कहीं जातीय और धार्मिक उन्माद तो नहीं आत्महत्या के कारण
Sarita|February First 2024
बड़े शिक्षण संस्थानों में छात्रों द्वारा की जा रही आत्महत्या की घटनाओं की गहराई में जा कर विवेचना करना जरूरी है. कहीं देश में बढ़ रहे जातीय और धार्मिक उन्माद के चलते तो ये घटनाएं नहीं घट रहीं.
कहीं जातीय और धार्मिक उन्माद तो नहीं आत्महत्या के कारण

फातिमा लतीफ, डाक्टर पायल तडवी, रोहित वेमुला ये उन छात्रों के नाम हैं जो अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक तबकों से आते हैं. पढ़ाई पूरी करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थान में पहुंचे लेकिन इन्होंने आत्महत्या कर ली.

कानपुर आईआईटी में 30 दिनों के अंदर आत्महत्या की तीसरी घटना घट गई. 20 दिसंबर को शोध की छात्रा डाक्टर पल्लवी चिल्का, 10 जनवरी को एमटैक अंतिम साल के छात्र विकास मीना ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. 18 जनवरी को कैमिकल इंजीनियरिंग में शोध कर रही छात्रा प्रियंका जायसवाल ने फांसी लगा कर जान दे दी.

प्रियंका होस्टल नंबर ई-1, कमरा नंबर 312 में रहती थी. जब घर वालों ने प्रियंका के फोन पर कौल किया और बात नहीं हो सकी तब होस्टल के नंबर पर बात की गई. होस्टल वालों ने कमरे में जा कर देखा तो प्रियंका का शव लटक रहा था. इन छात्रों ने आत्महत्या क्यों की, इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है, जिस वजह से कोई सुधार नहीं हो पा रहा. घरपरिवार किसी तरह से अपने दुख को भुलाने की कोशिश कर रहे हैं.

छात्रों की आत्महत्या के कारण खोजने जरूरी

हमारे देश में हर साल आत्महत्या के कारण एक लाख से अधिक जानें चली जाती हैं. पिछले 2 दशकों में आत्महत्या की दर प्रति एक लाख पर 7.9 से बढ़ कर 10.3 हो गई है. भारत में अधिकांश आत्महत्याएं 37.8 फीसदी 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों द्वारा की जाती हैं. युवाओं की संख्या अधिक है.

आत्महत्या के कारणों में कैरियर, तलाक, दहेज, प्रेम संबंध, शादी करने में असमर्थता, नाजायज गर्भावस्था, विवाहेतर संबंध, सामाजिक और जातीय भेदभाव, धार्मिक भी होते हैं. गरीबी, बेरोजगारी, कर्ज और शैक्षणिक समस्याएं भी आत्महत्या से जुड़ी हैं, छात्रों में शिक्षण संस्थानों में ऐसे कारण भी देखने को मिलते हैं कि जब जाति और धर्म को ले कर टिप्पणियां की जाती हैं. हमारे देश में मैंटल हैल्थ पर कम काम किया जाता है. एक अरब से अधिक की आबादी के लिए केवल 5,000 मनोचिकित्सक हैं.

هذه القصة مأخوذة من طبعة February First 2024 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة February First 2024 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من SARITA مشاهدة الكل
गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
Sarita

गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं

महिलाएं बड़ी बड़ी बाधाएं पार कर उस मुकाम पर पहुंची हैं जहां उन का अपना अलग अस्तित्व, पहचान और स्वाभिमान वगैरह होते हैं. ऐसा आजादी के तुरंत बाद नेहरू सरकार के बनाए कानूनों के अलावा शिक्षा और जागरूकता के चलते संभव हो पाया. महिलाओं ने अब इस बात से साफ इनकार कर दिया कि वे सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बने रहना चाहती हैं.

time-read
7 mins  |
November First 2024
सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर
Sarita

सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर

वाराणसी के हिंदू मंदिरों से सांईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की सनातनी मुहिम फुस हो कर रह गई है तो इस की अहम वजह यह है कि हिंदू ही इस मसले पर दोफाड़ हैं. लेकिन इस से भी बड़ी वजह पंडेपुजारियों का इस में ज्यादा दिलचस्पी न लेना रही क्योंकि उन की दक्षिणा मारी जा रही थी.

time-read
10 mins  |
November First 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5

1990 के बाद का दौर भारत में भारी उथलपुथल भरा रहा. एक तरफ नई आर्थिक नीतियों ने कौर्पोरेट को नई जान दी, दूसरी तरफ धर्म का बोलबाला अपनी ऊंचाइयों पर था. धार्मिक और आर्थिक इन बदलावों ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया, जिस का असर संसद पर भी पड़ा.

time-read
10 mins  |
November First 2024
न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी
Sarita

न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी

भावनात्मक तौर पर 'न्याय की देवी' के भाव बदलने की सीजेआई की कोशिश अच्छी है, लेकिन व्यवहार में इस देश में निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिलने व कानून के प्रभावी अनुपालन की कहानी बहुत आश्वस्त करने वाली नहीं है.

time-read
6 mins  |
November First 2024
एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को
Sarita

एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को

फिल्म कलाकारों का पूरा कैरियर उन की इमेज पर टिका होता है. दर्शक उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वे अपना आइकन मानने लग जाते हैं मगर जहां रियल लाइफ में इस इमेज पर डैंट पड़ता है वहां वे अपने कैरियर से हाथ धो बैठते हैं.

time-read
7 mins  |
October Second 2024
शादी से पहले खुल कर करें बात
Sarita

शादी से पहले खुल कर करें बात

पतिपत्नी में किसी तरह का झगड़ा हो हीन, इस के लिए शादी के बंधन में बंधने से पहले दोनों पार्टनर्स हर विषय पर खुल कर बात करें चाहे अरेंज मैरिज हो रही हो या हो लव मैरिज. वे विषय क्या हैं और बातें कैसे व कहां करें, जानें आप भी.

time-read
6 mins  |
October Second 2024
सुनें दिल की धड़कन
Sarita

सुनें दिल की धड़कन

सांस लेने में मुश्किल, छाती में दर्द या बेचैनी महसूस हो, तो फौरन कार्डियोलोजिस्ट से हृदय की जांच करानी चाहिए क्योंकि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति गंभीर हो सकती है.

time-read
5 mins  |
October Second 2024
जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष
Sarita

जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष

जिन मातापिता के पास सिर्फ बेटे ही होते हैं वे घर में बहू के आने के बाद बहुत खुश होते हैं. बहू में वे बेटी की कमी को पूरा करना चाहते हैं. ऐसे में ससुर के साथ बहू के रिश्ते बहुत अच्छे हो जाते हैं क्योंकि लड़कियां बाप की ज्यादा लाड़ली होती हैं.

time-read
7 mins  |
October Second 2024
डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई
Sarita

डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई

आजकल शादीशुदा युवाओं की लाइफस्टाइल में डिंक कपल्स का चलन बढ़ गया है. इस में दोनों कमा कर आज में जीते हैं पर बच्चे, परिवार और बिना जिम्मेदारियों के साथ. यह चलन खतरनाक भी हो सकता है.

time-read
3 mins  |
October Second 2024
प्रसाद पर फसाद
Sarita

प्रसाद पर फसाद

प्रसाद में मांसमछली वगैरह की मिलावट की अफवाह के के बाद भी तिरुपति के मंदिर में भक्त लड्डू धड़ल्ले से चढ़ा रहे हैं. इस से जाहिर होता है कि यह आस्था का नहीं बल्कि धार्मिक और राजनीतिक दुकानदारी का मसला है.

time-read
7 mins  |
October Second 2024