क्रांति के बीज
India Today Hindi|August 28, 2024
भारत में खेती लायक जो जमीन है, अब उसके एक-तिहाई हिस्से में बागवानी होने लगी है. यह पैदावार के मामले में अनाजों से आगे निकल चुकी है और कृषि निर्यात में गेमचेंजर साबित हो सकती है
अमरनाथ के. मेनन
क्रांति के बीज

बागवानी की पैदावार में अब भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे पायदान पर है. फिर भी उसमें दुनिया के लिए ताजे फलों और सब्जियों की डलिया के रूप में बढ़ने की अकूत क्षमता है. देश ने 2023-24 में 11.26 करोड़ टन फल और 20.5 करोड़ टन सब्जियां उगाईं. हम पहले ही फलों में केले, आम और पपीता और सब्जियों में प्याज, अदरक और भिंडी की पैदावार में सबसे आगे हैं. दिक्कत निर्यात में है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उपज निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए या एपीडा) का कहना है कि हमने 2023-24 में 1.8 अरब डॉलर (15,039 करोड़ रुपए) के ताजे फलों और सब्जियों का और 2.5 अरब डॉलर (20,623 करोड़ रुपए) के प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों का निर्यात किया. लेकिन बागवानी की उपज के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी अब भी बहुत कम महज 1.1 फीसद है. अत्याधुनिक कोल्ड चेन का बुनियादी ढांचा बनाने और गुणवत्ता का भरोसा दिलाने वाले उपाय करने की पहल चल रही है, पर अभी-भी काफी लंबा रास्ता तय करना है. कृषि सुधारों के पक्ष में अभियान चलाने वाले और भारतीय किसान संघों के परिसंघ के महासचिव पी. चेंगल रेड्डी कहते हैं, “किसान हमारी जिंदगी में अनिवार्य भूमिका निभाते हैं, पर उनकी जरूरतें प्राथमिकता नहीं हैं. उनके पास उपज का निर्यात बाजार नहीं है और वे महज वोट बैंक बनकर रह गए हैं." वे इस पर भी जोर देते हैं कि बागवानी का निर्यात जिंदगियों में बदलाव लाने में उत्प्रेरक हो सकता है.

कृषि के विकास में बागवानी पहले ही अहम भूमिका निभा रही है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उसका योगदान 30.4 फीसद है, जबकि वह सकल फसल क्षेत्र के महज 13.1 फीसद का ही इस्तेमाल करती है. यह कृषि के जीवीए (सकल मूल्य संवर्धित) में भी करीब 33 फीसद का योगदान देती है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में अच्छा-खासा योगदान है. दरअसल, बागवानी के तहत आने वाला क्षेत्रफल अगर 50 फीसद तक बढ़ जाए, तो यह लंबे वक्त से किए जा रहे 'किसानों की आमदनी दोगुनी करने' के वादे को अपने आप पूरा कर सकती है. भारत 23 लाख एकड़ के साथ जैविक कृषि क्षेत्र के मामले में भी पांचवां सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है और दुनिया के सबसे ज्यादा जैविक किसान यहीं रहते हैं. कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक समग्र जैविक खेती उद्योग के 2026 तक 10.1 अरब डॉलर (84,797 लाख करोड़ रुपए) का हो जाने की उम्मीद है.

Diese Geschichte stammt aus der August 28, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der August 28, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS INDIA TODAY HINDIAlle anzeigen
परदेस में परचम
India Today Hindi

परदेस में परचम

भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.

time-read
4 Minuten  |
November 13, 2024
भारत का विशाल कला मंच
India Today Hindi

भारत का विशाल कला मंच

सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.

time-read
3 Minuten  |
November 13, 2024
सपनों के सौदागर
India Today Hindi

सपनों के सौदागर

हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.

time-read
4 Minuten  |
November 13, 2024
पासा पलटने वाले महारथी
India Today Hindi

पासा पलटने वाले महारथी

दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.

time-read
4 Minuten  |
November 13, 2024
गुरु और गाइड
India Today Hindi

गुरु और गाइड

अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.

time-read
4 Minuten  |
November 13, 2024
निडर नवाचारी
India Today Hindi

निडर नवाचारी

खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.

time-read
4 Minuten  |
November 13, 2024
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
India Today Hindi

अलहदा और असाधारण शख्सियतें

किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.

time-read
6 Minuten  |
November 13, 2024
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
India Today Hindi

अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे

महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.

time-read
10 Minuten  |
November 13, 2024
बोर्डरूम के बादशाह
India Today Hindi

बोर्डरूम के बादशाह

ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.

time-read
9 Minuten  |
November 13, 2024
देश के फौलादी कवच
India Today Hindi

देश के फौलादी कवच

लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.

time-read
10 Minuten  |
November 13, 2024