भारत ने चीन को 1-0 से हराकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी पर अपना कब्जा बरकरार रखा। यह जीत कई मायनों में अहम है। भारत ओलंपिक इतिहास में सबसे सफल हॉकी राष्ट्र है। इसके बावजूद यह एक बड़ी चोट थी कि पेरिस 2024 ओलंपिक में केवल पुरुष हॉकी टीम ने ही हिस्सा लिया। टोक्यो 2020 में चौथे स्थान पर रहने के कारण भारतीय महिला हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। अगर भारत 2023 हांग्जो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत लेता, तो वे क्वालीफाई कर लेता। लेकिन मेजबान चीन ने 4-0 से महिला हॉकी टीम हरा दिया। हालांकि टीम ने कांस्य पदक जीता, लेकिन यह ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए पर्याप्त नहीं था। अब इसी चोट पर भारतीय महिलाओं ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर मरहम लगाया है।
बिहार के राजगीर में 10 से 20 नवंबर के बीच महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के आठवें संस्करण का आयोजन किया गया। चूंकि बिहार प्रायोजक भी था, इसलिए टूर्नामेंट को बिहार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी कहा गया। फाइनल में चीन के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत का श्रेय दीपिका कुमारी को 31वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को जाता है, जो टूर्नामेंट की शीर्ष स्कोरर रहीं। दीपिका ने पूरे टूर्नामेंट में अपने कौशल का बराबर उपयोग भी किया और विश्व हॉकी जगत को यह भी बताया कि क्यों उन्हें श्रेष्ठ खिलाड़ी माना जाता है।
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बालमन के गांधी
ऐसे दौर में जब गांधी की राजनीति, अर्थनीति, समाजनीति, सर्व धर्म समभाव सबसे देश काफी दूर जा चुका है, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का रंग-ढंग बदलता जा रहा है, समूचे इतिहास की तरह स्वतंत्रता संग्राम के पाठ में नई इबारत लिखी जा रही है, गांधी के छोटे-छोटे किस्सों को बच्चों के मन में उतारने की कोशिश वाकई मार्के की है। नौंवी कक्षा की छात्रा रेवा की 'बापू की डगर' समकालीन भारत में विरली कही जा सकती है।
स्मृतियों का कोलाज
वंशी माहेश्वरी भारतीय और विश्व कविता की हिंदी अनुवाद की पत्रिका तनाव लगभग पचास वर्षों से निकालते रहे हैं। सक्षम कवि ने अपने कवि रूप को पीछे रखा और बिना किसी प्रचार-प्रसार के निरंतर काव्य- सजून करते रहे हैं।
लाल और चमकीला का पंजाब
बॉलीवुड के लिए कहानियों और संगीत का समृद्ध स्रोत रहा राज्य अब परदे पर नशे, फूहड़पन का पर्याय बना
दिखा महिला टीम का दम
एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा, चीन से हार का बदला भी पूरा हुआ
ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करना प्राथमिकता
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आउटलुक के मनीष पाण्डेय ने सरकार के कामकाज, उपलब्धियों और परेशानियों के बारे विस्तृत बातचीत की। मुख्य अंश:
ढोल से डीजे तक का सफर
शादी में नाचने से ही रौनक आती है, नाचने के लिए धुन या गाने ऐसे हों कि बस कदम रुके ही नहीं
परंपरा और अर्थव्यवस्था का संगम
शादी के आभूषण अर्थव्यवस्था के साथ समाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्यों को भी प्रभावित करते हैं
असरदार हैं मशहूर लोगों की महंगी शादियां
शादी बड़ी हो या छोटी, अब हर शादी को यादगार पल बनाने की कोशिशें हो रही हैं
विवाह बाजार में आमद
भारत में महंगी और भव्य शादियों की चाह ने इसे एक अलग व्यापार बना दिया है, यह बाजार लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा और कंपनियों की पेशकश भी बढ़ रही
दो सियासी खानदानों पर प्रश्नचिन्ह
विधानसभा चुनावों में अपने-अपने दलों की जबरदस्त हार के बाद क्या शरद पवार और उद्धव ठाकरे उबर पाएंगे