जानवरों की मसीहा
गीता शेषमणि, 73 वर्ष
सह-संस्थापक, फ्रेंडिकोज एसईसीए और वाइल्डलाइफ एसओएस
दरअसल, 1970 के दशक के मध्य में छोटे बच्चों के एक समूह ने नई दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी फ्लाइओवर के नीचे बचाए गए आवारा पशुओं के लिए एक 'काइंडनेस क्लब' शुरू किया. उन बच्चों में से एक गीता शेषमणि बताती हैं, "हमें तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जगह दी थी. हमें बदहाल, घायल और छोड़ दिए गए बहुत सारे जानवर मिले." समूह ने 1979 में सड़क पर रहने वाले जानवरों की मदद के लिए फ्रेंडिकोज एसईसीए की स्थापना की. आज भी यह संस्था जानवरों की भलाई और देखरेख में लगी है. शेषमणि शुरू से इस एनजीओ के साथ जुड़ी हैं. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के गार्गी कॉलेज में अंग्रेजी की प्रोफेसर के तौर पर नौकरी भी की. पर उनका कहना है कि जानवरों की मदद करने में ही उन्हें जीवन के सही मायने मिले. 1995 में उन्होंने सह-संस्थापक के तौर पर एनजीओ वाइल्डलाइफ एसओएस की भी नींव रखी.
शेषमणि ने अपनी पीएचडी के बाद अमेरिका से अपने वतन लौटने का फैसला लिया. वे चाहती थीं कि उनके बच्चे को सामुदायिक वन्यजीवन का अनुभव मिले और वह उसकी महत्ता को समझे. उन्होंने कहा, "हम अपने बच्चों को दूसरों के साथ दुनिया साझा करने का तरीका सिखाए बिना उनका पालन-पोषण कर रहे हैं. मैं अपने बच्चे को समझाना चाहती थी कि पेड़ों पर पक्षियों को देखना, सड़क पर गाय या कुत्ते को खाना खिलाना कैसा होता है."
पिछले एक दशक में उनके एनजीओ को ऐसे कई जख्मी जानवर मिले जिन पर एसिड या कांच की बोतलों से हमला किया गया, या भूखा रखा गया या अधमरा कर दिया गया था. वे कहती हैं, “पशुओं के साथ लोगों का दुर्व्यवहार बढ़ता जा रहा है. एक कुत्ता किसी को काट ले, तो उस घटना को मीडिया में खूब उछाला जाता है. इससे सामुदायिक स्तर पर जानवरों के प्रति लोगों की धारणा बदल जाती है."
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 03, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 03, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.