चार महीने के निचले स्तर पर बंद होने के बाद देसी शेयर बाजारों में सुधार हुआ और निवेशकों ने हालिया नुकसान को बहुत अधिक मानते हुए आकर्षक भाव वाले शेयरों की खरीदारी का विकल्प चुना। आकर्षक कीमतों वाले वित्तीय शेयरों की अगुआई में बाजारों में बढ़ोतरी हुई और धातु कंपनियों के शेयर भी चीन के आशावाद पर बढ़त में रहे।
सेंसेक्स 694 अंक चढ़कर 79,477 पर बंद हुआ। निफ्टी ने 218 अंकों की बढ़त के साथ 24,213 पर कारोबार की समाप्ति की। दोनों ही सूचकांकों ने 20 सितंबर के बाद से सबसे अच्छी एकदिवसीय बढ़त दर्ज की। यह बढ़ोतरी ज्यादातर शेयरों में रही। 2,468 शेयर चढ़े जबकि 1,478 में गिरावट आई। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमशः 0.6 फीसदी व 0.4 फीसदी का इजाफा हुआ।
सेंसेक्स की बढ़त में ज्यादातर योगदान एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का रहा। इनमें क्रमशः 2.6 फीसदी और 1.5 फीसदी का इजाफा हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और इस हफ्ते फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति की घोषणा जैसे प्रमुख घटनाक्रम से पहले कीमतें सहज होने से निवेशकों ने बैंकिंग शेयरों की खरीदारी की। बैंकिंग शेयरों की चाल मापने वाला निफ्टी बैंक इंडेक्स पिछले 12 महीने के 13.7 गुना पीई पर कारोबार कर रहा है जबकि पांच साल का उसका औसत 23.9 गुना है।
टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसे धातु शेयरों में इस उम्मीद में बढ़ोतरी हुई कि चीन में मांग सुधरेगी। चीन के प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया है कि चीन 5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य हासिल कर लेगा। देसी बाजारों में अपने सर्वोच्च स्तर से करीब 8 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनियों की आय की रफ्तार धीमी हो रही है और साथ ही विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली हो रही है जिसका मनोबल पर असर पड़ा है।
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