पासा पलटने वाले महारथी
India Today Hindi|November 13, 2024
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
अमिताभ श्रीवास्तव, सुहानी सिंह और कौशिक डेका
पासा पलटने वाले महारथी

पिछले साल नवंबर में एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारी निराशा हाथ लगी थी, जिसकी कसक इस साल जून में टी20 विश्व कप में शानदार जीत से छू-मंतर हो गई. पूर्व की हार का हिस्सा रहे कई लोगों के लिए मानो यह सीने से किसी बोझ के उतरने का शानदार पल था. खेल में हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली लोगों के इस साल के जश्न में ऐसी शख्सियतें अधिक हैं जो अग्निपरीक्षा से गुजरी हैं और नई चमक के साथ उस मुश्किल से बाहर निकली हैं. हमारी क्रिकेट की दुनिया के दो दिग्गज, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और टीम के साथी विराट कोहली बारबेडोस फाइनल में अपने सीने से बोझ उतारने में कामयाब रहे और सूर्यकुमार यादव भी, जो हर दिन अपनी बल्लेबाजी के जरिए असंभव को भी सामान्य बनाने का आनंद उठाते हैं.

क्रिकेट की पिच से इतर देखें, तो यह साल हमारे ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए भी आसान नहीं रहा. ओलंपिक के हमारे कई स्टार दावेदार चूक गए और पदक हासिल नहीं कर सके. मगर अपने सीने से बोझ का उतरना यहां फिर से प्रमुख बात बन गई. पिस्टल क्वीन मनु भाकर इस साल पेरिस ओलंपिक में एक नहीं बल्कि दो पदक हासिल करके टोक्यो ओलंपिक की कसक मिटाने में सफल रहीं. भारत की हॉकी टीम स्वर्ण पदक की काफी प्रबल दावेदार थी, मगर अंत में इसे कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. उसी जीत में कप्तान हरमनप्रीत सिंह की बड़ी भूमिका थी, और टूर्नामेंट में उनके 10 गोल उसी दास्तान का हिस्सा हैं.

खेल के अन्य मामलों में भी युवा दुनिया पर छा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन जय शाह, महज 35 साल की उम्र में इस अव्वल पद पर पहुंचने वाली सबसे युवा शख्सियत हैं. वहीं, 18 साल के डी. गुकेश पहले से ही विश्व शतरंज चैंपियनशिप चैलेंजर हैं. ये लोग फिर से इस बात को साबित करते हैं कि भारत में खेल का भविष्य सुरक्षित हाथों में है.

दे दनादन

टेस्ट, वनडे और टी20 में रोहित ने हैरतअंगेज तरीके से 620 छक्के लगाने का रिकॉर्ड बनाया. यह बेहद खास उपलब्धि है। क्योंकि कोई भी सक्रिय क्रिकेटर 350 छक्के भी नहीं लगा सका है

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