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पशुओं में लंगड़िया रोग एवं उनका उपचार
डॉ. विजय चन्द्रा ( वरिष्ठ वैज्ञानिक-पशु विज्ञान ) , डॉ.डी.पी.सिंह ( वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ) , एवं राघवेन्द्र सिंह ( शोध छात्र-शस्य विज्ञान ) कृषि विज्ञान केन्द्र, बसुली, महराजगंज ( आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय , कुमारगंज , अयोध्या )
पशुओं में जहरी बुखार की समस्या एवं उनका समाधान
डॉ. विजय चंद्रा ( वरिष्ठ वैज्ञानिक - पशु विज्ञान ), डॉ. डी. पी. सिंह ( वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ), एवं राघवेन्द्र सिंह ( शोध छात्र - शस्य विज्ञान ), कृषि विज्ञान केन्द्र, बसुली, महाराजगंज ( आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या )
नैनो नाइट्रोजन, जिंक और कॉपर का फील्ड ट्रायल शुरू
सही तरीके से प्रयोग करने पर यह यूरिया की खपत को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। दूसरा उत्पाद इफको नैनो जिंक है जिसे मौजूदा उपलब्ध जिंक उर्वरक के विकल्प के रूप में विकसित किया गया है।
दलहनी फसलों के प्रमुख कीट एवं उसका एकीकृत प्रबंधन
भारतीय कृषि पद्धति में दालों की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है , दलहनी फसलें भूमि को आच्छाद प्रदान करती हैं जिससे भूमि का कटाव कम होता है ।
तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी
तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी
डेयरी फार्म से अच्छी आमदनी प्राप्त करने वाले - संतोष कुमार
संतोष कुमार कहतें हैं कि हमारा उद्देश्य है कि पटना शहर में रह रहे लोग जो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और शुद्ध ताजा देशी गौ के दूध के महत्व को समझते हैं उनके घर पर देशी गौ का ताजा दूध डिलीवरी करना ।
टमाटर की नई किस्म से 1,400 क्विंटल तक प्रति एकड़ ले सकेंगे किसान
टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( सीएसए ) ने नई किस्म विकसित की है जिससे प्रति हैक्टेयर उत्पादकता 1,200 से 1,400 क्विंटल तक ली जा सकती है । टमाटर की इस किस्म को नामधारी 4266 का नाम दिया गया है , जो अब किसानों के लिए उपलब्ध है ।
गेहूं में संतुलित उर्वरक प्रयोग का महत्व
नरेन्द्र कुमार गोयल , मृदा वैज्ञानिक , संदीप रावल , जिला विस्तार विशेषज्ञ शस्य विज्ञान , अनुराध बाली , केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान , करनाल बलदेव राज कम्बोज , रजिस्ट्रार हरियाणा कृषि विवि . हिसार कृषि विज्ञान केन्द्र , दामला , यमुनानगर
गेहूं की फसल में बीजोपचार एवं खरपतवार नियंत्रण
आर.एस.चौहान, अश्वनी कुमार एवं नरेन्द्र सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला, चौ.च.सिं. हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
गेहूं की फसल में खरपतवार प्रबंधन
डॉ. राम प्रताप सिंह, सहायक प्राध्यापक (सस्य विज्ञान), आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज , अयोध्या - 224229 (उ.प्र.)
गाजर घास : समस्या और समाधान
डॉ . मानवेन्द्र सिंह , अनुसंधान प्राविधिज्ञ , अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान , दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र , वाराणसी डॉ . रविन्द्र कुमार राजपूत , विषय वस्तु विशेषज्ञ ( मृदा विज्ञान ) कृषि विज्ञान केन्द्र , मथुरा
गन्ने की फसल की उन्नतशील खेती
राघवेन्द्र कुमार आर्यन, अनिल निषाद एवं डॉ. एस.आर.मिश्रा, (कृषि मौसम विज्ञान विभाग), आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या (उ.प्र.) मो.नं.9120712535
खाड़ी देशों में तनाव से बासमती चावल के निर्यात सौदों पर असर
खाड़ी देशों में तनाव से बासमती चावल के निर्यात सौदों पर असर
कैसे शुरू हो फूड प्रोसैस्सिंग उद्यम ?
