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दस दिन में जांच कराकर धामी ने पेश की मिसाल
एसटीपी हादसे में हुई चार गिरफ्तारियां तो बस शुरुआत है। अभी इस प्रकरण में कई और अफसरों की गर्दन फंसेगी। मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर हादसे के लिए संचालक कंपनी और विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की घोर लापरवाही को जिम्मेदार बताया गया है। साथ ही इन पर कार्रवाई की संस्तुति भी गई है। इसके अलावा विद्युत सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। इस घटना के आलोक में प्रदेश के सभी एसटीपी का सेफ्टी आडिट भी कराया जा रहा है।
बदलने वाली है उत्तरकाशी के जगन्नाथ मंदिर की तस्वीर
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से महज पांच किमी दूर साल्ड गांव में स्थित जगन्नाथ मंदिर को अब प्रसिद्धि मिल सकती है। इसके लिए उड़िया फिल्मों के अभिनेता सब्यसाची मिश्रा ने प्रयास किए हैं। सब्यसाची मिश्रा के प्रयास से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है।
उत्तराखंड को मॉडल स्टेट बनाने में जुटे धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह जानते हैं कि पीएम मोदी का उत्तराखंड की संस्कृति से नाता है और इसका सकारात्मक सदुपयोग करते हुए धामी प्रधानमंत्री मोदी से अपनी मुलाकातों के दौरान उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़े अनन्य उपहार भेंट कर अपने रिश्तों में एक नयी ऊर्जा पैदा कर देते। उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परपंराओं से जुड़े प्रतीक चिन्हों और स्थानीय उत्पाद जिनमें देवभूमि की संस्कृति रची बसी हो, मोदी के हृदय को जरूर स्पंदित करते होंगे।
मौसम की मार - धामी सरकार ने कुशलता से लोगों को पहुंचाई राहत
पूर्ववर्ती सरकारों के मुख्यमंत्री आपदा आते ही दिल्ली प्रवास के लिए चले जाते थे, लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिला कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न केवल आपदा प्रबंधन के लिए कमान खुद संभाली, बल्कि सभी मंत्रियों और अधिकारियों की ड्यूटी भी संबंधित क्षेत्र में लगा दी। यहां तक कि वे खुद कई क्षेत्रों में गए और उन्होंने आपदा राहत कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि आपदा प्रभावितों को रहने, खाने की सुविधा एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो।
दलितों-पिछड़ों व जाटों पर बड़ा 'दांव' लगा सकती है बीजेपी
बीजेपी आलाकमान को ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को समाजवादी पार्टी से निकालकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल कराने के बाद अब सपा के एक और मित्र रालोद मुखिया जयंत चौधरी भी रास आने लगे हैं। यह और बात है कि अभी जयंत, यूपी में सपाकांग्रेस के संभावित गठबंधन के साथ नजर आ रहे हैं लेकिन ऐन मौके पर जयंत चौधरी भी 'राजभर' बन जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा।
कांग्रेस को यूपी में उभार की आस
कांग्रेस करीब तीन दशकों से यूपी में उभार की उम्मीद लगाए बैठी है, लेकिन उसके हालात सुधरने की बजाए बिगड़ते जा रहे हैं। आज की तारीख में तो न उसके पास संगठन बचा है और न नेता न वोटर। यही वजह है कांग्रेस यूपी में गर्दिश में चली ही गई है। अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस के इस गर्दिश के दिनों को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी दूर करेंगी।
ज्ञानवापी विवाद: अदालत से पहले योगी का 'फैसला'
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि मुझे लगता है कि भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वो देखे ना। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखे न। ज्योतिर्लिंग हैं, देव प्रतमायें हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्ला के क्या कह रही हैं? इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि उन्हें (योगी) लगता है यह प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है। उसके लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।
आम चुनाव से पूर्व बीजेपी करेगी मुसलमानों का लिटमस टेस्ट
