मध्य और दक्षिणी गुजरात में उत्साह का माहौल है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8 जनवरी को एक्स पर घोषणा की कि नेशनल हाइ स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने अहमदाबाद और मुंबई के बीच देश में पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जरूरी 100 फीसद भूमि अधिग्रहण पूरा कर लिया है. 508 किलोमीटर का हाइ-स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर गुजरात में लगभग 350 किलोमीटर का होगा. यह कॉरिडोर एक सीध में विभिन्न गांवों और कस्बों से होकर गुजरेगा. देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई से तेज कनेक्टिविटी का लाभ उठाने के लिए व्यापक औद्योगिक और शहरी विकास की योजना बनाई गई है. भूमि अधिग्रहण के अलावा, एनएचएसआरसीएल ने गुजरात और महाराष्ट्र (जहां 156 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बन रहा है) सारे सिविल ठेके दे दिए हैं. इससे अहमदाबाद और मुंबई के बीच रेल यात्रा का समय मौजूदा पांच से सात घंटे से बस दो घंटे हो जाएगा.
गुजरात में अहमदाबाद-गांधीनगर के केंद्र में स्थित बुलेट ट्रेन टर्मिनल स्टेशन के आसपास साबरमती मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब में बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधि जारी है. एनएचएसआरसीएल के जनसंपर्क अधिकारी अरुण भनोट के मुताबिक, यह पूरा इलाका तीन साल में व्यस्त सड़कों में बदल जाएगा, जहां यात्री बुलेट ट्रेन और आम ट्रेन पर चढ़ेंगे-उतरेंगे. यह फिर अहमदाबाद मेट्रो से जुड़ेगा और राजधानी गांधीनगर तथा आसपास के इलाकों के लिए बस रैपिड ट्रांजिट प्रणाली होगी. यहां प्रीमियम होटल, रेस्तरां, ऑफिस और शॉपिंग प्लाजा होंगे. यह देश के किसी भी प्रमुख हवाई अड्डे को टक्कर देगा.
जापान में पहली बार 1964 में शुरू हुई शिंकानसेन बुलेट ट्रेन के मॉडल पर आधारित मुंबई-अहमदाबाद हाइ स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है. निर्माण लागत का 81 फीसद जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआइसीए) के कर्ज से मिलेगा, बाकी रकम एनएचएसआरसीएल से आएगी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 50 फीसद अंश पूंजी के साथ एसपीवी जारी किया है. उसमें गुजरात और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें हरेक 25 फीसद का योगदान करेंगी. मुंबई में एचएसआर स्टेशन का निर्माण बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में भूमिगत किया जा रहा है, जो साबरमती की तरह ही स्थानीय मेट्रो रेल और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के साथ जुड़ा है.
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 24, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 24, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही