इसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादों के लिये प्रभावी मूल्य शृंखलाओं का विकास सीमित हो गया है जबकि उप-उत्पादों और फसल अवशेषों के लिये मूल्य शृंखलाओं का लगभग कोई विकास नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त, एक फसल वर्ष में अधिक फसल पैदा करने की बढ़ती मांग के कारण फसल अवशेषों को अपशिष्ट मानकर त्वरित निपटान के लिये जला देना आम बात हो गई है। इसका परिणाम यह है कि पराली दहन वर्तमान नीतिगत चर्चाओं में एक महत्वपूर्ण एवं दबावपूर्ण मामला बन गया है। फसल अवशेष जलाने से न केवल मूल्यवान बायोमास का नुकसान होता है, बल्कि यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और प्रदूषण की वृद्धि में भी उल्लेखनीय योगदान देता है। जुलाई, 2023 में नीति आयोग द्वारा प्रकाशित एक वर्किंग पेपर के अनुसार, भारत प्रति वर्ष औसतन लगभग 650 मिलियन टन फसल अवशेष उत्पन्न करता है।
फसल अवशेष दहन के प्राथमिक कारण : धान की कटाई और गेहूँ की बुआई के बीच संक्षिप्त समय अंतराल : धान की कटाई और गेहूँ की बुआई के बीच की सीमित समय सीमा किसानों को फसल अवशेष निपटान के वैकल्पिक तरीकों की खोज से अवरुद्ध करती है। शीघ्रातिशीघ्र बुआई करने की विवशता उन्हें पर्यावरण के लिये हानिकारक होते हुए भी पराली दहन जैसे त्वरित समाधान चुनने के लिये प्रेरित कर सकती है।
कंबाइन हार्वेस्टर का बढ़ता उपयोग : कंबाइन हार्वेस्टर का व्यापक प्रयोग पराली प्रबंधन की चुनौती में योगदान करता है। ये मशीनें बड़ी मात्रा में पराली छोड़ती हैं, जिसे मैन्युअल या यंत्रवत तरीके से हटाना कठिन साबित होता है। यह बचा हुआ अवशेष किसानों को त्वरित समाधान के रूप में इनके दहन के लिये प्रोत्साहित करता है।
फसल अवशेष प्रबंधन के लिये पर्याप्त विकल्पों का अभाव : कम्पोस्टिंग, मल्चिंग, निगमन या जैव ऊर्जा में रूपांतरण जैसे किफायती और व्यवहार्य विकल्पों की अनुपस्थिति समस्या को और बढ़ा देती है। सुलभ विकल्पों के अभाव में किसान पराली को जलाने के रूप में एक सुविधाजनक प्रतीत होने वाली विधि का सहारा लेने के लिये विवश हो सकते हैं।
Diese Geschichte stammt aus der January 01, 2024-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der January 01, 2024-Ausgabe von Modern Kheti - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।