बीजेपी आलाकमान 'समान नागरिक संहिता' और एंटी मुस्लिम छवि से 2024 तक उबरने के लिए पसमांदा मुसलमानों के सहारे है। इसी साल 5 राज्यों में होने वाले चुनावों में इसका लिटमस टेस्ट भी हो जाएगा कि बीजेपी सपा-बसपा के वोटरों में सेंध मार पाएगी या नहीं। सैफी, अंसारी, अल्वी, कुरैशी, मंसूरी, इदरीसी, सलमानी, रायन समुदाय अधिकतर पसमांदा ही हैं।
मणिपुर के बहाने मोदी पर लगा रहे निशाने
आज एकजुट विपक्ष जब बीते कल में अपनी ढपली अपना राग छेड़े हुए था, तब भी सदन में हंगामा किया गया और कांग्रेस ने उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कांग्रेस ने कभी राफेल तो कभी पेगासस तो कभी अडाणी को लेकर संसद नहीं चलने दी। वास्तव में कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष के पास प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को घेरने के लिए कुछ है नहीं।
एनडीए बनाम इण्डिया होगा रोचक मुकाबला
यहां इण्डिया का अर्थ 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' है। दरअसल, विपक्ष अकेले-अकेले बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी से 2019 के चुनाव में दो-दो हाथ करके मुंह की खा चुका था। ऐसे में समूचे विपक्ष को एक मंच पर आने को मजबूर होना पड़ा। यह बात भी सही है कि 'इण्डिया' अभी पूरी तरह से आकार भी नहीं ले पाया था कि बीजेपी के रणनीतिकारों ने विपक्षी एकता में सेंधमारी शुरू कर दी।
हेमंत सरकार में सरकारी नौकरियों की बहार
सूबे में अगले साल लोकसभा उसके बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में हेमंत सोरेन चाहते हैं कि सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। बीच-बीच में नियोजन नीति को लेकर विवाद के कारण कुछ समय के लिए नई नियुक्तियों पर संशय हो गया था। लेकिन एक बार फिर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 2019 के चुनाव में जो वादे किए गए थे, उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा।
आदिपुरुष: धार्मिक आस्था पर चोट
ओम राउत के निर्देशन में बनी एपिक रामायण पर आधारित फिल्म 'आदिपुरुष' विवादों में फंसी हुई है। फिल्म के स्तरहीन संवाद और किरदारों के खराब चित्रण को लेकर पूरे देश में इस फिल्म का विरोध हो रहा है और इसके बैन की मांग भी हो रही है। वास्तव में 'आदिपुरुष' को रिलीज होने के बाद से ही नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल दिसंबर में फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग वाली जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
ऋतुराज गायकवाड़ पर होगा दारोमदार!
वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टेस्ट के लिए टीम इंडिया में बनाई जगह
भारत-अमेरिका प्रतिरक्षा संबंधों को नई ऊंचाई
भारत विश्व में सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है, वहीं सिपरी की 2023 की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता देश है, दूसरे स्थान पर फ्रांस और तीसरे स्थान पर अमेरिका है। राफेल फाइटर जेटों की फ्रांस से खरीद के बाद अमेरिका दूसरे से तीसरे स्थान पर चला गया है, लेकिन मजबूत प्रतिरक्षा संबंध दोनों के आपसी संबंधों का मजबूत आधार बने हुए हैं।
नीतीश कुमार का दांव
नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन के उस मोड़ पर आज खड़े हैं, जहां से या तो उनका कद बहुत ऊपर उठेगा, या फिर उनकी सियासत का अंत होगा। भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का उनका काम कुछ ऐसा ही है। सभी विपक्षी दल मिलकर भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करने में सफल रहे तो निश्चित ही इसका बहुत सा श्रेय उन्हें मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो...।
'पावर गेम' में सब कुछ जायज
शरद पवार ने भतीजे अजित को पार्टी में उनकी हैसियत समझाने के साथ ही अपनी सुपुत्री सांसद सुप्रिया सुले के लिए मार्ग सुगम बनाने व अवरोधक बनने वालों को धकियाने में लग गए। इधर त्वरित निर्णय लेने और स्पष्टवादी जुबानपसन्द पार्टी में दो नम्बरी अजित पवार को यह अवसान, अपना अपमान लगा और उनके हार न मानने की खदबदाहट ने अपनी महत्वकांक्षाओं और प्रासंगिकता को बनाये रखने और दीर्घ सियासी सफर के लिए कदम उठ पड़े कमलदली दोस्त देवेन्द्र फडणवीस की तरफ।
