आखिरकार, एसओजी ने 31 अगस्त, 2024 की रात आरपीएससी के सदस्य रहे रामू राम राईका को गिरफ्तार कर लिया. राईका की गिरफ्तारी से एक दिन पहले सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ले रहे उनके बेटे देवेश और बेटी शोभा को गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों से पूछताछ में पता चला कि राईका ने एसआइ भर्ती परीक्षा 2021 का प्रश्न पत्र उन्हें परीक्षा से छह दिन पहले ही लाकर दे दिया था, जिसके कारण इन दोनों ने परीक्षा की मेरिट में जगह बनाई. राईका को यह पेपर आरपीएससी के निलंबित सदस्य बाबू लाल कटारा ने उपलब्ध कराया था. कटारा को वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर बेचने के आरोप में एसओजी ने 18 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किया गया था.
राईका तब से एसओजी के रडार पर थे जब उन्होंने एक सामाजिक सभा में कहा कि उन्होंने समाज के कई लोगों को भर्ती परीक्षाओं के इंटरव्यू में अच्छे नंबर देकर पास कराया. अपने कार्यकाल के दौरान राईका 24 भर्ती परीक्षाओं के इंटरव्यू बोर्ड का चेयरमैन या पेपर सेटिंग संयोजक रहे थे. पिछले कुछ अरसे से वे यूपीएससी का सदस्य बनने की जुगत में थे..
कटारा और राईका की गिरफ्तारी के बाद आरपीएससी की उन सभी परीक्षाओं पर सवाल उठ रहे हैं जिनमें पेपर सेटिंग और इंटरव्यू बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर ये लोग शामिल रहे.
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नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"