उत्तरप्रदेश
सोलेनेसी कुल की अत्यंत ही लोकप्रिय एवं पोषक तत्वों से भरपूर फलदार एवं मुख्य सब्जी फसल है। पूरे भारतवर्ष में इसकी व्यापारिक स्तर पर खेती की जाती है। परंतु कई सूत्रकृमि प्रजातियां पौधों को संक्रमित करती हैं। इनकी प्रमुख प्रजातियां जैसे जड़ गांठ सूत्रकृमि, लेजन सूत्रकृमि आदि हैं जिससे फसल में भारी आर्थिक नुकसान होता है। यह सूत्रकृमि सूक्ष्म, महीन, खंडहीन तथा धागे जैसी संरचना वाली द्विलिंगी जीव होते हैं । इनके पास गमन हेतु पाद नहीं होते हैं। इसे गोल कृमि या धागा कृमि के नाम से भी जाना जाता है। विभिन्न शोधों के आधार पर सूत्रकृमि के अतिसंक्रमण होने से विभिन्न प्रकार की सब्जियों जैसे टमाटर, मिर्च एवं बैंगन आदि में 50 से 65 प्रतिशत तक का नुकसान पाया गया है। पौधों की जड़ों में गांठ रोग मिलोडोगाइन जाति के सूत्रकृमि या गोल कृमि से होता है। यह सूक्ष्मजीव व्यापक रूप से उचित जल निकास वाली भूमि जैसे पौधशाला, भूमि की ऊपरी परत आदि में ज्यादा पाए जाते हैं।
सूत्रकृमि रोग के लक्षण :
- खेत में सूत्रकृमि से ग्रस्त पौधों की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, पौधा बौना रह जाता है। तथा कभी-कभी अतिसंक्रमण से पौधे मुरझा जाते हैं और सूख जाते हैं।
- ऐसे संक्रमित पौधों को जड़ सहित उखाड़कर देखने पर पौधों की जड़ें सीधा न होकर आपस में गुच्छा बना लेती हैं तथा ग्रंथिल या गाँठदार हो जाती हैं।
- पौधों में फल-फूल देर से आते हैं तथा फूल या फल लगने बावजूद यह झड़ने लगते हैं और फल छोटे एवं कम गुणवत्ता वाले होते हैं।
हानियां :
Diese Geschichte stammt aus der 1st September 2022-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।