फिल्मी हीरो पुलिस सिस्टम से लड़ता जांबाज आम आदमी
Sarita|February Second 2023
भारतीय सिनेमा को देखें तो दर्शक उन फिल्मों को खुद से ज्यादा रिलेट करते हैं जिन में एक आम आदमी सिस्टम या उस के किसी अंग, चाहे वह कोई चुना नेता, पुलिस या कोर्ट हो, से टकरा रहा होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह खुद को सताया हुआ महसूस करता है. हालिया फिल्मों में इस ट्रैंड से क्या संदेश मिल रहे हैं?
सुनील शर्मा
फिल्मी हीरो पुलिस सिस्टम से लड़ता जांबाज आम आदमी

फिल्म 'दृश्यम' के 2 पार्ट आ चुके हैं. दोनों पार्ट्स में हीरो अजय देवगन है और वह जानता है कि अनजाने में ही सही, उस की गोद ली गई बेटी ने एक बड़ी पुलिस अफसर के बदचलन बेटे का खून कर दिया है. फिर वह एक प्लान बनाता है और गोवा पुलिस को चकमा देते हुए अपने दम पर अपने परिवार को उस कत्ल के झमेले से बाहर निकाल देता है.

इन दोनों फिल्मों में ऐक्शन हीरो अजय देवगन ने किसी को एक भी मुक्का नहीं मारा है और न उस को एक बड़े बाप की हैंडसम औलाद दिखाया गया है. वह घर से अपने काम पर जाता है, साधारण कपड़ों में रहता है, खूब मेहनत करता है। और एक लोकल कैंटीन में ही आम लोगों से मिलजुल कर जिंदगी बिताता है.

सिनेमाघर में गए लोगों को फिर अजय देवगन के इस नीरस किरदार में ऐसा क्या पसंद आया कि फिल्म 'दृश्यम' के 2 पार्ट बन गए और दोनों ने ही जनता को इतना ज्यादा छुआ कि सुपरहिट भी हो गए?

इस की सब से बड़ी वजह अजय देवगन का आम आदमी होना रही. लोगों ने उस के ग्रे शेड के किरदार को उस पुलिस से अच्छा समझा जो कहने को तो 'सदैव आप के साथ' होने का दावा करती है पर जब कभी कोई विजय सालगांवकर ( फिल्म 'दृश्यम' में अजय देवगन के किरदार का नाम) और उस का परिवार उस के हत्थे चढ़ता है तो कानून को साइड कर के कैसे उन्हें आतंकित करना है, यह भी दिखा देती है.

इस फिल्म में एक आम आदमी की अपने परिवार के लिए चिंता, उस की सुरक्षा के साथसाथ पुलिस के उस गंदे चेहरे को भी दिखाया गया, जहां छोटे लैवल पर ही सही. भ्रष्टाचार घर कर चुका है. गायतोंडे नाम का पुलिस वाला कैसे छोटे गरीब लोगों से भी पैसा वसूलने से बाज नहीं आता है, यह भी फिल्म में बड़ी सफाई से दिखाया गया है.

गायतोंडे जब भी कैंटीन में जाता है, वहां एक नैगेटिविटी का भाव आ जाता है. सब गायतोंडे से बात करने से कतराते हैं, क्योंकि वह क्रूर ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचारी भी है. उसे जबरदस्ती मुफ्त की चीज खाने से परहेज नहीं है. यहां तक कि पुलिस कमिश्नर बने अक्षय खन्ना को भी गायतोंडे की हरकतों के बारे में पता होता है.

هذه القصة مأخوذة من طبعة February Second 2023 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة February Second 2023 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من SARITA مشاهدة الكل
"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली
Sarita

"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली

'एफआईआर', 'भाभीजी घर पर हैं', 'हप्पू की उलटन पलटन' जैसे टौप कौमेडी फैमिली शोज की निर्माता बिनायफर कोहली अपने शोज के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का संदेश देने में यकीन रखती हैं. वह अपने शोज की महिला किरदारों को गृहणी की जगह वर्किंग और तेजतर्रार दिखाती हैं, ताकि आज की जनरेशन कनैक्ट हो सके.

time-read
3 mins  |
November Second 2024
पतिपत्नी के रिश्ते में बदसूरत मोड़ क्यों
Sarita

