एल्मो के कान
Champak - Hindi|October First 2023
इंटरवल की घंटी बजी. सारे बच्चे क्लास से निकल कर मैदान में आ गए. एल्मो हाथी, रोरो खरगोश, मैडी लंगूर और डैनी हिरण अपने लंच बौक्स ले कर एक पेड़ के नीचे बैठे थे...
डा. के. रानी
एल्मो के कान

बरसात का मौसम था. अक्तूबर की तेज गरमी थी और चारों ओर मच्छर भिनभिना रहे थे. रोरो अपनी जगह से उठ कर एल्मो के नजदीक बैठ गया.

"तुम एल्मो के पास क्यों चले गए?" मैडी बोला.

"मच्छर तंग कर रहे हैं. एल्मो के बगल में बैठूंगा तो वे परेशान नहीं करेंगे," रोरो ने उत्तर दिया.

"क्या मच्छरों को एल्मो से डर लगता है?" मैडी ने व्यंग्यपूर्वक पूछा.

"मैं इस बारे में कह नहीं सकता, लेकिन इस के बड़ेबड़े कानों के हिलने से मच्छर नजदीक नहीं आते,” रोरो हंस कर बोला.

यह सुन कर एल्मो को अच्छा नहीं लगा.

"मैं तुम्हें अपना सब से अच्छा दोस्त समझता था और तुम मेरे कानों का मजाक उड़ा रहे हो, तुम्हारे कान भी तो बड़े हैं, तुम उन्हें हिला कर खुद ही मच्छर भगा सकते हो?" एल्मो ने उत्तर दिया.

"वे तुम्हारे कानों की तरह हिल कर मच्छर नहीं भगा सकते," रोरो बोला.

"बेकार की बातें छोड़ कर तुम दोनों खाने पर ध्यान दो. अभी घंटी बज जाएगी तो खाना टिफिन में ही रखा रह जाएगा," डैनी बात बदलते हुए बोला.

रोरो की बात सुन कर एल्मो का मूड खराब हो गया था. उसे अपने बड़े कान वैसे भी पसंद नहीं थे और आज रोरो ने सब के सामने उस की खिंचाई भी कर दी थी. उस ने चुपचाप लंच खत्म किया. घंटी बजते ही वे सब क्लास में आ गए.

उस का उतरा हुआ चेहरा मैडी को अच्छा नहीं लग रहा था. वह बोला, "रोरो की बात को गंभीरता से मत लो एल्मो."

"सब मेरे बड़े कानों का मजाक उड़ाते हैं. मुझे भी ये पसंद नहीं हैं. पता नहीं हमें इतने बड़े कान क्यों दिए हैं?" ऐल्मो सिसकते हुए बोला.

"मेरी नानी कहती थीं कि कुदरत ने हाथी को बड़े कान और छोटी आंखें इसलिए दी हैं जिस से वह अपने शरीर को न देख सके." 

यह जानकर एल्मो की आंखें फैल गईं, "उस से क्या होगा?" उस ने पूछा.

"वे कहती थीं कि यदि हाथी अपना शरीर देख लेगा तो उसे अपने पर बहुत घमंड हो जाएगा और वह वन्यजीवों को तंग करने लगेगा," मैडी ने बताया.

Diese Geschichte stammt aus der October First 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.

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