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क्या होती है बायोफोर्टिफाइड फसल
किसानों की आय बढ़ाने और कुपोषण को खत्म करने के दृष्टिगत इस बायोफोर्टिफाइड फसलों की खेती बहुत फायदेमंद है।
किसान एवं ग्रामीण जीवन की खुशहाली का आधार FPO
पारंपरिक कृषि के साथ-साथ हमें नये ढंगों को अपनाना होगा। तभी किसान की उन्नति हो सकती है। छोटे किसानों के लिए मोदी सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। 'किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ).'। किसान की आमदनी दोगुनी कैसे हो, 2022 तक का लक्ष्य मोदी सरकार ने रखा है। 2022 तक 10 हजार एफ.पी.ओ.के निर्माण एवं उन्नति के साथ योजना का बढ़िया संचालन आरंभ हो जाये, लक्ष्य रखा है।
अप्रैल माह में फसलों का रख-रखाव
फसल सुरक्षा
हाईब्रिड धान का पितामह यूआन लोंगपिंग
युआन लोगपिंग एक चीनी कृषि विज्ञानी एवं शिक्षा शास्त्री हैं जिन्होंने सबसे पहले 1970 में हाईब्रिड धान की किस्मों का विकास किया। जिन क्षेत्रों में अकाल, सूखा इत्यादि जैसी प्राकृतिक मुश्किलों आने का भय रहता है, उन क्षेत्रों के लिए हाईब्रिड धान भोजन का एक बढ़िया स्रोत बना है। 1970 के बाद अफ्रीका, अमेरिका एवं एशिया जैसे कई देशों में हाईब्रिड धान की खेती होने लगी है। यूआन के धान की हाईब्रिड किस्मों के खेती में इस महत्वपूर्ण योगदान के कारण ही उनको 'हाईब्रिड धान का पितामह' कहा जाता है।
सूखे फूलों से व्यापार व लाभ कैसे कमायें
पौधों में से पानी निकालने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधियों में मुख्यतः हवा में सुखाना, धूप में सुखाना, ओवन में सुखाना, , एम्बेड करना (रेत, बोरेक्स, सिलिका जेल), ग्लिसरीनिंग विधि, माइक्रोवे ओवन में सुखाने, फ्रीज से सुखाना आदि शामिल हैं।
सरसों की पाले एवं रोगों से सुरक्षा
फसल सुरक्षा
मक्की की फसल में खरपतवारों का उचित नियंत्रण
मक्की हरियाणा राज्य में खरीफ व बसंत ऋतु में बोई जाने वाली पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र व करनाल जिलों की प्रमुख फसल है। खरीफ की फसल में बसंत ऋतु की फसल की अपेक्षा औसत पैदावार काफी कम है जिसका मुख्य कारण बरसात के बार-बार आने पर खरपतवारों का उचित नियंत्रण न हो पाना है। खरपतवारों का उचित प्रबन्ध न करने पर मक्की के उत्पादन में 50-60 प्रतिशत तक की कमी पाई जाती है।
पशुओं में सामान्य व्याधियां एवं उपचार
अगर आप एक पशुपालक हैं तो आपको पशुओं में होने वाली सामान्य बीमारियों/व्याधियों तथा उनके इलाज के बारे में कुछ जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि पशुओं के बीमार होने पर हर समय चिकित्सक को बुला नहीं सकते हैं। एक कहावत प्रसिद्ध है 'समय से पहले चेते किसान' इसलिए पशुपालकों को जागरूक रहना चाहिए, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान न हो।
तुड़ाई के उपरांत फल-सब्जियों का रख-रखाव एवं पैकिंग
"किसान भाई कठिन परिश्रम, पैसा एवं ऊर्जा व्यय करके फल एवं सब्जियों की अधिक पैदावार करते हैं। अच्छी पैदावार करने के बाद प्रसन्न होकर आराम से बैठने का समय नहीं बल्कि तुड़ाई के उपरांत के यातायात के बहुत ही सावधानीपूर्वक कार्य के लिए तैयार होना है। अच्छी फसल का अच्छा मूल्य तभी मिलेगा यदि तुड़ाई के बाद फल एवं सब्जियां खरीददार को शुद्ध रूप में मिलें।"
नीम का वृक्ष
कृषि एवं स्वास्थ्य हेतु बहुत ही लाभदायक
