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காட்டிற்கு நடுவே ஒரு கயிற்றுப் பாலம்
சூழியல் பாதுகாப்பு
தாவர வாழ்வியல்
நமது அறிவியல் வாசகர்கள் பெரும்பான்மையானவர்கள் இப்பகுதியினை தொடர்ந்து வாசித்தும், இதில் பரிந்துரைக்கப்படும் புத்தகங்களை வாங்கிப் படித்தும் பயன்பெற்று வருகிறார்கள் என்பதை அறியும் போது பெரும் மகிழ்ச்சி அடைகிறோம்.
உயிரை பறிக்கும் பரோட்டா
நமது பாரம்பரிய உணவுகளை ந பின்னுக்கு இன்று முக்கிய உணவாக வலம் வருவது பரோட்டா! பரோட்டா!! பரோட்டா!!.
திமிங்கல வேட்டை
விலங்கு பாதுகாப்பு
செயற்கைக்கோள் அப்ளிகேஷன்கள்
சிறப்புக் கட்டுரை
கழிவிலிருந்து உயிர் ஆற்றல்
மனித கலாச்சாரத்தின் தொடக்கத்திலிருந்து உயிர்பொருள் ஒரு மாபெரும் புதுப்பிக்கதக்க ஆற்றல் மூலக்கூறாக பயன்படுத்தப்பட்டு வருகிறது.
இந்தியாவின் முதல் பெண் மருத்துவர்
விஞ்ஞானி அறிமுகம்
அறிவியல் பார்வையில் கயிலாயம்
அறிவியல் தொடர் கட்டுரை
Spring back to life
A non-profit's technological approach for springshed rejuvenation helps Uttarakhand women end their water woes
NOT JUST ANYWHERE
Water structures built under rural employment guarantee scheme must be suited to local geography
Viable model to save rainwater in India
This is with reference to the editorial “Water in age of climate change” (16-31 March, 2021).
CHALLENGE 2021
India has enhanced its global standing by supplying COVID-19 vaccines to rich and poor countries alike. It must now scale up its manufacturing by roping in public sector units to cement its position in the changing geopolitics
VACCINE APARTHEID
AFRICA IS WITNESSING A SECOND WAVE OF COVID -19, BUT LESS THAN 2 PER CENT OF THE 690 MILLION VACCINE DOSES ADMINISTERED TO DATE GLOBALLY HAVE BEEN IN AFRICA. THE WORLD WILL DO WELL TO REMEMBER THAT NO COUNTRY IS SAFE TILL EVERYONE GETS INOCULATED A report by Kiran Pandey and Vibha Varshney from New Delhi, with Maina Waruru from Kenya; Christophe Hitayezu from Rwanda; Bennett Oghifo from Nigeria; Elsabé Brits from South Africa; and Mekonnen Teshome from Ethiopia
Uneasy spring
The world is heating up even in La Niña years that are associated with cooler temperatures
Nepal chokes under forest fires
ON MARCH 30, Nepal was forced to shut down all its educational institutions for five days after air quality of the Himalayan country dipped to hazardous levels. The country, in its advisory, also asked the elderly to stay at home.
Breaking new ground
The world’s longest running agricultural study adds to the debate on organic-inorganic farming
Arrival of blue king
How do peaceful people get forced into battles they do not want to fight? In Oonga, a book adaptation of a 2013 film of the same name, writer-director DEVASHISH MAKHIJA undertakes a journey with a little Dongria Kondh boy, who is desperate to see a performance of the Ramayan, to expose the clash between adivasis and mining companies that threaten to destroy their villages, forests and hills. Excerpts
The Pain Of Getting The Jab
The COVAX Facility and the African Union are struggling to bring some relief to Africa which has been suffering from vaccine apartheid
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व धारा 69ए
दिल्ली की सीमाओं पर नवंबर 2020 से जारी किसान आंदोलनों के बीच सोशल मीडिया पर चलायी जा रही कथित 'प्रोपेगेंडा' व केंद्र सरकार की अति सक्रियता भी चर्चा का विषय बना हुयी है। दूसरे देशों से की जा रही ट्वीट और केंद्र सरकार की नोटिस की वजह से यह मुद्दा और चर्चा में बना रहा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में 8 फरवरी, 2021 को अपने संबोधन में इसे 'एफडीआई' तक की संज्ञा दे डाली। प्रधानमंत्री के अनुसार यह एफडीआई 'फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आईडियोलॉजी' है। आईएए जानें कि पूरा मामला क्या है?
