महिंद्रा थार लॉन्च के बाद से ही ज्यादातर लोग उसे लेना चाहते थे. इसका सबसे बड़ा आकर्षण उसका मर्दाना लुक और कहीं भी जाने की क्षमता रही है. थार को 2020 में बहुत अधिक परिष्कृत बना दिया गया फिर भी यह पारिवारिक गाड़ी नहीं थी. महिंद्रा नई थार रॉक्स के जरिए हमें दोनों दुनिया की बेहतरीन गाड़ी देने की कोशिश कर रही है. तो इसे ऐसा बनाने के लिए क्या किया गया है?
थार रॉक्स का मुख्य आकर्षण इसका डिजाइन है. यह बेशक वही आइकन है जो यह पहले थी. फ्रंट-एंड तीन-दरवाजे वाले संस्करण की याद दिलाता है, लेकिन ध्यान से देखने पर आपको सी-आकार के डीआरएल के साथ नए एलईडी हैडलैंप दिखाई देंगे. इसकी ग्रिल भी नई है और इसके भीतर छोटा 360-डिग्री कैमरा है, जो लेवल 2 एडीएएस से लैस है. फेंडर में अभी भी एक लाइट पैनल है, लेकिन इस बार, यह महज इंडिकेटर्स के रूप में काम करता है. रॉक्स में अब हर तरफ एक अतिरिक्त दरवाजा है जिनकी वजह से पीछे की सीटों तक पहुंचना आसान हो गया है. यह 19 इंच के अलॉय पर चलती है, जिसमें एक नया रूप है. टायर एमआरएफ वांडरर्स के हैं जिनमें ब्लॉक पैटर्न हैं जो कहीं भी जाने की क्षमता' के लिए बनाए गए हैं. महिंद्रा इस गाड़ी में आसानी से प्रवेश/निकास के लिए साइडस्टेप भी दे रही है. पीछे की तरफ नई एलईडी टेल लाइट्स हैं और बड़ा स्पेयर व्हील स्प्लिट टेलगेट पर कसा गया है. रॉक्स एक मेटल हार्डटॉप के साथ आती है - इसका ब्लैक ट्रीटमेंट इसे ओजी थार जैसा दिखता है, जिसमें फाइबर टॉप था.
هذه القصة مأخوذة من طبعة 16th October, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة 16th October, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
मिले सुर मेरा तुम्हारा
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया
शहरी छाप स लौटी रंगत
गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर
हम दो हमारे तीन!
जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?
उमरता कट्टरपंथ
बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.