सराहे जा रहे धामी सरकार के दो साल में लिए गए फैसले
यह सही है कि जनता की सरकार से अपार अपेक्षाएं होती हैं और जब सरकारें उन पर खरी नहीं उतरती तो निश्चित तौर पर नाराजगी भी होती है। युवा मुख्यमंत्री धामी से भी जनता की अपेक्षाएं अपार हैं, इसलिए आने वाले वर्षों में उनके सामने बड़ी चुनौतियां भी रहेंगी। जहां तक उनके अब तक के कार्यकाल का सवाल है तो उसे उत्तराखण्ड का सुनहरा दौर ही कहा जाएगा।
पहाड़ों में बढ़ते अपराधों से फूटने लगा लोगों में गुस्सा
हिंदू संगठनों के प्रमुख नेता उज्ज्वल पंडित का कहना है कि साजिश के तहत उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में एक विशेष समुदाय के लोगों को कांग्रेस की पिछली सरकारों ने बसाया। जिस तरह से उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व बढ़ाया जा रहा है, वह राज्य के हित में नहीं है क्योंकि उत्तराखंड राज्य चीन और नेपाल की सीमा से लगा हुआ एक संवेदनशील राज्य है। उन्होंने इस पर्वतीय राज्य के जनसंख्या घनत्व को बिगाड़ने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर आरोप लगाया जिनकी तुष्टीकरण की नीति के कारण राज्य आज सांप्रदायिकता विस्फोट के मुहाने पर खड़ा है।
'न खाउंगा न खाने दूंगा' मोदी के नारे को धामी ने किया साकार
पहली बार सीएम धामी के निर्देश पर भ्रष्ट अफसरों पर कड़ी कार्रवाई शुरू हुई है। इससे पहले कभी इस प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं हुई। घोटालों की बात करें तो काफी लंबी फेहरिस्त है। ऐसा पहली बार ऐसा हो रहा है जब घोटाला करने वाले अफसरों पर सीएम स्वयं कड़े एक्शन लेने के अलावा उनसे वसूली तक करवा रहे है।
धुन के पक्के धामी बनाएंगे नजीर
मुख्यमंत्री धामी ही हैं जो न सिर्फ पूरा खम ठोक कर उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू करने के लिए पूरी कसरत कर चुके हैं बल्कि अन्य राज्यों की सरकारों से भी अपने यहां इस कानून को लागू करने का आग्रह कर रहे हैं। उनकी इस साहसिक पहल को तब केन्द्र सरकार और भाजपा हाईकमान का पूरा समर्थन मिलता दिखा जब देश के गृहमंत्री अमित शाह ने तमाम सार्वजनिक मंचों पर कहा कि भाजपाशासित राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।
यूसीसी से कमजोर पड़ेगी तुष्टीकरण की सियासत
उत्तरखंड यूसीसी लागू करने के मामले में काफी आगे बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी यूसीसी की बात करने लगी है। प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यूसीसी को देश की जरूरत बताकर इस मसले को और हवा दे दी, जिसके खिलाफ मुस्लिम संगठन और वह विपक्षी पार्टियां एकजुट नजर आ रही हैं जो मुस्लिम वोटों के सहारे आगे बढ़ी है।
जिधर फायदा, उधर रालोद और सुभासपा
आज भी राष्ट्रीय लोकदल सभी पार्टियों की चहेती बनी हुई है तो इसकी वजह है पश्चिमी यूपी में जाट वोटों पर उसकी दमदार पकड़ वेस्ट यूपी में जाट वोटर हमेशा निर्णायक भूमिका में रहते हैं। किसी भी राजनैतिक दल को रालोद से गठबंधन करने में परहेज नहीं रहता है तो रालोद भी मौके की नजाकत भांप कर किसी भी पार्टी के साथ समझौता करने को तैयार रहता है।
यूपी में योगी ही कर देंगे विपक्षी एकता की 'ताकत' को कुंद
2022 के विधानसभा चुनाव में 'कमल' खिलाने के बाद 'महाराज जी' ने स्थानीय निकाय चुनाव में भी भगवा परचम फहरा दिया। धुन के पक्के और वचनों के धनी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारिता चुनाव में भी भाजपा को बुलन्दियों पर पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। नतीजा यह हुआ कि आज वहां भी भाजपा का ही जलवा कायम है।
मोदी-योगी के मुस्लिम प्रेम से विपक्ष में छटपटाहट
पहले कांग्रेस और उसके बाद सपा-बसपा ने इन लोगों का वोट तो खूब लिया, मगर इनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया | तमाम दल इन मुसलमानों को बीजेपी के खिलाफ उकसाते रहते थे। अब इन सब मुद्दों को हवा देकर बीजेपी पसमांदा समाज के मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में लाना चाहती है तो इससे अखिलेश और मायावती चिढ़ी हुई हैं। पहले अखिलेश ने बीजेपी और मोदी पर हमला बोला था और अब मायावती हमलावर हैं।
साथ तो आ गए चलेंगे कहां तक?
