Vivek Jyoti - August 2022Add to Favorites

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In dieser Angelegenheit

1. स्वतन्त्रता हेतु विवेकानन्द का उद्घोष ३४२
2. स्वतन्त्रता संग्राम के बलिदानी (अरुण चूड़ीवाल) ३४५
3. अपने पुत्र की बलि देनेवाले शिवभक्त : सिरुतोंडर नयनार (श्रीधर कृष्ण) ३५०
4. (बच्चों का आंगन) यह मेरी पवित्र मातृभूमि है (स्वामी गुणदानन्द) ३५२
5. वीर सेनानियों की धरती : उत्तरप्रदेश(नम्रता वर्मा) ३५५
6. (युवा प्रांगण) देश के लिए सुहागन क्रान्तिकारिणी ननीबाला देवी (रीता घोष) ३५७
7. रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द विश्वविद्यालय, हावड़ा (स्वामी तन्निष्ठानन्द) ३६०
8. सहनं सर्वदु:खानाम् (स्वामी सत्यरूपानन्द) ३६७
9. स्वतन्त्रता संग्राम में छत्तीसगढ़... (डॉ. जया िंसह) ३७०
10. स्वातन्त्र्य योद्धा : सुभाषचन्द्र बोस (अवधेश प्रधान) ३७४
शृंखलाएँ
मंगलाचरण (स्तोत्र) ३४१
पुरखों की थाती ३४१
सम्पादकीय ३४३
आध्यात्मिक जिज्ञासा ३५३
प्रश्नोपनिषद् ३५६
रामराज्य का स्वरूप ३६८
गीतातत्त्व-चिन्तन ३७२
सारगाछी की स्मृतियाँ ३७७
श्रीरामकृष्ण-गीता ३८०
साधुओं के पावन प्रसंग ३८१
समाचार और सूचनाएँ ३८४
(कविता) कृष्ण प्रभु तुम वंशीधर हो (डॉ. ओमप्रकाश वर्मा) ३६६
(कविता) तब समझो शिवरात्रि सफल (डॉ. सत्येन्दु शर्मा) ३६६
प्रगति-गीत (आनन्द तिवारी पौराणिक) ३६६

Vivek Jyoti Magazine Description:

VerlagRamakrishna Mission, Raipur

KategorieReligious & Spiritual

SpracheHindi

HäufigkeitMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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