क्या किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा 2022-23 बजट?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया है। इस बीच सरकार ने देश के विभिन्न सैक्टरों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि से जुड़ा हुआ है। ऐसे में कृषि क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा लिए गए हर एक निर्णय का देश में व्यापक असर पड़ता है।
ओजोन प्रदूषण कृषि के लिए नुकसानदायक
प्रदूषण के प्रभाव
आलू का भंडारण
भंडारण व्यवस्था
प्याज के सफल भंडारण की वैज्ञानिक तकनीक और आवश्यक पहलू
भारत चीन के बाद दुनिया में प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है
फूलगोभी के रोग एवं प्रबंधन
कुछ कर्ड (फूलगोभी का फूल वाला भाग) कभी-कभी अलग-अलग पेडीकल्स के लंबे होने के कारण ढीले पड़ जाते हैं। विशेष रूप से गर्म बादलों वाली रातों में अलग-अलग फूलों के पेडीकल्स और समय से पहले फूल के खिलने के कारण के कर्ड सतह पर पीला और मखमली या दानेदार दिखाई देता है। इस स्थिति में फूल की कलियों के अचानक बढ़ने और समय से पहले उनके खिलने के कारण फूलगोभी में रिसीनेस का कारण बनती है। कर्ड की सतह एक कटोरी उबले हुए चावल की तरह दिखती है इसलिए ऐसे रेसी कहलाते हैं, ऐसे रेसी के गुण को रिसीनेस कहते हैं।
ठंड द्वारा मांस का संरक्षण
मांस मुख्य रूप से सुअर, चिकन, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट, घोड़े आदि से प्राप्त होता है। पोषक तत्वों से भरपूर मांस दुनिया भर में लोगों के लिए पशु प्रोटीन का पहला विकल्प है। लगभग तटस्थ पीएच, उच्च नमी और समृद्ध पोषक तत्वों के कारण, यह सूक्ष्मजीवों द्वारा संदूषण के लिए अत्याधिक प्रवण है, जो मांस के संरक्षण को अधिकांश अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक कठिन बनाता है। परिरक्षण का सिद्धांत सूक्ष्मजीवों के विकास के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्माण करना है, जिसके परिणामस्वरूप भोजन खराब हो जाता है। खराब होने पर मांस की बनावट, स्वाद और पोषक मूल्य में परिवर्तन हो जाता है और इस प्रकार, यह मानव उपयोग के लिए अखाद्य बन जाता है।
दुधारू पशुओं में गर्भाशय का बाहर आ जाना (प्रोलैप्स ऑफ यूटरस): उपचार व रोकथाम
फूल दिखाने की समस्या वैसे दुधारू पशुओं जैसे कि गाय तथा भैंस में अक्सर देखने को मिलता है जिनका प्रबंधन खानपान की हिस्ट्री से ठीक नहीं होता है। जिन पशुओं को उनकी आवश्यक्ता से कम पौष्टिक पशु आहार तथा मिनरल मिक्सचर, विटामिन्स उपलब्ध होता है। ऐसे पशु बहुत ही कमजोर होते हैं।
घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व
एलोवेरा/घृतकुमारी का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। वह है सौन्दर्य प्रसाधनों का निर्माण चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए अनेकों उत्पाद बनाये जा रहे हैं जिससे इसकी मांग बढ़ रही है।
स्वस्थ जीवन के लिए सब्जियों की उपयोगिता एवं महत्व
हरी सब्जियों से हड्डियां मजबूत होती हैं, हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोगों से भी राहत मिलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों के सेवन से इस उम्र में खून के थक्के जमने की समस्या से भी मुक्ति मिलती हैं।
गुणवत्ता भरपूर शहद मंडीकरण के नुक्ते
"शहद को एक प्रभावशाली दवा एवं पारंपरिक खंड के विकल्प के तौर पर इसको एक आदर्श मीठे विकल्प के तौर पर व्यापक स्वीकृति मिल गई है। शहद की माँग बढ़ने से खपतकारों में शहद की क्वालिटी को लेकर भी जागरूकता बहुत बढ़ी है। ।शुद्ध शहद प्राप्त करने के लिए ग्राहक दुकानें/स्टोरों की बजाये शहद उत्पादकों/प्रोसैस्सर्ज से सीधे तौर पर किसी भी मूल्य पर शहद खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं।"
जीएम फूड की बढ़ती पहुंच
देश में जीएम खाद्य पदार्थों को विनियमित करने वाले सरकार के एक मसौदे पर नागरिक संगठनों के विरोध स्वर तेज हो गए हैं। संयुक्त नागरिक संगठनों का कहना है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का यह मसौदा न सिर्फ लोगों की सेहत को जोखिम में डालेगा बल्कि यह व्यावसायिक हितों को साधने वाला है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से 15 नवंबर, 2021 को जीएम खाद्य पदार्थों के विनियमन का मसौदा जारी किया था।
गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग की रोकथाम
फसल सुरक्षा - गेहूं की फसल
खाद्य वस्तुओं की कीमतें पहुंच रही हैं उच्चतम स्तर पर
एफएओ के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अब्दुल रजा अब्बासियां का कहना है कि सामान्य रूप से मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ता है, जिसके कारण कीमतों के कम होने की उम्मीद है।
जैविक हरित क्रांति के लिये जागरुकता ही नहीं, अनिवार्यता होनी चाहिए
प्राकृतिक खेती पर आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को जन आन्दोलन बनाने का आह्वान किया है
वैज्ञानिक कृषि पद्धतियां अपनाने से भारतीय कपास किसान की वैश्विक मांग बढ़ेगी
कपास के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर अधिक जोर देने जैसी सरकारी नीतियों ने ऐसे इनपुट और मूल्य समर्थन उपायों के लिए सब्सिडी प्रदान करके गुणवत्ता वाले बीजों और कीटनाशकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया है तथा इसने भी भारत में कपास के परिदृश्य को बदलने में योगदान दिया है।
बसंतकालीन मक्का की उन्नत खेती
बसंतकालीन मक्का में फसल की अवधि अधिक होने के कारण खरीफ की अपेक्षा में ज्यादा पैदावार होती है,क्योंकि इस मौसम में बीमारियां व कीट बहुत कम लगते हैं। बसंतकालीन मक्का के अधिक पैदावार लेने के लिए निम्न लिखित सिफारिशों को अपनाएँ।
सरसों आधारित न्यूट्री गांव की अवधारणा उन्नत प्रौद्योगिकियों, मूल्य वर्धित उत्पादों और नवोन्मेषी रणनीतियों का समावेश
लहसुन और हल्दी के साथ सरसों का तेल गठिया और जोड़ों के दर्द के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। सरसों का तेल मच्छरों को प्रतिकर्षित करने के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
ग्रामीण विकास में स ग्राम सभाओं की भूमिका
"ग्राम पंचायत गाँव स्तर पर विकास के कार्यों को लागू करती है और इसकी निगरानी भी करती है। गाँवों में लोकतंत्र राज को मजबूत करने के लिए और गाँवों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम सभाओं का बहुत बड़ा योगदान है। इस में गाँव के वे सभी सदस्य जिनके पास मतदान देने का अधिकार है वे सभी ग्राम सभा के सदस्य हैं।"
पर्यावरण संरक्षण में वनों का महत्व
वनों का महत्व
कृषि रसायन क्षेत्र का बढ़ता प्रभाव
आगामी वर्ष में कृषि रसायन क्षेत्र के परिदृश्य को बदलने की संभावना है। इसके अलावा, एग्रोकैमिकल उद्योग में एनैन्टीओमेरिक रूप से शुद्ध सामग्री के बढ़ते आवेदन और अपनाने से पूर्वानुमान अवधि के दौरान बढ़ने की उम्मीद है।