दरअसल, ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए बीते नौ वर्षों से केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पटना से विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद शुरू हुई। इसके तहत बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ विभिन्न प्रांतों के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का बीड़ा उठाया। नीतीश इस कवायद में खासे सफल भी रहे और उन्होंने पटना में एक साथ 15 दलों के 27 नेताओं को एकसाथ बैठा दिया।
मणिपुर हिंसा: यह आग कब बुझेगी?
मणिपुर में हुई हिंसा के पीछे कुछ और कारण होने की बात भी कही जा रही है। मणिपुर में सरकार के समर्थकों का कहना है कि जनजाति समूह अपने हितों को साधने के लिए सीएम बीरेन सिंह को सत्ता से हटाना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। प्रदेश में बीरेन सिंह की सरकार अफीम की खेती को नष्ट कर रही है और कहा जा रहा है कि इसकी मार म्यांमार के अवैध प्रवासियों पर भी पड़ रही है।
अदा शर्मा की बेहतरीन अदाकारी
मूवी रिव्यू: द केरल स्टोरी
खेलो इंडिया से निकली प्रतिभाएं बढ़ा रहीं भारत की चमक-धमक
2018 में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स की शुरुआत हुई थी जिसका स्तर अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो गया है। वर्तमान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के 5 संस्करण और यूनिवर्सिटी गेम्स के 2 संस्करण आयोजित किए जा चुके है। खेलों इंडिया के दूसरे संस्करण की शुरूआत देश के जनमानस में बसे धर्म ग्रंथ रामायण पर एक प्रतीकात्मक कहानी के चित्रण के साथ हुई। इसे समृद्ध भारतीय संस्कृति और परंपरा को अष्टकोण के आकार की विशाल स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया जो जमीन से 50 फुट ऊपर हवा में लटकी थी।
मजबूत होती आइलैंड डिप्लोमेसी
भारत ने इस जी 7 की हिरोशिमा बैठक में रेसिलिएंट हेल्थ केयर सिस्टम, डिजिटल हेल्थ, यूनिवर्सल हेल्थ, वन अर्थ वन हेल्थ सिद्धांत ट्रेडिशनल मेडिसिन का प्रसार, स्वास्थ्य सुरक्षा, एकीकृत हेल्थ केयर जैसे विचारों और धारणाओं को मजबूती देने पर बल दिया। भारत की सोच है कि 20 और 7 के एजेंडा के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक बनाने के लिए काम करना जरूरी है, साथ ही ग्लोबल साउथ की आशाओं और अपेक्षाओं को प्राथमिकता देने के लिए भी काम करना होगा।
बाढ़मुक्त असम के सपने को साकार कर रहे पीयूष
असम की बाढ़ और क की समस्या अन्य राज्यों से अलग है। जहां तक बाढ़ की अवधि और भूकटाव की मात्रा का संबंध है, असम की बाढ़ शायद देश में सबसे तीव्र और अद्वितीय है। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग (आरबीए) के आकलन के अनुसार राज्य का बाढ़ प्रवण क्षेत्र राज्य के कुल क्षेत्रफल 78.523 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 31.05 लाख हेक्टेयर है, यानी लगभग 39.58 फीसदी है।