खोज से पता चलता है कि, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर बढ़ते तापमान के प्रभाव के सामान्य पूर्वानुमानों के साथ समस्याएं भी सामने आई हैं। शोध में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि बढ़ते तापमान के असर को लेकर इनका बड़े पैमाने पर परीक्षण करने की जरूरत है।
क्योंकि जलीय पारिस्थितिकी तंत्र गर्म हो जाते हैं, यह अनुमान लगाया गया है कि मछली जैसे जीव कम उम्र में तेजी से बढ़ेंगे लेकिन वयस्कों के रूप में उनका आकार छोटा होगा। यह पैटर्न मुख्य रूप से छोटे पैमाने के प्रयोगों में देखा गया है, हालांकि कुछ अध्ययनों ने प्राकृतिक वातावरण में इस पूर्वानुमान का परीक्षण किया है।
परीक्षण ज्यादातर पकड़ी जाने वाली मछलियों की प्रजातियों पर किए गए हैं, जहां मछली पकड़ने की प्रक्रिया ही विकास दर और शरीर के आकार को प्रभावित कर सकती है।
स्वीडिश यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, विभाग के शोधकर्ता मैक्स लिंडमार्क कहते हैं, बड़े पैमाने पर मछली पर गर्म पानी के प्रभावों का अध्ययन, प्राकृतिक परिस्थितियों में अर्ध-नियंत्रित प्रयोग बहुत कम हैं, फिर भी वे अनोखी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हमने यह जांचने के लिए एक अनूठी अध्ययन प्रणाली का उपयोग किया कि कई पीढ़ियों में मृत्यु दर, विकास दर और मछलियों के आकार में गर्म पानी ने कैसे बदलाव किया है।
Diese Geschichte stammt aus der 15th June 2023-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
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