"दी दी, यह क्या किया आपने? सुहाना की सारी डिटेल्स फेसबुक पर शेयर करने की क्या जरूरत थी?" शिखा ने अपनी बड़ी बहन साधना को कॉल करके कहा तो साधना चहकते हुए बोली, “अरे, क्यों न करूं? मेरी बेटी का मेडिकल एंट्रेंस क्लियर हुआ है, बताना तो पड़ेगा न सबको।" इस बात पर शिखा ने दोबारा से कहा, "माना, बहुत खुशी की बात है, लेकिन अपने बच्चों की हर डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर करना ठीक नहीं। वक्त खराब है, आप समझ नहीं रहीं।" तभी साधना बोली, "अगर सोशल मीडिया पर नहीं डालूंगी तो लोगों को मेरी बेटी के बारे में पता कैसे चलेगा?"
साधना की इस बात पर शिखा ने फिर से दीदी को समझाते हुए कहा, "देखो दीदी, हर माता-पिता की जिंदगी में ऐसे कई पल आते हैं, जब उन्हें अपने बच्चों की उपलब्धियों पर बहुत गर्व महसूस होता है। पिछले दिनों डॉटर्स डे पर लाखों पेरेंट्स ने अपनी बेटियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उनके नाम प्यार भरे संदेश पोस्ट किए थे। ये पेरेंट्स का प्यार जाने का एक तरीका था। वहीं 12वीं और 10वीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट आने पर भी माता-पिता अपने बच्चों की तस्वीरें मार्कशीट के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करना नहीं भूलते। अपने बच्चों की उपलब्धियां हर मातापिता के लिए अहम होती हैं, लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि उनकी फोटोज और जानकारियां सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।"
साधना की तरह हर चीज बिना सोचे-समझे ऐसे ही सोशल मीडिया पर शेयर कर देने को विशेषज्ञ 'शेयरेंटिंग' का नाम देते हैं। शेयरेंटिंग काफी समय से चलन में भी है, जिसका सबसे ज्यादा शिकार हैं बच्चे।
■ पहले समझें, क्या है 'शेयरेंटिंग'
Diese Geschichte stammt aus der October 11, 2024-Ausgabe von Rupayan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der October 11, 2024-Ausgabe von Rupayan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?
पानी में तैरते पोधे
फ्लैट्स में लोगों के पास पेड़-पोधे लगाने के लिए जगह नहीं होती है। लेकिन कुछ ऐसे पोधे हैं, जिनको आप पानी में भी उगा सकती हैं।
वे क्यों हो गए चिड़चिड़े?
परिवार का आशीर्वाद होते हैं बड़े-बुजुर्ग, लेकिन कई बार उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पकवानों ने बिगाड़ दी सेहत की चाल?
त्योहारों पर खान-पान और दिनचर्या में अचानक लाव से कई बार आप बीमार पड़ जाती हैं, बढ़ता है या फिर पुरानी बीमारी ट्रिगर कर जाती है। ऐसे में आप क्या करती हैं?
आपकी खूबसूरती को ऑक्सीजन मिलेगी
तनाव केवल आपके दिमाग को ही परेशान नहीं करता, बल्कि चेहरे, बालों और शरीर पर भी नकारात्मक असर डालता है। ऐसे में सुंदरता को बनाए रखने के राज आपको योग में मिलेंगे।
मिस नैनी के आने से पहले!
आजकल की माताएं व्यस्त हैं। वे घरपरिवार, बच्चे, रिश्ते, सबको संभाल तो रही हैं, लेकिन अपने कॅरिअर को साथ लेकर। कई बार सब उलझने लगता है और आप बच्चे पर ध्यान नहीं दे पातीं। ऐसे में विचार आता है नैनी रखने का। लेकिन सवाल यह है कि एक अच्छी नैनी मिले कैसे?
यहां नाक का सवाल है!
गहने आपके लुक को कंप्लीट करते हैं। गले और कानों के साथ-साथ नाक के गहने चेहरे को आकर्षक बनाते हैं। बाजार में इस समय स्टाइलिश नोज पिन मौजूद हैं।
आपके खाने में स्मोकी इफेक्ट
स्मोकी फूड्स को आमतौर पर गरमागरम होने और अपने स्वाद के कारण पसंद किया जाता है। लेकिन यह आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है?
खुद को बदलने की जरूरत है!
घर में बच्चा आने के बाद आपकी पूरी जीवन शैली बदल जाती है। ऐसे में कई बार आपके रिश्ते में दूरी आने लगती है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको कुछ बदलाव करने जरूरी होते हैं।