जंगल में भूत
Champak - Hindi|January Second 2024
रोबिन अपने पापा के साथ अकसर गांव से सटे जंगल में घूमने जाता था. उस के पापा को जड़ीबूटियों का अच्छा ज्ञान था. वे जंगल से जड़ीबूटियां ले कर आते और उन से दवा बना कर गांव वालों को देते. उन के साथ रह कर रोबिन को भी पेड़पौधों की अच्छी पहचान हो गई थी.
डा. के. रानी
जंगल में भूत

एक दिन उस के पापा को कहीं जाना था. उन्होंने उसे जंगल से कुछ जड़ीबूटी लाने के लिए कहा. वह जानते थे कि रोबिन अभी छोटा है और अकेले जंगल नहीं जा सकता. वह बोले, "रोबिन तुम अपने दोस्तों को साथ ले कर जंगल जाना और वहां से कुछ जड़ीबूटियां ले कर आ जाना.” 

“लेकिन पापा, वहां जंगली जानवरों का खतरा रहता है."

“जंगली जानवर घने जंगल के अंदर रहते हैं. तुम्हें दूर नहीं जाना है, बस थोड़ी दूर पर ही तुम्हें ये मिल जाएंगे, घबराना नहीं. तुम चिंता मत करो, मुझे जंगल की पूरी जानकारी है. ऐसा कुछ नहीं होगा जैसा तुम सोच रहे हो वरना मैं तुम्हें वहां न भेजता.”

पापा की बात सुन कर रोबिन आश्वस्त हो गया. वह अपने दोस्त विदित के पास पहुंचा और बोला, "क्या तुम आज मेरे साथ जंगल घूमने चलोगे?” 

“तुम्हारे पापा कहां हैं?” विदित ने पूछा.

“वे घर पर नहीं हैं. मुझे कुछ जड़ीबूटी लेने जंगल जाना है."

"मम्मी अकेले मुझे तुम्हारे साथ नहीं भेजेगी रोबिन. तुम और दोस्तों को तैयार कर लो. साथ मिल कर चलेंगे. वहां हमारी पिकनिक भी हो जाएगी और हम कुछ जड़ीबूटियां भी ले आएंगे,” विदित ने सुझाव दिया.

रोबिन को विदित का यह आइडिया बहुत अच्छा लगा. वह तुरंत मीनाल के पास पहुंचा और बोला, “चलो, आज जंगल किनारे पिकनिक मनाते हैं."

“अचानक तुम्हें पिकनिक मनाने की क्या सूझी?” मीनाल ने पूछा.

"बस, मन में आया कि आज दोस्तों के साथ पिकनिक मनाते हैं."

“आइडिया अच्छा है, कौनकौन जा रहा है?”

“विदित, मैं और तुम."

“चलो, वरुण और सोनल को भी अपने साथ ले लेते हैं. ज्यादा दोस्तों के साथ खूब मजा आएगा."

“अच्छा आइडिया है, मेरे साथ आओ, उन्हें बताने चलते हैं."

रोबिन और मीनाल ने वरुण और सोनल से संपर्क किया और उन्हें भी यह आइडिया अच्छा लगा. पांचों दोस्त जंगल किनारे पिकनिक मनाने के लिए तैयार हो गए. उन्होंने अपने साथ कुछ खाने का सामान ले लिया. सूरज उग आया. वे पांचों हाथ में डंडा लिए जंगल के किनारे पहुंच गए.

रोबिन बोला, “चलो, थोड़ा अंदर तक चलते हैं."

Diese Geschichte stammt aus der January Second 2024-Ausgabe von Champak - Hindi.

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