बीज नियन्त्रण आदेश- 1983 से पूर्व, बीज विक्रय करने के लिए कोई लाइसेंस प्रथा नहीं थी परन्तु उसके लागू होने पर अधिसूचित और गैर अधिसूचित किस्मों का न्यूकलियस, ब्रीडर, आधार, प्रमाणित, टैस्ट स्टॉक तथा लेबल बीज, बीज की परिभाषा में आ गये। अतः प्रत्येक प्रकार का बीज लाइसेंस लेकर बेचना अनिवार्य हुआ।
1. ब्रीडर न्यूकलियस, बीज विक्रय : ब्रीडर और न्यूकलियस टैस्ट स्टॉक बीज, टी.एल. बीज, आलु टी.पी.एस. (True Potato Seed), आलू का टिशु कलचर द्वारा बेचा जाने वाला बीज, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल, हरियाणा बागवानी की पौधों की कटिंग, ग्राफ्टींग या अन्य प्रकार से तैयार पौधे तथा सब्जी बीज, IIWBRकरनाल, IARI- करनाल, HAU Uchani, Karnal, HAU SST, HAU Vegetable Section, हिसार HAU-Bawal, Sirsa, Kaul केन्द्रों तथा देश के अनेकों विश्वविद्यालयों, अनुसन्धान संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार का ब्रीडर न्यूकलियस बीज बेचने के लिए लाइसेंस आवश्यक है।
2. छूट नहीं : आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 से बीज नियन्त्रण आदेश निरूपित करने पर सभी प्रकार के बीजों की बिक्री संस्थाएं बिना बीज बिक्री लाइसेंस के बीज विक्रय करती हैं। इन संस्थाओं को लाइसैंस न लेने पर छूट भी नहीं है। और ये संस्थाएं बिना लाइसेंस के बीज विक्रय कर रही हैं।
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।