डेजी उन दोनों से बहुत प्यार करती थी. वह उन के साथ खेलती थी और टहलने जाती थी. रात के खाने में रोज डेजी अपनी दोनों बेटियों के लिए कभी मछली, तो कभी चूहा लाती थी और कभीकभी दूध पीने का मजा लेती थी.
एक दिन डेजी ने अपनी बेटियों से, जो अब बड़ी हो गई थीं, उन से कहा, "बेटा, आप दोनों अब बड़ी हो चुकी हो. अब तुम मेरे साथ घुमाफिरा करो. अपना खाना खुद ढूंढ़ना सीखो. तुम्हें अकेल बाहर जाना होगा. कल से मैं तुम्हारे लिए खाना नहीं लाऊंगी. तुम दोनों को अलगअलग घर से बाहर जा कर अपनाअपना खाना ढूंढ़ना होगा. इस से तुम बाहर की दुनिया कैसी है, वह भी देख सकती हो."
मां का कहना मान कर अगली सुबह बेरी और रीरी खाना ढूंढ़ने के लिए घर से बाहर निकलीं. बेरी सड़क पार करने लगी. उधर दो औरतें बाजार जा रही थीं. बेरी ने उन का रास्ता काटा तो उन दोनों औरतों को बहुत गुस्सा आया. उन में से एक औरत बोली, "यह बिल्ली हमारा रास्ता काट गई. अब हमारा काम नहीं होगा."
आगे एक बच्ची परीक्षा देने स्कूल अपने पापा के साथ जा रही थी. वहां से बेरी गुजरने ही वाली थी कि तभी उस बच्ची के पापा बोले, "जल्दी चल, अगर इस बिल्ली ने तेरा रास्ता काटा तो तेरा पेपर अच्छा नहीं होगा. उसे यहां से भगाओ."
बच्ची ने बेरी को छोटा सा पत्थर मार कर भगा दिया. बेरी को बहुत बुरा लगा. उसे लग रहा था कि लोग मेरे बारे में ऐसी घटिया बातें क्यों कर रहे हैं?
उसे एक घर के छोटे से बच्चे ने दूध दिया. बेरी की भूख शांत हो गई. उसे बाद में एक चूहा मिला. उस ने उसे दांतों से पकड़ा और अपने घर की तरफ जाने लगी.
घर जाते समय उस ने दो सहेलियों को देखा जो फिल्म देखने जा रही थीं.
Diese Geschichte stammt aus der October First 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.