1 नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआइयू), बेंगलूरू
पिछले कुछेक सालों में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेन एआइ) का उभार देखते हुए नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआइयू) में टेक्नोलॉजी अहम फोकस वाला क्षेत्र बन गया है. एनएलएसआइयू के वाइस चांसलर सुधीर कृष्णस्वामी बताते हैं कि इसका मकसद जेन एआइ के फाउंडेशन और तकनीकों को समझते हुए लार्ज लैंग्वेज मॉडल कस्टमाइज करना है ताकि कानून के विभिन्न क्षेत्रों की सामग्री पर इसे लागू किया जा सके.
पिछले साल नवंबर में एनएलएसआइयू ने उपभोक्ता कानून के क्षेत्र में एआइ का इस्तेमाल करते हुए अनूठी शोध परियोजना शुरू की. आइआइटी बॉम्बे और उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ शुरू की गई यह परियोजना संभावना तलाशेगी कि लामा जैसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध लार्ज लैंग्वेज मॉडल (लामा) का इस्तेमाल भारत की उपभोक्ता शिकायत निबटान प्रणाली में दक्षता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक समाधान दिलाने में किस तरह किया जा सकता है. इस पहल का उद्देश्य शिकायतें लिखने की प्रक्रिया के पहलुओं में उपभोक्ता को गाइड करने के लिए चैटबॉट की अवधारणा को व्यावहारिक बनाना और भारत में उपभोक्ता कानून से संबंधित सवालों के जवाब देना भी है. स केस से जुड़े कानून खोजने और दस्तावेजों के सार के लिए वह निर्णय में सहायक टूल डिजाइन करेगा जिससे उपभोक्ता मामलों में न्यायिक अधिकारियों को मदद मिल सके.
Diese Geschichte stammt aus der August 07, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der August 07, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.