लवलीना बोरगोहैन, 26 वर्ष
मुक्केबाजी 75 किलोग्राम वर्ग
इस बार के ओलंपिक खेलों खेलों की स्ट्रीमिंग करने जा रहे जियो सिनेमा की शॉर्ट डॉक्युमेंट्री सीरीज द ड्रीमर्स में लवलीना बोरगोहैन कहती हैं, "अगर सहेंगे तभी तो चैंपियन बन पाएंगे." यह काम का उनका तरीका है जो शायद उन्हें अपने चाय बागान श्रमिक पिता से विरासत में मिला है. शुरू में मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित बोरगोहैन अरसे तक कांस्य पदक विजेता रहीं. तोक्यो ओलंपिक के बाद अपने वजन वर्ग को उन्होंने 69 से 75 किलोग्राम में बदलने का फैसला लिया. जल्द ही बेहतर नतीजे मिलने लगे. इसकी शुरुआत 2022 में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण और विश्व चैंपियनशिप खिताब तथा एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के साथ हुई. ओलंपिक में वरीयता पाने वाली एकमात्र भारतीय मुक्केबाज होने का मतलब है कि बोरगोहैन को एक और कांस्य पदक पक्का करने को बस दो जीत की दरकार है. हालांकि तीन बार की इस विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता ने पेरिस जाने से पहले बातचीत में जताया कि अबकी वे तमगे का रंग बदलना चाहती हैं. बेहतर है यह सोना हो.
अविनाश साबले, 29 वर्ष
स्टीपलचेज (3,000 मीटर)
Diese Geschichte stammt aus der July 31, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der July 31, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही