छत्तीसगढ़ की छठवीं विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चौथी बार सरकार बनाई है. इस नई सरकार में कई परंपराएं टूटीं और इनमें जो सबसे खास रही, वह वित्त मंत्रालय से जुड़ी है. आमतौर पर वित्त विभाग मुख्यमंत्री अपने पास रखते आए हैं. लेकिन इस बार पूर्व आइएएस अफसर और युवा विधायक ओ. पी. चौधरी को वित्त विभाग देकर भाजपा ने नई परंपरा स्थापित की पहली बार विधायक बने चौधरी अभी महज 42 साल के ही हैं. इस लिहाज से उनके पास काफी बड़ी जिम्मेदारी है. यह भी वजह है कि उनके पहले बजट पर तमाम लोगों की नजर थी.
छत्तीसगढ़ में 9 फरवरी को जब उन्होंने बजट पेश किया तो साफ हो गया कि सरकार और वित्त मंत्री खुद लोकसभा चुनाव के इस साल में एक नया विजन पेश करना चाहते हैं. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विष्णुदेव साय सरकार की तरफ से करीब एक लाख 47 हजार 500 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है. यह भूपेश बघेल की अगुआई वाली पिछली सरकार के बजट से 22 फीसद ज्यादा है. वित्त मंत्री चौधरी कहते हैं, "यह छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने का बजट है. यह बजट 'ज्ञान' (जीवाइएएन) यानी गरीब, युवा, अन्नदाता (किसान) और नारी पर फोकस्ड है." चौधरी इस बजट को 2047 का 'विजन डॉक्यूमेंट' बताते हुए कहते हैं कि सरकार ने 5 साल में राज्य की जीडीपी को 5 लाख करोड़ रुपए से 10 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने यानी दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.
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