अगस्त के महीने में कभी-कभी, यहां तक कि भारी बारिश के दौरान भी, ऐसे दिन होते हैं जब आसमान चमकीला नीला होता है और पेड़ों के झुरमुट के ऊपर सूरज चमकता है. ऐसे दिनों में लगभग ऐसा लगता है कि आप दूर, बहुत दूर तक देख सकते हैं. आज भी कुछ वैसा ही दिन है. अपने दिमाग की आंखों सेरा हम दूर तक देखें, कल्पना करें कि भविष्य में एक स्कूल किस तरह का हो सकता है.
आधार का निर्माण: छोटे बच्चों के स्कूल में एक बड़े अहाते के चारों ओर चार कमरे हैं. इनमें से हरेक कमरे में दरवाजा होता है जो पास के कमरे को जोड़ता है. स्कूल भवन के बाहर चारों ओर चौड़े बरामदे हैं. कमरे चमकीले रंग से पुते हैं, दीवारें बच्चों की कलाकृतियों से सुसज्जित हैं. अलमारियों में रखी रंग-बिरंगी किताबें और दिलचस्प खिलौने और सामग्री हरेक को छूने, सूंघने, देखने और इस्तेमाल करने के लिए बुलावा देती हैं. हालांकि यह स्कूल खासतौर पर चार से आठ साल के बीच की उम्र के बच्चों के लिए है, परिवारों का स्वागत है. युवा माता-पिता, सगे भाई-बहन और दादा-दादी स्कूल आना और अपने बच्चों और दूसरों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं. सीखने की मजबूत बुनियाद बनाने के लिए छोटे बच्चों को सभी क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों से परिचित कराना चाहिए. आधार के चरण में उद्देश्य बच्चों को ऐसे विभिन्न कौशल सीखने और अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है जो उन्हें अपने आसपास की दुनिया खोजने में सक्षम बनाए. बच्चे की जिंदगी का यह दौर उम्र हिसाब से कक्षा बढ़ने की सीढ़ियों के बजाए सतत विकास के रूप में देखा जाना चाहिए.
Diese Geschichte stammt aus der August 28, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
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