रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi|January 24, 2024
भूमि अधिग्रहण के सौ फीसद पूरा होने के साथ ही गुजरात में नए इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी अहमदाबाद से मुंबई तक देश की पहली बुलेट ट्रेन को लेकर भारी उत्साह
जुमाना शाह
रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

ध्य और दक्षिणी गुजरात में उत्साह का माहौल है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8 जनवरी को एक्स पर घोषणा की कि नेशनल हाइ स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने अहमदाबाद और मुंबई के बीच देश में पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जरूरी 100 फीसद भूमि अधिग्रहण पूरा कर लिया है. 508 किलोमीटर का हाइ-स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर गुजरात में लगभग 350 किलोमीटर का होगा. यह कॉरिडोर एक सीध में विभिन्न गांवों और कस्बों से होकर गुजरेगा. देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई से तेज कनेक्टिविटी का लाभ उठाने के लिए व्यापक औद्योगिक और शहरी विकास की योजना बनाई गई है. भूमि अधिग्रहण के अलावा, एनएचएसआरसीएल ने गुजरात और महाराष्ट्र (जहां 156 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बन रहा है) सारे सिविल ठेके दे दिए हैं. इससे अहमदाबाद और मुंबई के बीच रेल यात्रा का समय मौजूदा पांच से सात घंटे से बस दो घंटे हो जाएगा.

गुजरात में अहमदाबाद-गांधीनगर के केंद्र में स्थित बुलेट ट्रेन टर्मिनल स्टेशन के आसपास साबरमती मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब में बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधि जारी है. एनएचएसआरसीएल के जनसंपर्क अधिकारी अरुण भनोट के मुताबिक, यह पूरा इलाका तीन साल में व्यस्त सड़कों में बदल जाएगा, जहां यात्री बुलेट ट्रेन और आम ट्रेन पर चढ़ेंगे-उतरेंगे. यह फिर अहमदाबाद मेट्रो से जुड़ेगा और राजधानी गांधीनगर तथा आसपास के इलाकों के लिए बस रैपिड ट्रांजिट प्रणाली होगी. यहां प्रीमियम होटल, रेस्तरां, ऑफिस और शॉपिंग प्लाजा होंगे. यह देश के किसी भी प्रमुख हवाई अड्डे को टक्कर देगा.

जापान में पहली बार 1964 में शुरू हुई शिंकानसेन बुलेट ट्रेन के मॉडल पर आधारित मुंबई-अहमदाबाद हाइ स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है. निर्माण लागत का 81 फीसद जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआइसीए) के कर्ज से मिलेगा, बाकी रकम एनएचएसआरसीएल से आएगी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 50 फीसद अंश पूंजी के साथ एसपीवी जारी किया है. उसमें गुजरात और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें हरेक 25 फीसद का योगदान करेंगी. मुंबई में एचएसआर स्टेशन का निर्माण बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में भूमिगत किया जा रहा है, जो साबरमती की तरह ही स्थानीय मेट्रो रेल और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के साथ जुड़ा है.

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