भारत का कुल खाद्य उत्पादन दोगुना हो सकता है । खाद्य एवं फूड प्रोसैसिंग के क्षेत्रों में बड़े निवेशों के बहुत अवसर आ रहे हैं । डेयरी , फूड प्रोसैस्सिंग , पैकेजिंग फरोज़न फूड , रखरखाव एवं थर्मो प्रोसैस्सिंग , फल एवं सब्जियां , सप्लीमैंट प्रोसैस्सिंग , मत्स्य पालन , दूध एवं दूध उत्पाद , मीट एवं पोल्ट्री , डिब्बा बंद भोजन , साफट ड्रिंक एवं फसल के दाने , फूड प्रोसैस्सिंग उद्योग के कुछ मुख्य क्षेत्र हैं ।
केन्द्र बनायेगा 19.50 लाख टन दालों का बफर स्टॉक
चालू फसल सीजन 2019 20 में केन्द्र सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष ( पीएसएफ ) के तहत दालों का बफर स्टॉक 20. 74 प्रतिशत बढ़ाकर 19. 50 लाख टन करने का फैसला किया है जबकि पिछले फसल सीजन में 16. 15 लाख टन दालों का बफर स्टॉक बनाया था ।
किसानों को आपदाओं से बचाने के लिए जिम्मेदारी तय करनी होगी
खेती की तकनीक से प्रत्येक किसान को शिक्षित करने के साथ कृषि अमले का निरंतर संपर्क आवश्यक है । प्रदेश के किसानों को खेती के नुकसान से बचाने एवं कृषि लागत मूल्य कम करने के लिये आवश्यक है
किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत शिव शंकर
शिव शंकर की इस सफलता से अब दूर-दूर से किसान उनकी खेतीबाड़ी की जानकारी ले रहे हैं ।
किसानों की ओर से स्वयं की बीमा कंपनी लांच करने की योजना
किसानों की ओर से स्वयं की बीमा कंपनी लांच करने की योजना
किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता
कृषि मजदूरों, जो स्वयं को रोजगार के लिए आयोग्य मानते हैं, के लिए कौशल विकास रणनीतियां विकसित करने पर जोर देती है।
एग्रीप्लास्ट का उत्तम घरेलू बायोगैस
21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की है । ऊर्जा के रूप में बिजली , कोयला या अन्य तरह के प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं । ऐसे में बायोगैस एक अच्छा विकल्प है ।
एक दिन की मजदूरी से भी कम है फसल क्षति
म. प्र. में अतिवृष्टि से नष्ट हुई खरीफ फसलों की क्षतिपूर्ति के लिये राज्य शासन ने लंबी कबायद के बाद प्रशासन से आंकलित नुकसान में कांट छांट करके शासन ने तय की गई क्षति राशि का पच्चीस प्रतिशत किसान के खातों में डालना प्रारंभ किया है ।
ऊसर भूमि में गेहूं उत्पादन की आधुनिक सस्य तकनीकी
प्रमोद कुमार, नौशाद खान एवं रविकेश कुमार पाल शोध छात्र, सह-प्राध्यापक, शस्य विज्ञान विभाग, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि. कानपुर शोध छात्र, सस्य विज्ञान विभाग, बिहार कृ.विवि., साबौर
आलू बोने की मशीन से करें मक्के की बुआई और पायें अधिक उपज
डॉ . प्रदीप राजपूत शोध छात्र ( सस्य विज्ञान ) , डॉ . आदेश सिंह , सहायक प्राध्यापक ( सस्य विज्ञान ) डॉ . राजबहादुर सहायक प्राध्यापक ( दलहन अनुभाग ) , आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि . कुमारगंज , फैजाबाद
आईसीएआर , नाबार्ड ने कृषि के क्षेत्र में किया समझौता
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ( आईसीएआर ) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ( नाबार्ड ) ने जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कृषि में जलवायु सहनशील प्रौद्योगिकी के विकास , डेयरी , खाद्य प्रसंस्करण , जल संरक्षण , स्वयं सहायता समूह , कृषि वानिकी और पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए ।
"मेड इन पंजाब" मंडीकरण का नया प्रयास
पंजाब सरकार ने वर्ष 2012 में आत्मा किसान हट्ट स्कीम बनाई थी। इस स्कीम के अधीन किसान समूहों एवं सैल्फ हैल्प ग्रुपों को सरकारी इमारतों में एक जगह दी जाती है, जहां किसान कृषि विभाग से मंजूरी लेकर एक दुकान बनाकर अपना सामान सीधा बेच सकते हैं।
लोगों के स्वास्थ्य पर दूध में मौजूद एंटीबायोटिक अवशेषों का प्रभाव
सुरेन्द्र कुमार, रीतू रानी एवं संजय यादव, पशुजन्य उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग, पशु चिकित्सा महाविद्यालय, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विवि., हिसार
मृदा कार्बन प्रच्छादन : जलवायु परिवर्तन की स्थिति में खाद्य सुरक्षा हेतु समाधान
कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।
मृदा उर्वरता में हरी खाद का महत्व
डॉ. रविन्द्र कुमार राजपूत विषय वस्तु विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान), कृषि विज्ञान केन्द्र, दुवासु, मथुरा श्रीमती ज्योति वर्मा, परास्नातक छात्रा, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर, संस्कृति विवि. छाता, मथुरा अनुपमा वर्मा, परास्नातक छात्रा, शस्य दैहिकी विभाग चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौ. विवि. कानपुर डॉ. राजबहादुर सहायक प्राध्यापक (दलहन अनुभाग), आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि. कुमारगंज, अयोध्या-224 229 (उ.प्र.)
भारतीय देसी घी करेगा जैतून तेल का मुकाबला
देसी घी की ब्रैंडिंग करके दुनिया को यह बताया जा सकता है कि जैतून के तेल से भी देसी घी बेहतर है। आयुर्वेद में देसी घी को खाने के तेलों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है जो पित्त और वात दोष में गुणकारी होता है। देसी घी का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।
बेर के रोग व निदान
बेर को गरीबों का फल भी कहा जाता है। बेर में प्रचर मात्रा में पोषक तत्व तथा सस्ता होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में इस फल का बहुत ही प्रचलन है। यह हमारे लिए एक बहुपयोगी एवं पोषक फल है। इसमें विटामीन सी तथा ए प्रचुर मात्रा में होते हैं।