महात्मा ने 1925 में गुजरात के सोजित गांव में महिला सम्मेलन में कहा था, जब तक देश की स्त्रियां सार्वजनिक जीवन में भाग नहीं लेतीं, देश का उद्धार नहीं हो सकता। गांधी की प्रेरणा से सार्वजनिक जीवन में आई महिलाओं में चर्चित नामों की संख्या ही हजारों में है। देश ही नहीं, यूरोप की कई महिलाएं भी गांधी की दीवानी बनीं और भारत को ही अपना सेवा-क्षेत्र बना लिया। देश का तो शायद ही कोई इलाका अछूता हो, जहां से गांधी की महिला फौज नहीं उभरी। आजादी के बाद भी देश में संस्थाओं के निर्माण और राजनीति में आमजन को ऊपर रखने में उनका योगदान बेमिसाल है। इन नेत्रियों ने अन्याय के खिलाफ अपने व्यक्तिगत संबंधों की कभी परवाह नहीं की। ऐसी ही 14 महिला नेताओं के जीवन-संघर्ष के विरले किस्से अरविंद मोहन ने अपनी नई किताब बापू की महिला ब्रिगेड में जुटाई है। यहां कुछेक चुनिंदा नेताओं के किस्से हैं, जो गांधी की प्रेरणा की व्यापकता को दर्शाते हैं।
बीबी अमतुस्सलाम
पटियाला के जमींदार परिवार में जन्मी बीबी अमतुस्सलाम को गांधी बेटी मानते थे। घोर निराशा के वक्त बापू उन्हें सांत्वना देते हैं- " न तुम मुसलमान हो, न मैं हिंदू। तुम अमतुस्सलाम हो और मैं गांधी। हम दोनों की आत्मा एक है।" गांधी और अमतुस्सलाम का 'झगड़ा' चलता रहता था। वह कहा करती थीं- " मैं आई थी मेहमान बनकर, पर बन गई गुलाम।" एक बार सीमा प्रांत के दौरे के समय बीबी ने गांधी को तय मात्रा से ज्यादा अंगूर का रस दे दिया। गांधी ने उनके द्वारा लाई रोटी फेंक दी और डांट लगाई। हफ्ते भर तक दोनों की बोलचाल बंद रही। आखिर में गांधी ने लिखा, "मैं बच्चा था, तो मां-बाप की हर बात मानता था। तू ऐसी बेटी है कि बिना दलील कुछ मानती ही नहीं।"
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 16, 2023 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 16, 2023 من Outlook Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम