من طبعة May Second 2023 من Champak - Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة May Second 2023 من Champak - Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من CHAMPAK - HINDI مشاهدة الكل
जो ढूंढ़े वही पाए
Champak - Hindi

जो ढूंढ़े वही पाए

अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.

time-read
4 mins  |
November Second 2024
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
Champak - Hindi

एक कुत्ता जिस का नाम डौट था

डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.

time-read
5 mins  |
November Second 2024
स्कूल का संविधान
Champak - Hindi

स्कूल का संविधान

10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.

time-read
5 mins  |
November Second 2024
तरुण की कहानी
Champak - Hindi

तरुण की कहानी

\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.

time-read
5 mins  |
November Second 2024
फौक्सी को सबक
Champak - Hindi

फौक्सी को सबक

एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.

time-read
4 mins  |
November Second 2024
बच्चे देश का भविष्य
Champak - Hindi

बच्चे देश का भविष्य

भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.

time-read
4 mins  |
November Second 2024
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
Champak - Hindi

पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी

“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"

time-read
3 mins  |
November Second 2024
अद्भुत दीवाली
Champak - Hindi

अद्भुत दीवाली

जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"

time-read
4 mins  |
November First 2024
डिक्शनरी
Champak - Hindi

डिक्शनरी

बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.

time-read
5 mins  |
November First 2024
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
Champak - Hindi

सिल्वर लेक की यादगार दीवाली

\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.

time-read
4 mins  |
November First 2024