पतिपत्नी के रिश्ते में बदसूरत मोड़ क्यों

पतिपत्नी के रिश्ते के माने अब सिर्फ इतने भर नहीं रह गए हैं कि पति कमाए और पत्नी घर चलाए. अब दोनों को ही कमाना और घर चलाना पड़ रहा है जो सलीके से हंसते खेलते चलता भी है. लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब कोई एक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते अनुपयोगी हो कर भार बनने लगता है और अगर वह पति हो तो उस का प्रताड़ित किया जाना शुरू हो जाता है.

time-read
7 mins  |
November Second 2024
शादी से पहले बना लें अपना आशियाना
Sarita

शादी से पहले बना लें अपना आशियाना

कपल्स शादी से पहले कई तरह की प्लानिंग करते हैं लेकिन वे अपना अलग आशियाना बनाने के बारे में कोई प्लानिंग नहीं करते जिसका परिणाम कई बार रिश्तों में खटास और अलगाव के रूप में सामने आता है.

time-read
6 mins  |
November Second 2024
ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज
Sarita

ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज

बारबार पेशाब करने को मजबूर होना ओवरऐक्टिव ब्लैडर होने का संकेत होता है. यह समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों को हो सकती है. महिलाओं में तो ओएबी और मेनोपौज का कुछ संबंध भी होता है.

time-read
3 mins  |
November Second 2024
सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार
Sarita

सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार

सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार है क्योंकि दान और पूजापाठ की व्यवस्था के साथ ही असमानता शुरू हो जाती है जो घर और कार्यस्थल तक बनी रहती है.

time-read
8 mins  |
November Second 2024
एमआरपी का भ्रमजाल
Sarita

एमआरपी का भ्रमजाल

एमआरपी तय करने का कोई कठोर नियम नहीं होता. कंपनियां इसे अपनी मरजी से तय करती हैं और इसे इतना ऊंचा रखती हैं कि खुदरा विक्रेताओं को भी अच्छा मुनाफा मिल सके.

time-read
4 mins  |
November Second 2024
कर्ज लेकर बादामशेक मत पियो
Sarita

कर्ज लेकर बादामशेक मत पियो

कहीं से कोई पैसा अचानक से मिल जाए या फिर व्यापार में कोई मुनाफा हो तो उन पैसों को घर में खर्चने के बजाय लोन उतारने में खर्च करें, ताकि लोन कुछ कम हो सके और इंट्रैस्ट भी कम देना पड़े.

time-read
6 mins  |
November Second 2024
कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमला भड़ास या साजिश
Sarita

कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमला भड़ास या साजिश

कनाडा के हिंदू मंदिरों पर कथित खालिस्तानी हमलों का इतिहास से गहरा नाता है जिसकी जड़ में धर्म और उस का उन्माद है. इस मामले में राजनीति को दोष दे कर पल्ला झाड़ने की कोशिश हकीकत पर परदा डालने की ही साजिश है जो पहले भी कभी इतिहास को बेपरदा होने से कभी रोक नहीं पाई.

time-read
10 mins  |
November Second 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा

2004 में कांग्रेस नेतृत्व वाली मिलीजुली यूपीए सरकार केंद्र की सत्ता में आई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने अपने सहयोगियों के साथ संसद से सामाजिक सुधार के कई कानून पारित कराए, जिन का सीधा असर आम जनता पर पड़ा. बेलगाम करप्शन के आरोप यूपीए को 2014 के चुनाव में बुरी तरह ले डूबे.

time-read
6 mins  |
November Second 2024
अमेरिका अब चर्च का शिकंजा
Sarita

अमेरिका अब चर्च का शिकंजा

दुनियाभर के देश जिस तेजी से कट्टरपंथियों की गिरफ्त में आ रहे हैं वह उदारवादियों के लिए चिंता की बात है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे ने और बढ़ा दिया है. डोनाल्ड ट्रंप की जीत दरअसल चर्चों और पादरियों की जीत है जिस की स्क्रिप्ट लंबे समय से लिखी जा रही थी. इसे विस्तार से पढ़िए पड़ताल करती इस रिपोर्ट में.

time-read
4 mins  |
November Second 2024