भारत में कृषि साख
भारत में किसानों का मुद्दा व कृषि कर्ज माफी संवेदनशील रही है। वैसे समय-समय पर भारत सरकार किसानों के लिए अल्पकालिक से लेकर दीर्घकालिक संस्थागत कर्ज तक पहुंचाने के लिए प्रयास करती रही है। चूंकि अनौपचारिक ऋण प्रणाली की तुलना में संस्थागत ऋण अधिक किफायती है, इसलिए इसका सीधा असर किसानों की उत्पादन लागत पर पड़ता है।
बजट 2021-22 विश्लेषण
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2021 को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए संघीय बजट पेश किया। पहली बार बजट डिजिटल तरीके से पेश किया गया। यहां बजट के परीक्षोपयोगी अंश को विश्लेषणात्मक तरीके से पेश किया गया है।
टर्मिनोलॉजी
फिएट करेंसीभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 25 जनवरी, 2021 को कहा कि यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आभासी (वर्चुअल) मुद्राओं की बढ़ती लोकप्रियता के बीच फिएट मुद्रा (Fiat Currency) के एक डिजिटल संस्करण की संभावना तलाशने पर वह विचार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि फिएट करेंसी या फिएट मनी सरकार द्वारा जारी की गई मुद्रा है जो सोने जैसी कमोडिटी द्वारा समर्थित नहीं होती है।
भारत में चुनाव: विभिन्न मुद्दे
देखा जाए तो चुनाव भारतीय लोकतंत्र की रक्तवाहनियां हैं जो भारत में प्रजातंत्र रूपी रक्त को प्रवाहमय बनाए रखने में मदद करती हैं। यह एक जीवंत प्रणाली है और इसकी जीवंतता बनाए रखने के लिए इसे स्वस्थ रखना भी जरूरी है। इसे स्वस्थ रखने के लिए ही समय-समय पर भारत की निर्वाचन पद्धति में सुधार की मांग की जाती रही है और कई चुनाव सुधार लागू भी किए गए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्या है?
यह तो लगभग सब जान गए हैं कि एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य महत्वपूर्ण चीज़ है। लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका निर्धारण कैसे किया जाता है। इसके पीछे तर्क क्या हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य, उसके निर्धारण, उसके महत्व और सीमाओं को समझने के लिए थोड़ा इतिहास में झांकना होगा।
गर्भनाल में मिला माइक्रोप्लास्टिक
माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के पांच मिलीमीटर से छोटे कण होते हैं। ये व्यावसायिक प्लास्टिक उत्पादन के दौरान और बड़े प्लास्टिक के टूटने से उत्पन्न होते हैं। रोज़मर्रा के जीवन में प्लास्टिक के अधिक इस्तेमाल के कारण माइक्रोप्लास्टिक ने पूरी पृथ्वी को अपनी चपेट में ले लिया है। प्रदूषक के रूप में माइक्रोप्लास्टिक पर्यावरण, और पशु स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है।
कुत्तों को पालतू किसने, कब बनाया?
पिछले हिमयुग के अंत में मनुष्यों के समूह उत्तर-पूर्वी साइबेरिया के विशाल घास के मैदानों में नुकीले पत्थर-जड़े भालों के साथ बाइसन और मैमथ का शिकार किया करते थे।
क्रटजेनः ओज़ोन ह्रास की जागरूकता के प्रणेता
गत 28 जनवरी को पॉल जे. क्रटज़ेन ने 87 वर्ष की आयु में इस दुनिया से रुखसती ले ली। क्रटज़ेन ने ही हमें इस बात से अवगत कराया था कि वायुमंडल में मौजूद प्रदूषक पृथ्वी की ओज़ोन परत को क्षति पहुंचाते हैं।
पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में फेरबदल प्राचीन वृक्ष में कैद
न्यूजीलैंड में 42,000 साल पुराने एक कौरी वृक्ष के तने ने पृथ्वी के चुंबकीय इतिहास की चुगली कर दी है। दरअसल, कुछ साल पहले बिजली संयंत्र के लिए खुदाई के दौरान प्राचीन समय के कौरी पेड़ का 60 टन वज़नी तना मिला था।
भारत में जल संरक्षण
वर्ष 2019 में अंतरिक्ष डेटा का उपयोग करके भारत में जल की उपलब्धता का पुनर्मूल्यांकन केंद्रीय जल आयोग द्वारा किया गया था। इसके मुताबिक देश के 20 बेसिनों के औसत वार्षिक जल संसाधनों का आकलन 1999.20 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) के रूप में किया गया। भारत में जल संसाधन डेटा को बेसिन-वार बनाए रखा जाता है, न कि राज्यवार।
भारत में शार्क आबादी व संरक्षण
हाल में 'नेचर' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि 1970 के पश्चात शार्क और रेज (Rays Fish) की वैश्विक आबादी 70 प्रतिशत कम हो गई है और इसकी वजह है सापेक्षिक मत्स्यन दबाव में 18 गुणा वृद्धि। इस अध्ययन के मताबिक 31 में से 24 शार्क प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं।