रूप, जय और यश की अधिष्ठात्री माँ दुर्गा
Jyotish Sagar|October 2020
मान्यता है कि जिस समय मौसम परिवर्तन हो रहा हो, उस समय व्यक्ति को आहार, दिनचर्या तथा जीवन शैली को लेकर कुछ ऐसे नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि वह बदलते मौसम के अनुरूप स्वयं को ढाल सकें।
डॉ.हनुमान प्रसाद उत्तम
रूप, जय और यश की अधिष्ठात्री माँ दुर्गा

चाहे वह चैत्र के नवरात्र हों (सर्दी के बाद गरमी की शुरुआत) अथवा शारदीय नवरात्र (वर्षा के बाद शीत का आगमन)। दोनों ही ऋतुओं के संधिकाल । इसलिए नवरात्र में न केवल विशेष पूजन, बल्कि व्रत, उपवास, ध्यान, पूजा आदि की ऐसी व्यवस्था की गई है कि ताकि नौ दिनों तक व्यक्ति आहार-विहार के साथ संयमित जीवन जीकर खुद को बदलते मौसम के अनुरूप बना लें।

Diese Geschichte stammt aus der October 2020-Ausgabe von Jyotish Sagar.

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सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
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गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।

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September 2024
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
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प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।

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September 2024
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
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September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना

जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।

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September 2024
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
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प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।

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September 2024
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
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ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।

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September 2024
श्रीगणेश नाम रहस्य
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September 2024
प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
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September 2024
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September 2024
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September 2024