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मुंबई के खाकीवालों में खिंची तलवारें
देश की आर्थिक राजधानी में राज्य और केंद्र सरकार के राजनैतिक झगड़े में महाराष्ट्र काडर के आइपीएस अधिकारी एक-दूसरे के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं. इस तरह की पुलिस-राजनैतिक जंग अतीत में कभी नहीं देखी गई
सरहद पर चीनी गांवों की विशाल दीवार
भारत के सामने जमीन हड़पने के अपने दावे को मजबूत करने की गरज से बीजिंग बसा रहा है दुनिया की सबसे लंबी विवादित सरहद पर सीमांत गांव
कटघरे में बैंकर
बैड लोन के साथ बैंक अधिकारियों के रवैये और बैंक की कार्यवाही पर न्यायिक अतिक्रमण को लेकर एसबीआइ के पूर्व प्रमुख प्रतीप चौधरी की गिरफ्तारी ने उठाए असहज करने वाले सवाल
हे राम! हमारे राम
आसन्न विधानसभा चुनावों को देखते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रतिबद्धता एक निर्णायक मुद्दा बनने लगी. भाजपा इसे लेकर खासे आक्रामक मूड में तो आम आदमी पार्टी और बसपा भी भक्तिभाव में. सपा और कांग्रेस ने फिलहाल बना रखी है सतर्क दूरी
कहां फिसले भाजपा के पांव
हिमाचल प्रदेश उपचुनाव
उभरते क्षेत्रीय दल
भारतीय राजनीति में बिरले ही उपचुनाव जनभावनाओं के परिचायक होते हैं. मार्च 2018 में हुए उपचुनावों को लीजिए. तब सत्तारूढ़ भाजपा उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटें हार गई थी. इनमें एक गोरखपुर की सीट थी, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ है. साल भर बाद भगवा पार्टी उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 और देश भर में 303 सीटें जीतकर धड़धड़ाती हुई सत्ता में लौटी. उसने गोरखपुर और फूलपुर की वे सीटें भी झोली में डाल लीं जो उपचुनाव में उसके हाथ से फिसल गई थीं.
..और अब शुरू होता है द्रविड़ काल
टीम इंडिया के नए कोच तनावपूर्ण हालात में भी धाक जमाना बखूबी जानते हैं. पर बदले हालात में क्या राहुल 'दीवार' द्रविड़ टीम में नया फोकस ला पाएंगे और उसे एक अदद आइसीसी खिताब जितवा पाएंगे, जो कि उसके लिए पहेली बना हुआ है?
भविष्य का रास्ता
युनाइटेड वे मुंबई ने शहर के नौ समुद्रतटों को गोद लिया है. यह संस्था उन्हें साफ रखने और यहां आने वालों को इन जटिल पारितंत्रों की अहमियत समझाने में मदद करती है
रेगिस्तान में नखलिस्तान बनता एक नगर
तहसील मुख्यालय पचपदरा थार के रेगिस्तान में नमक की बावड़ियों के लिए जाना जाता था. अब यहां 65,000 करोड़ रुपए की भारत की पहली एकीकृत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का काम जोर पकड़ने से इस नगर की कायापलट हो रही है
मुसीबत के भंवर में छोटे कारोबारी
मांग में कमी, कच्चे माल के बढ़ते दाम और आसमान छूती ढुलाई की लागत ने बहुत छोटे, छोटे और मझौले उद्योगों पर ऐसा कहर बरपाया कि कई दिवालिया होने की कगार पर आ गए
गोपनीयता का लबादा
पेगासस पर फैसला
क्या 'राज' दिला पाएंगे राजभर
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव से हाथ मिला लिया है. इनका गठबंधन सत्ताधारी भाजपा को कितनी चुनौती दे पाएगा?
शशिकला की पहेली
तीस अक्तूबर को तमिलनाडु में हर पार्टी के राजनेता मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व में रामनाथपुरम जिले के पसुम्पोन में पसुम्पोन मुथुरामलिंग थेवर की 114वीं जयंती पर उनकी समाधि पर पहुंचे. लेकिन दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी और आध्यात्मिक प्रतीक के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को मुक्कलोथोर थेवर समूह के एक अन्य सदस्य वी.के. शशिकला की अन्नाद्रमुक में वापसी की चर्चा से ग्रहण लग गया.
क्या आरक्षण कोटा प्रतिभावान उम्मीदवारों को बेदखल कर रहा है?
केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को एक अधिसूचना जारी की और चिकित्सा और दंत चिकित्सा कोर्स में स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए, इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से दो नए आरक्षण की व्यवस्था दी.
इश्क में उतरने के नए नियम
टीकाकरण के बाद भारत में डेटिंग भी हाइब्रिड हुई, यानी ऑनलाइन भी और आमने-सामने मिलकर भी
उपमहाद्वीप के निगहबान
भारतीय सेनाएं अमेरिका में बने एमक्यू-9वी ड्रोन हासिल करने के लिए 22,500 करोड़ रुपए के सौदे पर बातचीत कर रही हैं. भारत-चीन सैन्य गतिरोध की वजह से इस ड्रोन की तत्काल जरूरत आ गई है
रवींद्र पुरी बनाम रवींद्र पुरी
नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद उभरे शून्य ने हिंदू के समाज के अखाड़ों को अचानक विपरीत ध्रुवों पर ला दिया है. इनकी आपसी लड़ाई उत्तर प्रदेश की राजनीति पर गहरा असर डाल सकती है
जेल और जमानत का खेल
जमानत देने के मामले में अदालतें अक्सर किसी ठोस मानदंड का पालन नहीं करतीं. इससे आरोपियों के आजादी के अधिकार की अनदेखी हुई है और साथ ही जेलों में कैदियों की संख्या बेहिसाब बढ़ गई है. अब वक्त आ गया है कि एक जमानत कानून बनाया जाए और न्यायिक ढांचे में आमूलचूल बदलाव किया जाए
लोकप्रिय होता पारंपरिक इलाज
महामारी के बाद स्वास्थ्य और आरोग्य बाजार में आया बड़ा उछाल आयुर्वेदिक उपचार मुख्यधारा का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा बन रहा है
सत्ताधीश
नौकरशाह नरेंद्र मोदी सरकार के लिए अपरिहार्य हैं. सरकार के पहले कार्यकाल में यह यथार्थबोध अच्छा रहा. अपने दूसरे कार्यकाल के बीच में सरकार ने प्रमुख नौकरशाहों के एक समूह पर इतनी निर्भरता बढ़ा दी है, जितना हाल के वर्षों में किसी प्रशासन में शायद ही देखा गया हो. अधिकारी विनिवेश से लेकर रक्षा मंत्रालय के पुनर्गठन तक न केवल अहम नीतिगत निर्णय लेते हैं, बल्कि उन्हें लागू भी करते हैं. उन्हें सरकार के प्रदर्शन के लिए निर्णायक माना जाता है. दक्षता और उपलब्धि का पुरस्कार सेवाविस्तार के रूप में मिलता है. प्रमुख नौकरशाह सेवानिवृत्ति के बाद पीएमओ में सलाहकार रख लिए जाते हैं. इंदिरा गांधी के बाद से मोदी सरकार का प्रधानमंत्री कार्यालय यकीनन सबसे ताकतवर है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था और कोविङ-19 प्रबंधन तक शासन के हर पहलू को प्रभावित करता है. पूर्व नौकरशाह केंद्रीय मंत्रिमंडल तक पहुंच रहे हैं. जुलाई 2021 के फेरबदल के बाद कैबिनेट में रिकॉर्ड पांच पूर्व ब्यूरोक्रेट हैं-हरदीप पुरी, एस. जयशंकर, आर.के. सिंह, आर.पी. सिंह और अश्विनी वैष्णव. पीएमओ में दो प्रमुख पूर्व लोकसेवकप्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्र और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है. नौकरशाही का स्वर्ण युग है यह !
