डॉ. अरशद अहमद, 48 वर्ष
एनोरेक्टल सर्जन, लखनऊ
पर अब यह बवासीर, भगंदर (फिस्ट्यूला) और मलाशय से जुड़े जटिल रोगों के इलाज का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है. और इसका बीड़ा उठा रखा है डॉ. नजर अहमद के बेटे डॉ. अरशद अहमद ने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए डॉ. अरशद ने 2000 में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और 2006 में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (अब किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) से सर्जरी में पोस्ट-ग्रेजुएशन (एमएस) किया. केजीएमयू में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर सेवाएं देने के बाद 2009 में डॉ. अरशद जनरल सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बने. वे बताते हैं, "मैंने बचपन से देखा था कि पाइल्स, फिस्ट्यूला और फिशर जैसी बीमारियों के बारे में काफी भ्रांतियां थीं. संकोच तथा झोलाछाप के चंगुल में फंसकर रोगी बीमारी को और खराब कर देते थे. यह बीमारी लगातार बढ़ रही थी. इसे ही ध्यान में रखते हुए मैंने कोलोरेक्टल सर्जरी की विधा को चुना."
सफलता का मंत्र
"ज्ञान को परिष्कृत और परिमार्जित करते रहना सदैव सफलता के नए द्वार खोलता है."
पुरस्कार
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