कर्नाटक के कई मुख्यमंत्रियों की तरह, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई बेंगलूरू में आलीशान मुख्यमंत्री आवास 'अनुग्रह' में नहीं रहते हैं. उनके कई पूर्ववर्ती इसे अशुभ मानते थे. बोम्मई ने भी पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एस. आर. बोम्मई के आरटी नगर में बनवाए अपने घर में रहना पसंद किया. लेकिन यह फैसला शायद अंधविश्वास के बजाए, सुविधा और व्यावहारिकता का था. पार्टी के दिग्गज बी. एस. येदियुरप्पा की जगह लाए गए बोम्मई को सिर्फ 21 महीने का वक्त मिला. इस महत्वपूर्ण दक्षिणी राज्य में भाजपा की सरकार बरकरार रखने की संभावनाएं कम हैं. पिछले 38 साल में कोई सरकार नहीं लौटी. हालांकि, बोम्मई और भाजपा को इस मिथक के टूटने की उम्मीद है. कर्नाटक में 10 मई के मतदान में दो मुख्य दावेदारों - भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की स्थिति है.
बड़ा दांव
चुनाव में दोनों राष्ट्रीय दलों के लिए बड़े दांव लगे हैं. भाजपा के लिए, कर्नाटक एकमात्र दक्षिणी राज्य है जहां उसके पास लोकसभा और विधानसभा दोनों में अच्छी-खासी सीटें हैं. राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पास 25 सीटें हैं. मौजूदा विधानसभा में 224 सीटों में से भाजपा के पास 118 सीटें हैं. हालांकि, वह 2018 के चुनावों के एक साल बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) या जेडी (एस) के 17 दलबदलुओं को शामिल करने के बाद ही बहुमत हासिल कर पाई. छह दक्षिणी राज्यों-कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु और पुदुच्चेरी- की 130 लोकसभा सीटों में भाजपा के पास कुल 29 सीटे हैं, जिनमें करीब 90 फीसद कर्नाटक में हैं. बाकी सभी पांच राज्यों की विधानसभाओं में पार्टी की कोई खास हैसियत नहीं है. कर्नाटक में जीत पड़ोसी तेलंगाना में भाजपा के अभियान को मजबूती देगी, जहां इसी दिसंबर में चुनाव होने हैं. बोम्मई ने इंडिया टुडे से कहा, "कांटे की लड़ाई है. जहां कर्नाटक कांग्रेस के लिए करो या मरो का चुनाव है, वहीं भाजपा के लिए भी इसे जीतना बहुत जरूरी है."
Diese Geschichte stammt aus der May 10, 2023-Ausgabe von India Today Hindi.
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