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फर्श को बनाएं क्लासी
घर का फर्श बच्चों का पहला प्लेग्रांउड होता है, जिसे साफ-सुथरा होने के साथ खूबसूरत भी होना चाहिए। स्टाइलिश टाइल्स लगाकर आप फर्श को खूबसूरत और क्लासी लुक दे सकती हैं।
विज्ञान सम्मत है श्राद्ध-कर्म
शोधकर्ताओं के अनुसार, पितरों के डीएनए का विस्तार ही हमारा अस्तित्व है। प्रत्येक शिशु का जुड़ाव उसके पूर्वजों से ही बना रहता है।
मुक्ति तो गया में ही
मान्यता है कि गया तीर्थ में श्राद्ध कर्म पूर्ण करने के बाद भगवान विष्णु के दर्शन करने से मनुष्य पितृ, माता और गुरु के ऋण से मुक्त हो जाता है।
श्राद्धफल को भी जान लें
पितृपक्ष में यदि पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखा जाए तो श्राद्ध कर्ता के सभी मनोरथ पूरे होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।
पितृदोष हो तो पीपल का पेड़
अगर आप चाहते हैं कि घर-परिवार में खुशियां बनी रहें तो पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने का उपाय जरूर करें, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
पंडित नहीं तो सूर्यदेव
भगवान सूर्य को जगत का पंडित कहा गया है। इसलिए शास्त्रों के अनुसार, यदि पंडित नहीं है तो सूर्य को ही पंडित मानते हुए पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया जा सकता है।
किस तिथि को किसका पिंडदान
आमतौर पर जिस पूर्वज की जिस तिथि को मृत्यु होती है, उसका श्राद्ध पितृपक्ष की उसी तिथि को किया जाता है। लेकिन इस विषय में कुछ अपवाद भी हैं।
तर्पण भोजन और त्याग
शास्त्रों में गाय, कौवा, बिल्ली, कुत्ता और ब्राह्मण को भोजन कराकर पितरों को खुश करने की बात लिखी गई है। पितरों के हिस्से के भोजन को इन्हीं भागों से उन तक पहुंचाया जाता है।
पूरी विधि यहां है
पितृगण की संतुष्टि और अपने कल्याण के लिए श्राद्ध-कर्म में श्रद्धा तो जरूरी है ही, साथ में सही विधान के बारे में भी जानना आवश्यक है, ताकि पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद दें।
वास्तु भी कुछ कहता है
वास्तु के अनुसार, पितरों के निमित्त पूजा, तर्पण किस दिशा में करना चाहिए और घर में उनकी तस्वीर कहां लगानी चाहिए, यह जान लेना आवश्यक है।
लग्न-राशि के हिसाब से दान-पुण्य
पितरों का स्मरण कर अगर व्यक्ति राशि या लग्न के अनुसार दान-पुण्य करे तो न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं, बल्कि जन्म कुंडली की लग्न और राशि को भी बल मिलता है।
महिला को भी है अधिकार
शास्त्रों के अनुसार, विशेष परिस्थितियों में महिलाओं को भी पुरुषों की तरह ही श्राद्ध कर्म करने का अधिकार है, लेकिन इसकी कुछ अनिवार्य शर्तें हैं।
सोलह पीढ़ियों तक
आमतौर पर श्राद्ध कर्म और पिंडदान तीन पीढ़ियों तक ही किया जाता है - पिता, दादा और परदादा। लेकिन कहीं-कहीं श्राद्ध सोलह पीढ़ियों के लिए भी किया जाता है। इसको पीढ़ियों का अंतिम पड़ाव माना जाता है।
कितनी तरह के श्राद्ध
धर्मशास्त्रों में श्राद्ध के कई प्रकार बताए गए हैं। कहीं तीन श्राद्ध की चर्चा है तो कहीं पांच की। कुछ धर्मशास्त्रों में तो बारह श्राद्ध बताए गए हैं। श्राद्ध के कुल 96 अवसरों का भी उल्लेख मिलता है।
कश्मीरी पुलाव
फूड कॉर्नर - रीडर्स रेसिपी
सेवा में यज्ञ कुंड
'मैंने तो सिर्फ पत्नी का फर्ज निभाया, लेकिन रेनू ने किसी की परवाह न करते हुए अपने बॉस का साथ दिया और लोगों की सेवा भी करती रही।'
नए जमाने का भारतीय डिजाइन
रंग, डिजाइन, पेंटिंग्स, परदे, हर छोटी से छोटी चीज किसी भी घर को खास बनाती है। लेकिन अगर इसमें भारतीय झलक न हो तो घर फीका-सा लगता है।
ट्रेंड में क्लीन गर्ल नेल्स
'क्लीन गर्ल नेल्स' यानी करीने से संवारे गए और हाई- ग्लॉस फिनिश के साथ छोटे, गोल नाखूनों पर एक कंट्रास्ट रंग। इन दिनों यह खूब ट्रेंड में है।
जंगल एक थेरैपी!
