नहीं सीखा कोई सबक
India Today Hindi|October 23, 2024
इस ग्रैंड ओल्ड पार्टी को आत्मघाती गतिविधियों के चलते हरियाणा के रूप में एक और हार का सामना करना पड़ा. अगर समय पर पार्टी के अंदरूनी तंत्र को दुरुस्त नहीं किया गया तो महाराष्ट्र और झारखंड में भी उसकी संभावनाएं क्षीण हो सकती हैं
कौशिक डेका
नहीं सीखा कोई सबक

हरियाणा में जीत की चौतरफा उम्मीदों के बीच कांग्रेस पार्टी की हैरतअंगेज हार और जम्मू व कश्मीर में उसका औसत से कमतर प्रदर्शन महज फौरी ठोकर से कहीं ज्यादा है. इन झटकों ने एक बार फिर पार्टी में गहरी जड़ें जमाए बैठी ढांचागत खामियों को उजागर कर दिया. हरियाणा में कांग्रेस ने 90 सदस्यों की विधानसभा में 37 सीटें हासिल कीं और वह चुनाव हार जिसमें उसके समर्थक और विरोधियों ने भी मान लिया था कि उसकी दोटूक जीत होगी. जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा और मात्र छह जीतीं और वह सरकार में होगी तो केवल इसलिए कि उसकी सहयोगी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दमदार प्रदर्शन किया.

इन नतीजों ने इस अफसाने की हवा निकाल दी कि कांग्रेस मई में हुए लोकसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या में अच्छा-खासा इजाफा करने के बाद फिर उभरने की राह पर है. उनसे यह भी पता चलता है कि कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना सरीखी जीतों और एक ही नेता पर अत्यधिक निर्भरता और तार-तार हो चुके आंतरिक ढांचे ने हेकड़ी और अक्खड़पन को जन्म दिया. चल निकलने के भ्रम ने अपने भीतर के मुद्दों से कांग्रेस का ध्यान भटका दिया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी तंज भरे ढंग से कहते हैं, "सफलता कांग्रेस में आत्मसंतुष्टि को जन्म देती है, जिससे बदलता राजनैतिक परिदृश्य उसकी नजर से चूक जाता है."

सहयोगियों को करीब रखें

महाराष्ट्र और झारखंड में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं, इसलिए पार्टी के पास गंवाने के लिए वक्त नहीं है. महाराष्ट्र में लोकसभा की 17 सीटों पर लड़कर 13 पर जीत हासिल करने के बाद पार्टी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में 'तीसरे सहयोगी दल' से हटकर ज्यादा दमदार भूमिका में आ गई थी. यहां तक कि वह सबसे ज्यादा सीटों से चुनाव लड़ने पर नजरें गड़ाए थी, लेकिन हरियाणा की हार का उसकी स्थित पर असर पड़ेगा. यह होने भी लगा है. नतीजों के एक दिन बाद एमवीए के सहयोगी दल शिव सेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना के संपादकीय में बहुत तीखी बातें कही गई और कांग्रेस को 'अवज्ञाकारी नेताओं को नियंत्रण में नहीं रख पाने और 'जीती हुई पारी को हार' में बदलने के लिए आड़े हाथों लिया गया.

هذه القصة مأخوذة من طبعة October 23, 2024 من India Today Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة October 23, 2024 من India Today Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من INDIA TODAY HINDI مشاهدة الكل
मिले सुर मेरा तुम्हारा
India Today Hindi

मिले सुर मेरा तुम्हारा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल

time-read
1 min  |
December 25, 2025
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
India Today Hindi

इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार

पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
शहरी छाप स लौटी रंगत
India Today Hindi

शहरी छाप स लौटी रंगत

गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi

चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही

time-read
10 mins  |
December 25, 2025
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
India Today Hindi

'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”

इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.

time-read
10 mins  |
December 25, 2025
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi

सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर

time-read
9 mins  |
December 25, 2025
हम दो हमारे तीन!
India Today Hindi

हम दो हमारे तीन!

जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?

time-read
8 mins  |
December 25, 2025
उमरता कट्टरपंथ
India Today Hindi

उमरता कट्टरपंथ

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब

time-read
4 mins  |
December 25, 2025
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
India Today Hindi

'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'

गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi

डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.

time-read
5 mins  |
December 25, 2025