सत्ता के खिलाड़ी
पिछले साल पूरी दुनिया पर धावा बोल देने वाली कोविड महामारी ने न केवल लाखों लोगों की जाने लीं और अर्थव्यवस्थाओं को बर्बाद कर दिया, बल्कि कई भूभागों की राजनैतिक व्यवस्था में भी रद्दोबदल कर डाला. भारत विनाशकारी वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में था, पर यहां कोविड का राजनैतिक असर अभी तक सामने नहीं आया है. मार्च 2020 में महामारी का प्रकोप होने के बाद छह राज्यों में चुनाव हुए, सभी अप्रैल 2021 की शुरुआत में देश में कोविड की दूसरी लहर की दस्तक से पहले. लेकिन इन राज्यों के चुनाव अभियान में कोविड चुनावी मुद्दा नहीं था. देश की राजनैतिक सत्ता व्यवस्था मोटे तौर पर जस की तस बनी हुई है, जिसमें आरएसएस-भाजपा का तंत्र शीर्ष पर मजबूती से कायम है. कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा सरकार के खिलाफ अकेली राष्ट्रीय आवाज बने हुए हैं, पर हाल के सियासी आंदोलनों ने नए सत्ता केंद्रों के रूप में क्षेत्रीय क्षत्रपों को उभरते देखा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए चलाए गए भाजपा के जबरदस्त अभियान का न केवल डटकर मुकाबला किया, बल्कि अब खुद को मोदी के विकल्प के तौर पर भी पेश कर रही हैं. इस चाहत में उन्हें मराठा दिग्गज शरद पवार के समर्थन की दरकार होगी. इंडिया टुडे की 2021 की सियासी सत्ता वाली सूची देश में राजनैतिक विमर्श को दिशा देने वाले सबसे मजबूत खिलाड़ियों का खाका पेश करती है.
आधे इधर, आधे उधर जाएंगे?
सिनेमाघरों के खुलने के ऐलान के साथ ही इससे जुड़े हजारों लोगों के चेहरे खिले. दूसरी ओर अब दर्शकों के उधर मुड़ने की संभावनाओं के मद्देनजर ओटीटी प्लेटफॉर्म भी बदल रहे रणनीति
शिखर समूह
इसे चाहे लचीलेपन की ताकत कह लें, लेकिन आगे के पन्नों पर नमूदार 50 दिग्गजों में से ज्यादातर ऊंचे और असरदार लोगों की हमारी सालाना फेहरिस्त में पिछले कई बार से बने हुए हैं. इसमें कोई शक नहीं कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट और उसकी वजह से घोर आर्थिक बदहाली के दौरान सत्ता, संपदा और शोहरत का कवच साथ होना अच्छा है और महामारी की शुरुआत के बाद यह 'रसूखदार लोगों' की हमारी दूसरी फेहरिस्त है. फिर भी ऐसे साल में जब बहुत-से नीचे की ओर लुढ़क रहे हों, कामयाबी की बागडोर थामे रखना सिर्फ विशेषाधिकार के बूते संभव नहीं. ऐसे अनिश्चित दौर में देश के कारोबार, संस्कृति और मनोरंजन जगत की प्रमुख शख्सियतें खुद को प्रासंगिक बनाए रखकर ही शिखर पर बनी रह सकती हैं. उद्योग दिग्गज दूसरी लहर के संकट के दौर में अनिवार्य सामान और सेवाएं मुहैया कर मैन्युफैक्चरिंग के पहियों को गति देते रहे. डिजिटल रुझान वालों को महामारी से भारी उछाल मिली. बड़ी फार्मा कंपनियों ने जरूरी दवाइयां मुहैया कराके रसूख और साख का नया आभामंडल हासिल किया. अब महामारी के आतंक की जगह उम्मीद का नाजुक एहसास अंगडाई ले रहा है, हमारी फेहरिस्त उनकी प्रतिभा और भूमिका की भी कायल है जो घोर अंधेरे दिनों में हमारा दिल बहलाते रहे और हमें एकजुट किए रखा.