घने पेड़ों के बीच धीमी गति से सैर करना, प्रकृति की हलचल को महसूस करना, प्राकृतिक जगहों पर बैठना, जंगल की हवा को फेफड़ों में अंदर तक भरना और अपने मित्रों से प्रकृति से जुड़ी बातें करना 'इको थेरैपी' का एक हिस्सा है।
कॉलर पर जिद्दी दाग
पसीने और शरीर के प्राकृतिक तेल की वजह से शर्ट के कॉलर पर दाग-धब्बे लग जाते हैं, जिनको आप रसोई में मौजूद घरेलू चीजों से आसानी से साफ कर सकती हैं।
जूते से पैरों में लाल चकत्ते
नए फुटवियर पहनकर ज्यादा चलने की वजह से पैरों में छाले पड़ जाते हैं। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो कुछ घरेलू उपायों को अपना सकती हैं।
आपकी ननद माइंड कर जाती है!
ननद-भाभी के रिश्ते की डोर बहुत नाजुक होती है। इस रिश्ते में रूठना-मनाना चलता रहता है। लेकिन कभी-कभी इस रिश्ते में मनमुटाव इस हद तक बढ़ जाता है कि दोनों के बीच दूरियां तक आ जाती हैं। आखिर क्या होती है इसकी वजह और क्या है इसके पीछे का मनोविज्ञान?
अरबी के खुरमे
फूड कॉर्नर - रीडर्स रेसिपी
मुक्ति
हरिया की आंखें बंद होने लगीं। वह मुक्त हो चुका था समाज के सभी बंधनों से। हे भगवान! यह कैसा तूफान था, जो बारिश थमने के बाद आया था।
उनके साथ पहली बार जा रही हैं बाहर
शादी के बाद अगर आप पहली बार साथी के साथ यात्रा पर जा रही हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर अपनी यात्रा को आरामदायक और यादगार बना सकती हैं।
बप्पा के संग सबके एक रंग
गणेश चतुर्थी के पर्व को हर धर्म और जाति के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं। इस त्योहार ने महाराष्ट्र को ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को एक कर दिया है।
जिंदगी में स्मार्टफोन की कितनी जरूरत
मौजूदा जीवन-शैली में सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक स्मार्टफोन प्रमुख जरुरत बनता जा रहा है। आज के तकनीकी दौर में इसके बिना काम चल नहीं भी सकता है। लेकिन स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आप कई समस्याओं की शिकार भी हो सकती हैं।
किचन के लिए कौन-सा मॉडल
अगर आप नया घर या अपार्टमेंट ले रही हैं या अपने पुराने घर को रेनोवेट करना चाह रही हैं तो किचन के कुछ आधुनिक डिजाइन अपना सकती हैं।
जैसा आईक्यू, वैसा समाधान
बच्चे का आईक्यू लेवल हर उम्र में बदलता रहता है। बचपन में हम इसे छोटी-छोटी बातों से जान सकते हैं, लेकिन बड़े होते बच्चे की कुछ खास गतिविधियों पर ध्यान देना जरूरी होता है।
आपको जानना चाहिए, बच्चे का आईक्यू लेवल
बच्चे की परवरिश में जुटे सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इंटेलिजेंट और स्मार्ट बने। इसके लिए आपको अपने बच्चे का अवलोकन करना होगा और उसके व्यवहार को देखकर ही आप समझ सकती हैं कि उसका आईक्यू कैसा है।