प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जून को जब नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन पर इसकी विरासत का गुणगान कर रहे थे, उस वक्त बिहार की ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) नीट-यूजी घोटाले के दो आरोपियों से पूछताछ कर रही थी। पेपर लीक जांच सिलसिले में सीबीआइ की टीम नवादा के रजौली थाना के कसियाडीह गांव में गई हुई थी।
ग्रामीणों ने उस टीम पर हमला कर दिया था। बिहार के अलावा नीट घोटाले में झारखंड संबंध भी सामने आया है । परीक्षा के दिन रांची के विभिन्न केंद्रों से छह फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए। सभी बिहार, ओडिशा और राजस्थान के मेडिकल संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। नालंदा वाले गिरोह ने पांच-पांच लाख रुपये के बदले इनका इंतजाम किया था। पूर्णिया के एसआर डीएवी स्कूल में भी पांच-पांच लाख रुपये के बदले परीक्षा देने आए एमबीबीएस के चार छात्र पकड़े गए थे। इसी तरह कटिहार के कोढ़ा के जवाहर नवोदय विद्यालय में सात फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए। सातों पावापुरी मेडिकल कॉलेज के छात्र थे।
झारखंड का संबंध
नीट परीक्षा के दिन पेपर लीक की झारखंड पुलिस की सूचना के बाद पटना में शास्त्री नगर पुलिस ने डीएवी स्कूल के पास से कई एडमिट कार्ड के साथ सिकंदर यादवेंदु सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही पर डीएवी स्कूल केंद्र से परीक्षा देकर निकले आयुष राज सहित चार परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया। सिकंदर यादवेंदु से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि अमित आनंद और नीतीश ने पटना के रामकृष्ण नगर के खेमनीचक स्थित प्ले एंड लर्न स्कूल में नीट के 30-35 परीक्षार्थियों को 4-5 मई की रात को ही जवाब रटवा दिए थे। पुलिस ने दोनों को उनके एजी कॉलोनी स्थित फ्लैट से गिरफ्तार किया। यहीं से अधजले प्रश्ने पत्र मिले, जिनका सीरियल कोड झारखंड के हजारीबाग के ओएसिस स्कूल स्थित केंद्र का था।
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