दुनिया में देसी
पश्चिम के सर्वोच्च राजनैतिक पदों पर 'कमला', 'ऋषि' और 'प्रीति' का विराजमान होना महज वक्त की ही बात थी. हमारी जबान से इन नामों का इतनी सहजता से निकलना कहीं न कहीं बेहद रोमांचक है. इनसे जो अपनापन हमें महसूस होता है, वह पूरी तरह मनगढंत नहीं है. मौजूदा अमेरिकी उपराष्ट्रपति और ब्रिटिश चांसलर के साथ हमारी जो साझा सांस्कृतिक विरासत है, राष्ट्रीयता और वंशावली के अक्सर सीमित करने वाले रूपकों से आगे जाती है. ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल जब मैनचेस्टर में कंजरवेटिव पार्टी के साथियों के साथ 'सेवा' की अहमियत पर बात करती हैं, तो वे भारतीयता को अपने विमर्श का हिस्सा बना रही होती हैं.
सबसे पुरानी पार्टी के नए तेवर
अक्तूबर महीने की 16 तारीख को कांग्रेस कार्यसमिति ( (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान महासचिव (संगठन)के.सी. वेणुगोपाल ने पार्टी संगठन के लिए अरसे से लंबित चुनाव का कार्यक्रम जारी किया.
सोने सी खरी बात
जादुई सोचः कैसे काम करता है खेल जगत के दो ध्रुव तारों का दिमाग
वापसी की उड़ान
एयर इंडिया का निजीकरण देर से 1 सही केंद्र की मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत की तरह होनी चाहिए, जो कारोबार से छुटकारा पाकर राजकाज पर फोकस करने के वादे पर अपनी प्रत्यक्ष नाकामी पर काफी आलोचना की शिकार हो चुकी है. हालांकि एयर इंडिया के लिए टाटा घराने की 18,000 करोड़ रुपए की बोली कोई महाराजा की कीमत नहीं था, फिर भी टाटा की बोली केंद्र सरकार के रिजर्व प्राइस से 40 फीसद अधिक और दूसरी बोली लगाने वाले स्पाइस जेट के मालिक अजय सिंह से करीब 20 फीसद अधिक थी. हालांकि, इस सौदे से सरकार को 2,700 करोड़ रुपए ही मिलेंगे, बाकी 15,300 करोड़ रुपए का कर्ज टाटा के मत्थे रहेगा.
बेहतर ढंग से सामान्य स्थिति कैसे हो बहाल
जलवायु परिवर्तन से लेकर महामारी तक, अर्थव्यवस्था से लेकर भूराजनैतिक शक्ति परिवर्तन तक...इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 19वें संस्करण ने इस दशक में हमारी जिंदगियों को गढ़ने वाली चार बड़ी धाराओं को समझने का जतन किया
चलती का नाम इलेक्ट्रिक गाड़ी
मिशन इलेक्ट्रिकः पथ-प्रदर्शकों से मिलें. भारत कैसे हरित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री
घाटी में खौफ की वापसी
जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के एक कश्मीरी पंडित सामाजिक कार्यकर्ता (सुरक्षा कारणों से नाम नहीं दिया जा रहा है) पिछले एक पखवाड़े से पुलिस की हिफाजत में रह रहे हैं. 5 अक्तूबर की मध्यरात्रि पुलिस का एक जत्था आया और उन्हें उनके घर से एक किलोमीटर दूर ज्यादा सुरक्षित जगह ले गया. वे कहते हैं, "उन्होंने कहा कि मैं उग्रवादियों की रडार पर हूं और मुझे उनके साथ चलना होगा."